पटना: बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक इन लगातार स्कूलों का निरीक्षण कर रहे हैं. उनके आदेश पर पिछले कुछ दिनों से सरकारी स्कूलों की व्यवस्था और पठन-पाठन को लेकर रिपोर्ट भी मांगी जा रही है लेकिन जिन पर इसकी जिम्मेदारी दी गई है, उनकी खुद की 'शिक्षा' और हिंदी का जानकारी उनके हाथों लिखी रिपोर्ट बताती है, जिसमें गलतियों की भरमार है.
22 शब्दों में 10 से ज्यादा अशुद्धियां: सरकारी स्कूल का निरीक्षण करने के बाद विकास मित्र ने जो रिपोर्ट भेजी है, उसमें कई गलतियां हैं. अशुद्धियों से भरी रिपोर्ट खूब वायरल हो रही है. 22 शब्दों में लिखी गई रिपोर्ट में 10 से अधिक अशुद्धियां हैं, इसी से समझा जा सकता है कि मैडम को हिंदी की कितनी नॉलेज है. यहां तक कि निरीक्षण और पठन-पाठन तक सही नहीं लिख पाईं.
इतनी अशुद्धियां तो बच्चे भी नहीं करते: रोहतास जिले के नासरीगंज स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय चरगोरिया का निरीक्षण करने के बाद निरीक्षक रहीं रीना कुमारी की इस रिपोर्ट में इतनी गलतियां हैं, जितनी वहां के बच्चे भी नहीं करते होंगे. रिपोर्ट में उपस्थित, पठन-पाठन, निरीक्षण, उसमें, यहां जैसे साधारण शब्द भी गलत लिखे थे. इतना ही नहीं रिपोर्ट में 12 pm की जगह 12 am लिखा है.
शिक्षक संघ ने केके पाठक पर उठाया सवाल: निरीक्षक की रिपोर्ट वायरल होने के बाद शिक्षक संघ ने अपर मुख्य सचिव केके पाठक पर सवाल उठाया है. संघ ने कहा कि जो 4 लाइन शुद्ध हिंदी नहीं लिख पाती, वो स्कूलों का निरीक्षण कर रही हैं. अपर मुख्य सचिव जानबूझकर शिक्षकों की योग्यता और गरिमा का मजाक उड़वा रहे हैं. राज्य सरकार को विकास मित्र की रिपोर्ट पढ़े, तभी शिक्षा व्यवस्था की सच्चाई समझ में आएगी.
"आश्चर्यजनक बात है कि जो खुद 4 लाइन शुद्ध हिंदी नहीं लिख पाती वो स्कूलों के पठन-पाठन और व्यवस्था का निरीक्षण कर रही हैं. ये सरकार अपने शिक्षकों की योग्यता और गरिमा का मजाक उड़वा रही है. अपर मुख्य सचिव को भी रिपोर्ट पढ़ना चाहिए"- सदस्य, बिहार शिक्षक संघ