जोधपुर. शहर के कडवड थाना क्षेत्र स्थित सीआरपीएफ के प्रशिक्षण केंद्र में तीन साल में तीन सुसाइड हो चुके हैं. सोमवार को खुद को गोली मारने वाले नरेश से पहले (CRPF Center Suicide Case) यहां दो अफसरों ने भी अपनी जान दे दी थी. उनमें भी अधिकारियों के दबाव की बात सामने आई थी. प्रताड़ना से परेशान होकर ही उन्होंने अपनी जान दी थी. नरेश की घटना के बाद मंगलवार को मोर्चरी पर 24 दिसंबर 2021 में सुसाइड करने वाले सब इंस्पेक्टर विकास कुमार की पत्नी सविता भी पहुंची. उन्होंने जो बताया, वह बहुत हैरान करने वाला है. सविता ने बताया कि सहायक कमांडेट संजय और डीआईजी की वजह से उनके पति को खुदकुशी करनी पड़ी थाी.
सविता के अनुसार (Wife of deceased SI Vikas Kumar) उस दिन तीन दिन की छुट्टी सैंक्शन हो गई थी. विकास घर आने वाले थे. उस दिन सुबह उन्हें सब्जी लाने की ड्यूटी दी गई थी. सब्जी लेकर आने के बाद शाम को घर जाने के लिए गाड़ी के पास गए थे. उसी समय सहायक कमांडेट संजय ने बुलाया कि तुम खराब पपीता कैसे लेकर आए. इसको लेकर खूब भला बुरा सुनाया. उसके बाद डीआईजी ने भी डांटा, क्योंकि पपीता डीआईजी के घर गया था. अंदर से खराब निकलने के बाद डीआईजी की पत्नी ने पपीता ऑफिस भेज दिया, जिससे डीआईजी नाराज हो गए.
उन्होंने उसे इतना कहा कि विकास ने घर रवाना होने की बजाय (Serious Allegations on Officers) कमरे में जाकर सुसाइड कर ली. वह अपमान सहन नहीं कर सका था. सविता के अनुसार उसे अभी तक न्याय नहीं मिला है. विकास की मौत के जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. उसके पति ने इस केंद्र के लिए रात-दिन मेहनत की थी. इससे पहले वह छत्तीसगढ भी रह चुके थे, लेकिन यह अधिकारी उसे परेशान करने में लगे थे. विकास का प्रमोशन होने वाला था. इसको लेकर वह परेशान था कि उसकी वर्दी पर एक स्टार बढ़ने वाला है, लेकिन यह बढ़ने नहीं देंगे.
इंस्पेक्टर ने भी की थी आत्महत्या : प्रशिक्षण केंद्र के निर्माण से जुडे इंस्पेक्टर ने सबसे पहले यहां आत्महत्या की थी. बिल्डिंग का ले-आउट बनाने में शामिल रहे मेरठ निवासी इंस्पेक्टर संदीप गिरी ने सुसाइड किया था. वे इंजीनियर थे. भवन तो सीपीडब्ल्यूडी बना रही थी, लेकिन आरोप है कि सीनियर्स उन्हें भ्रष्टाचार में लिप्त करना चाह रहे थे. परेशान होकर संदीप ने 2019 में आत्महत्या कर ली. उस मामले को भी रफा-दफा कर दिया गया.