जयपुर. राजधानी जयपुर के आसमान में भले ही बादल और धुंध है, लेकिन सियासी आसमान में छाई धुंध छंट चुकी है और अब ये साफ हो गया है कि जनता ने पांच साल के लिए सत्ता की चाबी भाजपा को सौंप दी है. इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रविवार को दोपहर 2 बजे पीसीसी वॉर रूम पहुंचे, जहां उन्होंने करीब 3 घंटे तक चुनावी नतीजों को लेकर मंथन किया. इसके बाद शाम को करीब 5 बजे वॉर रूम से पैदल ही बाहर आए. इस दौरान मीडियाकर्मियों से रूबरू हुए सीएम ने कहा, ''ये नतीजे चौंकाने वाले हैं. इसमें कोई दो राय नहीं हैं. ऐसी उम्मीद किसी को नहीं थी. हमें उम्मीद थी कि हमें इस बार जनता का आशीर्वाद मिलेगा. अब जनता का जो भी मेंडेट आया है. वह विनम्रता से स्वीकार है. हमने पहले भी कहा है कि जनता माई बाप है. लोकतंत्र में जो फैसला आएगा. उसको हम विनम्रता से स्वीकार करेंगे.''
गहलोत ने आगे कहा,''नई सरकार जो बनेगी. उसे हमारी शुभकामनाएं हैं. अच्छे काम करके दिखाए. यह हमारी उनके साथ भावना रहेगी. उनके साथ हमारा पूरा सहयोग रहेगा.''
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योजनाओं की देशभर में चर्चा : गहलोत ने कहा, ''ये लगता है कि हमारी जो शानदार योजनाएं थी. हमने ऐतिहासिक कानून बनाए, जिनकी पूरे देश में चर्चा हुई. हमने ऐसी योजनाएं बनाई, जिनकी पूरे देश में चर्चा हो रही है. पहली बार राजस्थान की चर्चा देश के हर राज्य में हुई है. हमने जो गारंटी दी. वो भी शानदार रही है. उसके बावजूद जो नतीजे आए हैं, वो चौंकाने वाले हैं.''
छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश में भी आशा के विपरीत परिणाम : आशा के अनुरूप नतीजे नहीं आने से जुड़े एक सवाल के जवाब में अशोक गहलोत ने कहा, ''छत्तीसगढ़ में भी जो उम्मीद थी. उसके विपरीत नतीजे आए हैं. मध्यप्रदेश में भी ऐसा ही हुआ है. जब तीन राज्यों के परिणाम आए हैं तो मैं समझता हूं कि यह सोच का विषय है. हम इसे एग्जामिन करेंगे कि क्या कारण रहे होंगे इनके पीछे. हम पता करेंगे कि ऐसे परिणामों के क्या कारण रहे होंगे.''
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नए चेहरे लाते तो जीत जाते, यह बात गलत : गहलोत ने कहा, ''यह जो प्रॉब्लम यहां थी. हम भी जानते हैं कि नए चेहरे लाने की बात थी. नए चेहरे आने चाहिए, लेकिन यह मांग मध्यप्रदेश में तो थी ही नहीं. छत्तीसगढ़ में भी नहीं थी, लेकिन वहां भी चुनाव हारे हैं हम लोग. यह कहना कि नए चेहरे आते तो जीत जाते. पूरी तरह से गलत बात है. दूसरी बात यह है कि जो सर्वे आए थे. उसमें अगर किसी के खिलाफ एंटीइंकम्बेंसी थी तो कोई ऑप्शन नहीं था. इस तरह के हालात बन गए थे. इसलिए जो फैसले हम करना चाहते थे. वो नहीं हो पाए.''
प्रदेश के लोगों के बीच रहकर सेवा करूंगा : वे खुद अपना क्या रोल देखते हैं. इस सवाल पर उन्होंने कहा, ''मैं तो जनसेवक हूं. मैंने कहा कि अंतिम सांस तक मैं कांग्रेस पार्टी की सेवा करता रहूंगा. फिर भले ही मैं किसी पद पर रहूं या नहीं. मुझे तो सेवा का बचपन से शौक है. उसी के तहत मैं काम करता रहूंगा. प्रदेशवासियों के बीच में रहूंगा और उनकी सेवा करता रहूंगा.''
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लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर भी पड़ेगा असर : इन चुनाव परिणाम के बाद INDIA गठबंधन की लोकसभा चुनाव की तैयारियों को धक्का लगने के सवाल पर अशोक गहलोत ने कहा, ''इन बातों का फर्क तो पड़ा ही है. चुनाव में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने कोई कमी नहीं रखी. हमारे नेतृत्व ने जमकर चुनाव अभियान में प्रचार किया. हमारी योजनाएं इतनी शानदार थी कि हमें उम्मीद थी कि इनके आधार पर हमारी सरकार बनेगी. लेकिन नहीं बन पाई. मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज भी कहा है कि जो हुआ सो हुआ. हम इसको भी देखंगे कि क्या कारण रहे होंगे. आगे लोकसभा चुनाव को लेकर हमें तैयारी करनी है.''
उम्मीद थी कि जनता भाजपा से बदला लेगी : गहलोत ने कहा, ''कार्यकर्ताओं से मैं यह कहना चाहूंगा कि चुनाव में हार और जीत होती रहती है. कई कारण बन जाते हैं. उसमें जो पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और जितने लोग बाहर से आए और मेरे ऊपर धावा बोला. उनका टारगेट था क्योंकि वे सरकार गिरा नहीं पाए. मुझे उम्मीद थी कि जनता बदला लेगी उनके कि आप लोग लोकतंत्र की हत्या कर रहे थे. सरकार गिराने के लिए हॉर्स ट्रेडिंग कर रहे थे. हो सकता है जनता वह बात समझ नहीं पाई हो.''