जयपुर. राजस्थान को शुक्रवार को भजनलाल शर्मा के रूप में नया मुख्यमंत्री मिल गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में राज्यपाल कलराज मिश्र ने रामनिवास बाग में आयोजित भव्य शपथ ग्रहण समारोह में भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई. इसके साथ ही दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा ने उपमुख्यमंत्री के रूप में पद व गोपनीयता की शपथ ली.
ये रहे समारोह में मौजूद : शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शामिल हुए. इनके अलावा समारोह में नवनिर्वाचित विधायक, स्वयंसेवक और बड़ी संख्या में आम नागरिक भी शरीक हुए. वहीं, मुख्य सचिव उषा शर्मा ने शपथ ग्रहण से संबंधित कार्यवाही का संचालन किया. इसके बाद सभी ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का अभिनंदन करते हुए उन्हें बधाई दी.
एक युग का हुआ समापन : भाजपा में एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू करने वाले भजनलाल शर्मा राजस्थान के 14वें मुख्यमंत्री बन गए. खास बात है कि उन्होंने अपने 55वें जन्मदिन पर भव्य समारोह के जरिए शपथ ली. इसके साथ ही राजस्थान की राजनीति में पिछले 25 सालों से चले आ रहे अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री बनने का सिलसिला भी समाप्त हो गया. राजस्थान की जनता साल 1998 से लेकर अब तक बारी-बारी से अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे को ही मुख्यमंत्री के रूप में देखते आ रही थी यानी करीब 25 सालों बाद राजस्थान की राजनीति में एक नया फेस सीएम के रूप में देखने को मिला.
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समारोह में बने थे तीन मंच : समारोह स्थल पर तीन मंच तैयार किए गए थे. एक मंच पर देशभर से आए साधु-संतों को बैठाया गया था. वहीं, दूसरे मंच पर केंद्रीय मंत्री, पूर्व सीएम, प्रदेश प्रभारी सहित तमाम बड़े नेता मौजूद रहे तो तीसरा मंच शपथ के लिए बनाया गया था, जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल कलराज मिश्र और शपथ लेने वाले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा बैठे थे.
साथ बैठे नजर आए गहलोत, गजेंद्र और राजे : शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कई रोचक दृश्य देखने को मिले. एक मंच पर पीएम मोदी, राज्यपाल और सीएम व डिप्टी सीएम मौजूद थे तो दूसरे मंच पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत, वसुंधरा राजे और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत एक साथ बैठे नजर आए. राजनीतिक रूप से तीनों ही नेता एक-दूसरे के घोर विरोधी माने जाते हैं, लेकिन शुक्रवार को तीनों एक साथ बैठकर आपस में चर्चा करते दिखे.
बता दें कि पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर संजीवनी घोटाले में लिप्त होने का आरोप लगाया था. साथ ही कई मौकों पर उन्हें लेकर विवादित बयान भी दे चुके हैं. वहीं, इसी मामले में गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी गहलोत के खिलाफ मानहानि का केस दायर कर रखा है, जिसका मामला कोर्ट में विचाराधीन है.