भरतपुर. कहते हैं मन के हारे हार है, मन के जीते जीत. यदि इंसान में हौसला है तो वो हर विपरीत परिस्थिति का भी डटकर मुकाबला कर सकता है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है राजस्थान के भरतपुर जिले के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. जगवीर सिंह ने. दो वर्ष पूर्व एक सड़क दुर्घटना में जगवीर को गंभीर चोट लगी और उनका सीने से नीचे का पूरा शरीर निष्क्रिय हो गया. वो जगवीर जो हर दिन कई किलोमीटर तक साइकिल दौड़ाते थे, वो अब व्हीलचेयर पर आ गए, लेकिन जुनून और हौसले के दम पर अब डॉ. जगवीर ने अपने 58 वें जन्मदिन पर कमाल कर दिखाया है. उन्होंने सिर्फ हाथों से तैरकर 5.8 किलोमीटर की दूरी तय की है. अपनी इस उपलब्धि को वे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए भेजेंगे.
दो साल पहले हुई दुर्घटना ने दिया जख्म : डॉ. जगवीर सिंह ने बताया कि वर्ष 2018 में नियमित रूप से साइकिल चलाना शुरू किया था. हर दिन 50 से 100 किमी साइकिल चलाते और लोगों को भी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करते थे. नवंबर 2021 में पुणे में एक साइकिल कॉम्पिटिशन के दौरान भीषण दुर्घटना हुई, जिससे उनकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट पहुंची. इसके चलते उनके छाती से नीचे का पूरा शरीर निष्क्रिय हो गया, पैर सुन्न पड़ गए और साइकिल तो छूट ही गई.
घर में तैयार करवाया साइकिल ट्रैक : उन्होंने बताया कि अमेरिका में कई माह उपचार चलने के बाद वह घर लौटे. दुर्घटना ने गहरा जख्म दिया लेकिन जगवीर ने हिम्मत नहीं हारी. अब जगवीर पैर वाली साइकिल नहीं चला सकते थे, इसलिए हाथ से चलने वाली ट्राइसाइकिल को अपनाया. घर में ही करीब 130 मीटर का साइकिल ट्रैक तैयार करवा कर ट्राइसाइकिल चलाना शुरू किया और जिंदगी फिर से पटरी पर लौटने लगी.
6 माह पहले 24 मीटर भी नहीं तैर पाए : डॉ. जगवीर ने बताया कि ट्राइसाइकिल के बाद 6 माह पूर्व से डॉ. जगवीर ने घर में ही बने स्विमिंग पूल में तैरना शुरू किया. पैर बिल्कुल काम नहीं कर रहे थे, सिर्फ हाथों से तैरना था. पहले दिन 24-25 मीटर भी नहीं तैर पाए, लेकिन लगातार प्रैक्टिस करते रहे. धीरे-धीरे तैरने का लक्ष्य बढ़ाते गए. 25 अक्टूबर को अपने 58वें जन्मदिन पर डॉ. जगवीर ने अपने स्विमिंग पूल में सुबह 6.46 बजे तैरना शुरू किया और दोपहर 12.04 बजे तक पूल के 121 चक्कर लगाकर 5.8 किमी की तैराकी पूरी की. उन्होंने अपनी इस उपलब्धि को कई प्रबुद्ध लोगों की मौजूदगी में हासिल किया. इसे रिकॉर्ड कर के गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए भेजा है.
जुनून की कहानी
- 53वें जन्मदिन पर डॉ जगवीर सिंह ने 53 किमी की दौड़ लगाई.
- 54वें जन्मदिन पर बिना सीट की साइकिल 54 किमी तक दौड़ाई.
- 55वें जन्मदिन पर 55 दिन तक हर दिन 55 किमी साइकिल चलाई.
व्हीलचेयर पर बैठकर 125 से ज्यादा ऑपरेशन : डॉ. जगवीर सिंह ने बताया कि दुर्घटना के चार माह बाद ही उन्होंने फिर से मरीज देखना शुरू कर दिया था. अब व्हीलचेयर पर ही हर दिन अपने अस्पताल के आउटडोर में दर्जनों मरीजों को परामर्श देते हैं. बीते करीब डेढ़ साल में व्हीलचेयर पर ही 125 से ज्यादा ऑपरेशन कर चुके हैं.