मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता ने मंत्री एवं राकांपा नेता नवाब मलिक को मानहानि का नोटिस भेजा है. अमृता फडणवीस ने नवाब मलिक को उनके कथित मानहानिकारक ट्वीट्स के माध्यम से 'अपने परिवार की छवि खराब करने' के लिए कानूनी नोटिस भेजा है.
दरअसल नवाब मलिक ने एक कथित मादक पदार्थ तस्कर के साथ पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस की एक तस्वीर ट्वीट की थी. अमृता फडणवीस ने उसके बाद नवाब मलिक पर निशाना साधते हुए कहा था कि वो एक बिगड़े नवाब हैं.
उन्होंने कहा था कि 'मेरी और देवेंद्र की अलग-अलग पहचान है. अगर कोई मुझ पर आरोप लगाता है तो मैं उसे कभी नहीं छोड़ती नवाब भी बेनकाब हो जाएंगे, ये तो समय की बात है. अगर वो पुरुष हैं तो मेरे माध्यम से देवेंद्र को निशाना न बनाएं.'
अमृता का कहना था कि वह कोई राजनेता नहीं, बल्कि एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं. जब मुंबई शिफ्ट हुई तो मुंबई में नदियों की दयनीय स्थिति देखी. रिवर मार्च नाम के एक संगठन के संपर्क में आई और काम शुरू किया.
अमृता ने कहा था कि इस पर कोई सवाल नहीं उठा सकता और अगर कोई ऐसा करता है तो उन्हें नहीं छोड़ूंगी. पहले हमें गाने के लिए ट्रोल किया गया और अब हमें ड्रगिस्ट बताकर ट्रोल कर रहे हैं? न देवेंद्र उसे जानते थे और ना मैं. वहां मौजूद सभी लोगों ने हमारे साथ तस्वीरें क्लिक की थीं. इसी तस्वीर को लेकर नवाब मलिक निशाना साध रहे हैं, जिसे लेकर अमृता ने मानहानि का नोटिस भेजा है.
इससे पहले नवाब मलिक के दामाद समीर खान ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर 'बिना किसी आधार के आरोप' लगाने के लिए पांच करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा और उनसे लिखित माफी की भी मांग की थी. हालांकि राज्य भाजपा के एक प्रवक्ता ने कहा कि वे कानूनी रूप से नोटिस का जवाब देंगे.
नवाब मलिक की बेटी नीलोफर मलिक खान ने गुरुवार को अपने ट्विटर हैंडल पर 10 नवंबर के कानूनी नोटिस का एक स्नैपशॉट भी पोस्ट किया. उन्होंने ट्वीट किया, 'झूठे आरोप जीवन को बर्बाद कर देते हैं, इससे पहले कि कोई आरोप लगाए या निंदा करे, उन्हें पता होना चाहिए कि वे किस बारे में बात कर रहे हैं. यह मानहानि नोटिस झूठे दावों और बयानों के लिए है जो फणनवीस ने मेरे परिवार पर लगाए हैं. हम पीछे नहीं हटेंगे.'
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समीर खान को इस साल जनवरी में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने कथित ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किया था. उन्हें सबूतों के अभाव में सितंबर में एक अदालत ने जमानत दे दी थी. फडणवीस को कानूनी नोटिस में समीर खान के वकील ने उल्लेख किया कि उनके मुवक्किल को एनसीबी द्वारा दर्ज एक मामले में 'झूठा फंसाया गया' था. जुलाई में आरोप पत्र दाखिल करने के बाद खान को जमानत पर रिहा कर दिया गया.