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Delhi dog fight case : कोर्ट का आदेश, नौ पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज हो FIR

रोहिणी कोर्ट ने बेगमपुर थाने के एसएचओ समेत सभी नौ पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफरआईआर दर्ज करने का निर्देश (Rohini Court order fir against Nine policemen) दिया है. उन पर हिरासत में हिंसा और डॉग फाइट से जुड़े आरोप हैं.

delhi dog fight case
दिल्ली कुत्ते की लड़ाई का मामला
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Published : Dec 24, 2021, 9:32 PM IST

नई दिल्ली : रोहिणी कोर्ट ने हिरासत में हिंसा और डॉग फाइट से जुड़ी घटना के मामले में रोहिणी जिले के डीसीपी को निर्देश दिया है कि वो बेगमपुर थाने के एसएचओ समेत उन सभी नौ पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करें (Rohini Court order fir against Nine policemen ), जो इस घटना में शामिल थे. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट बबरु भान ने आदेश की अनुपालना रिपोर्ट तीन जनवरी को दाखिल करने का निर्देश दिया है.

मामला आठ दिसंबर का है. शिकायतकर्ता गुरप्रीत कौर गिल और आरोपी प्रिंस गिल ने शिकायत की थी कि आरोपी की बर्बर तरीके से पिटाई की गई थी. आरोपी की पत्नी ने भी यही शिकायत की थी. इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब उन्हें कोर्ट के सामने पेशी के लिए लाया गया. आरोपी लड़खड़ाता हुआ दिखा, तब कोर्ट ने पुलिस ऑफिसरों से रिपोर्ट तलब की. पुलिस ऑफिसरों ने पुलिसकर्मियों पर लगाए गए आरोपों को गलत बताया.

आरोपी की बर्बरता से पिटाई के दौरान ही पालतू कुत्ते ने पुलिसवालों पर भौंक दिया था, जिसके बाद पुलिस ने अपने पिटबुल कुत्ते से पालतू कुत्ते की फाइट करवा दी थी.

कोर्ट ने पाया कि आरोपी की पत्नी की ओर से पेश वीडियो में पुलिस की थ्योरी झूठी नजर आ रही है. पुलिस ने कहा कि आवारा कुत्ते ने आरोपी के घर में घुसकर कुत्ते को काटा. कोर्ट ने कहा कि वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि एक आक्रोशित कुत्ते को पुलिस वर्दी में आए कुछ लोगों की ओर से उकसाया जा रहा है. महिलाएं दया की भीख मांगती दिख रही हैं. ऐसे में पुलिस की सफाई साक्ष्यों से मेल नहीं खाती है.

कोर्ट ने कहा कि यह सही है कि पुलिस को कठिन परिस्थितियों में अपना काम करना पड़ता है. इसके बावजूद पुलिस आरोपी को पकड़ने के लिए हिंसा का सहारा नहीं ले सकती है. ऐसा करना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.

पढ़ें :- पालतू कुत्ते ने पुलिसवालों पर भौंका तो पुलिस ने पिटबुल कुत्ते से उसकी फाइट करवा दी

कोर्ट ने डीसीपी को निर्देश दिया कि वो बेगमपुर थाने के एसएचओ अरविंद कुमार, एसआई निमेश, एएसआई नीरज राणा, कांस्टेबल सनी, अरुण, विनीत और उन अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करें. तीन अन्य पुलिसकर्मी अज्ञात हैं.

नई दिल्ली : रोहिणी कोर्ट ने हिरासत में हिंसा और डॉग फाइट से जुड़ी घटना के मामले में रोहिणी जिले के डीसीपी को निर्देश दिया है कि वो बेगमपुर थाने के एसएचओ समेत उन सभी नौ पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करें (Rohini Court order fir against Nine policemen ), जो इस घटना में शामिल थे. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट बबरु भान ने आदेश की अनुपालना रिपोर्ट तीन जनवरी को दाखिल करने का निर्देश दिया है.

मामला आठ दिसंबर का है. शिकायतकर्ता गुरप्रीत कौर गिल और आरोपी प्रिंस गिल ने शिकायत की थी कि आरोपी की बर्बर तरीके से पिटाई की गई थी. आरोपी की पत्नी ने भी यही शिकायत की थी. इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब उन्हें कोर्ट के सामने पेशी के लिए लाया गया. आरोपी लड़खड़ाता हुआ दिखा, तब कोर्ट ने पुलिस ऑफिसरों से रिपोर्ट तलब की. पुलिस ऑफिसरों ने पुलिसकर्मियों पर लगाए गए आरोपों को गलत बताया.

आरोपी की बर्बरता से पिटाई के दौरान ही पालतू कुत्ते ने पुलिसवालों पर भौंक दिया था, जिसके बाद पुलिस ने अपने पिटबुल कुत्ते से पालतू कुत्ते की फाइट करवा दी थी.

कोर्ट ने पाया कि आरोपी की पत्नी की ओर से पेश वीडियो में पुलिस की थ्योरी झूठी नजर आ रही है. पुलिस ने कहा कि आवारा कुत्ते ने आरोपी के घर में घुसकर कुत्ते को काटा. कोर्ट ने कहा कि वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि एक आक्रोशित कुत्ते को पुलिस वर्दी में आए कुछ लोगों की ओर से उकसाया जा रहा है. महिलाएं दया की भीख मांगती दिख रही हैं. ऐसे में पुलिस की सफाई साक्ष्यों से मेल नहीं खाती है.

कोर्ट ने कहा कि यह सही है कि पुलिस को कठिन परिस्थितियों में अपना काम करना पड़ता है. इसके बावजूद पुलिस आरोपी को पकड़ने के लिए हिंसा का सहारा नहीं ले सकती है. ऐसा करना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.

पढ़ें :- पालतू कुत्ते ने पुलिसवालों पर भौंका तो पुलिस ने पिटबुल कुत्ते से उसकी फाइट करवा दी

कोर्ट ने डीसीपी को निर्देश दिया कि वो बेगमपुर थाने के एसएचओ अरविंद कुमार, एसआई निमेश, एएसआई नीरज राणा, कांस्टेबल सनी, अरुण, विनीत और उन अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करें. तीन अन्य पुलिसकर्मी अज्ञात हैं.

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