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One Nation One Election पर सहमत होना न होना आपका विवेक है, लेकिन इस मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

राजस्थान के कोटा में स्टूडेंट से संवाद करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संसद में हंगामा और व्यवधान को अनुचित बताते हुए कहा कि देश की यह बड़ी पंचायतें विचार विमर्श का मंच होनी चाहिए. अभी वन नेशन वन इलेक्शन का मुद्दा आया है, इस पर चर्चा करनी चाहिए. सहमत होना न होना आपका विवेक है.

Vice President Jagdeep Dhankhar
संवाद कार्यक्रम के दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 5, 2023, 8:25 PM IST

कोटा. राजस्थान दौरे पर आए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार कोटा कोचिंग स्टूडेंट और चित्तौड़गढ़ सैनिक स्कूल के पूर्व छात्रों से संवाद किया. इसके लिए बड़ी संख्या में कोचिंग छात्रों को कृषि प्रबंधन संस्थान के ऑडिटोरियम में लाया गया था. इस दौरान उपराष्ट्रपति धनखड़ ने संसद में हंगामा और व्यवधान को अनुचित बताते हुए कहा कि देश की यह बड़ी पंचायतें विचार-विमर्श का मंच होनी चाहिए. अभी वन नेशन वन इलेक्शन का मुद्दा आया है. इस पर कुछ लोगों की प्रतिक्रिया यह कि वह चर्चा ही नहीं करेंगे, जबकि लोकतंत्र में चर्चा ही नहीं होगी तो किस बात का लोकतंत्र होगा.

इस दौरान उन्होंने सरकार की फ्री योजनाओं को रेवड़िया बांटने की प्रवृत्ति को गलत बताया. हमारा जोर पूंजीगत होने पर अधिक होना चाहिए, ताकि स्थाई रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो सके. जबकि ऐसा करने की बजाय यदि सरकार फ्री योजनाओं के जरिए लोगों की जेब गर्म करती है, तो यह तात्कालिक फायदा देने वाला होगा, जबकि आगे जाकर नुकसान उठाने पड़ेंगे.

  • एक मुद्दा आया- One Nation, One Election. कह रहे हैं, हम चर्चा ही नहीं करेंगे!

    चर्चा करना आपका काम है, agree करना या ना करना आपका विवेक है।

    Democracy में चर्चा नहीं होगी तो वह Democracy कहां है? Democratic values, democratic essence require deliberation and discussion!

    We have… pic.twitter.com/k9cTSjuWWK

    — Vice President of India (@VPIndia) September 5, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

असफलताओं से भयभीत नहीं हों, उनसे सीख लें स्टूडेंट : कोटा कोचिंग छात्रों के आत्महत्या और तनाव के मामले में भी उन्होंने कहा कि कभी भी टेंशन नहीं लेनी चाहिए. असफलता के भय से भयभीत भी नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 की सॉफ्ट लैंडिंग में गड़बड़ी हुई थी, उसी से सीख कर हमारे वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक चन्द्रमा की सतह पर उतार दिया.

पढ़ें : 10 साल पहले कमजोर और टूटने की कगार पर था देश, आज भारत की तरफ दुनिया की निगाह : उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति ने छात्रों से यह भी आग्रह किया कि अपनी रुचि और एप्टीट्यूड के अनुसार ही अपना करियर और भविष्य चुनना चाहिए. अन्य लोगों से प्रभावित होकर या दबाव में आकर रुचि से अलग पढ़ाई नहीं करनी चाहिए. स्टीव जॉब्स, बिल गेट्स और मार्क जुकरबर्ग कॉलेज ड्रॉप आउट हैं, लेकिन उनमें कुछ नया करने का जुनून था. डिग्री की आज सीमित अहमियत है, काबिलियत व स्किल ज्यादा महत्वपूर्ण है.

  • Hon'ble Vice-President, Shri Jagdeep Dhankhar interacted with students from various institutions in Kota, Rajasthan today. pic.twitter.com/gDHJk8zoAj

    — Vice President of India (@VPIndia) September 5, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सरकारी स्कूलों में फोकस करने की जरूरत : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि प्राइमरी शिक्षा बच्चों का आधार तैयार करती है. इसमें गुणवत्ता सुधार होना चाहिए. गांव के सरकारी स्कूलों में अच्छी बिल्डिंग व क्वालिफाइड शिक्षक हैं, लेकिन लोग छोटे प्राइवेट स्कूल में भेज रहे हैं. जिनमें खेल मैदान भी नहीं हैं और ज्यादा फीस देनी होती है. सरकार के साथ-साथ समाज का आम नागरिक भी सरकारी स्कूलों पर अपना फोकस कर.

इस दौरान उन्होंने सभी विद्यार्थियों से कहा कि भारतीय होने पर गर्व करें, हर हाल में राष्ट्र सर्वोपरि की भावना सभी विद्यार्थियों और देशवासियों के मन में होनी चाहिए. इतिहास के बारे में छात्र के प्रश्न के जवाब में धनखड़ ने कहा कि हर स्टूडेंट को इतिहास पढ़ना चाहिए, जबकि उनका सब्जेक्ट कुछ भी हो. इससे हमें हमारे स्वतंत्रता बलिदानियों के बारे में जानने को मिलता है. अमृत काल में हमें अनेक गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को जानने का अवसर मिला है.

कोटा. राजस्थान दौरे पर आए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार कोटा कोचिंग स्टूडेंट और चित्तौड़गढ़ सैनिक स्कूल के पूर्व छात्रों से संवाद किया. इसके लिए बड़ी संख्या में कोचिंग छात्रों को कृषि प्रबंधन संस्थान के ऑडिटोरियम में लाया गया था. इस दौरान उपराष्ट्रपति धनखड़ ने संसद में हंगामा और व्यवधान को अनुचित बताते हुए कहा कि देश की यह बड़ी पंचायतें विचार-विमर्श का मंच होनी चाहिए. अभी वन नेशन वन इलेक्शन का मुद्दा आया है. इस पर कुछ लोगों की प्रतिक्रिया यह कि वह चर्चा ही नहीं करेंगे, जबकि लोकतंत्र में चर्चा ही नहीं होगी तो किस बात का लोकतंत्र होगा.

इस दौरान उन्होंने सरकार की फ्री योजनाओं को रेवड़िया बांटने की प्रवृत्ति को गलत बताया. हमारा जोर पूंजीगत होने पर अधिक होना चाहिए, ताकि स्थाई रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो सके. जबकि ऐसा करने की बजाय यदि सरकार फ्री योजनाओं के जरिए लोगों की जेब गर्म करती है, तो यह तात्कालिक फायदा देने वाला होगा, जबकि आगे जाकर नुकसान उठाने पड़ेंगे.

  • एक मुद्दा आया- One Nation, One Election. कह रहे हैं, हम चर्चा ही नहीं करेंगे!

    चर्चा करना आपका काम है, agree करना या ना करना आपका विवेक है।

    Democracy में चर्चा नहीं होगी तो वह Democracy कहां है? Democratic values, democratic essence require deliberation and discussion!

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असफलताओं से भयभीत नहीं हों, उनसे सीख लें स्टूडेंट : कोटा कोचिंग छात्रों के आत्महत्या और तनाव के मामले में भी उन्होंने कहा कि कभी भी टेंशन नहीं लेनी चाहिए. असफलता के भय से भयभीत भी नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 की सॉफ्ट लैंडिंग में गड़बड़ी हुई थी, उसी से सीख कर हमारे वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक चन्द्रमा की सतह पर उतार दिया.

पढ़ें : 10 साल पहले कमजोर और टूटने की कगार पर था देश, आज भारत की तरफ दुनिया की निगाह : उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति ने छात्रों से यह भी आग्रह किया कि अपनी रुचि और एप्टीट्यूड के अनुसार ही अपना करियर और भविष्य चुनना चाहिए. अन्य लोगों से प्रभावित होकर या दबाव में आकर रुचि से अलग पढ़ाई नहीं करनी चाहिए. स्टीव जॉब्स, बिल गेट्स और मार्क जुकरबर्ग कॉलेज ड्रॉप आउट हैं, लेकिन उनमें कुछ नया करने का जुनून था. डिग्री की आज सीमित अहमियत है, काबिलियत व स्किल ज्यादा महत्वपूर्ण है.

  • Hon'ble Vice-President, Shri Jagdeep Dhankhar interacted with students from various institutions in Kota, Rajasthan today. pic.twitter.com/gDHJk8zoAj

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सरकारी स्कूलों में फोकस करने की जरूरत : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि प्राइमरी शिक्षा बच्चों का आधार तैयार करती है. इसमें गुणवत्ता सुधार होना चाहिए. गांव के सरकारी स्कूलों में अच्छी बिल्डिंग व क्वालिफाइड शिक्षक हैं, लेकिन लोग छोटे प्राइवेट स्कूल में भेज रहे हैं. जिनमें खेल मैदान भी नहीं हैं और ज्यादा फीस देनी होती है. सरकार के साथ-साथ समाज का आम नागरिक भी सरकारी स्कूलों पर अपना फोकस कर.

इस दौरान उन्होंने सभी विद्यार्थियों से कहा कि भारतीय होने पर गर्व करें, हर हाल में राष्ट्र सर्वोपरि की भावना सभी विद्यार्थियों और देशवासियों के मन में होनी चाहिए. इतिहास के बारे में छात्र के प्रश्न के जवाब में धनखड़ ने कहा कि हर स्टूडेंट को इतिहास पढ़ना चाहिए, जबकि उनका सब्जेक्ट कुछ भी हो. इससे हमें हमारे स्वतंत्रता बलिदानियों के बारे में जानने को मिलता है. अमृत काल में हमें अनेक गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को जानने का अवसर मिला है.

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