नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 'अटल भूजल योजना' (अटल जल) की शुरुआत की, जिससे सात राज्यों के 8,350 गांवों को फायदा होगा. उन्होंने इसके साथ ही लेह और मनाली को जोड़ने वाली सुरंग का नामकरण 'अटल टनल' करने की भी घोषणा की.
जानें क्या है अटल भूजल योजना
अटल भूजल योजना को 12 दिसंबर को विश्व बैंक से मंजूरी मिली. इसका उद्देश्य भूजल की कमी से जूझ रहे जिलों में पानी के स्तर को बढ़ाना है. हर घर तक स्वच्छ पानी पहुंचे, इसे सुनिश्चित किया जाएगा. इसकी लागत छह हजार करोड़ रुपये होगी.
कहां-कहां होंगे लागू
- उत्तरप्रदेश
- हरियाणा
- मध्य प्रदेश
- राजस्थान
- गुजरात
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
जानें किस आधार पर इन राज्यों का चयन किया गया
- भूजल की कमी
- प्रदूषण और अन्य मानकों के आधार पर तय किया गया
- सात राज्यों के 78 जिलों की पहचान की गई, जहां स्थिति गंभीर है
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कितने गांवों को इस योजना का मिलेगा फायदा
8,350 गांवों को लाभ मिलेगा
कितना खर्च होगा
पांच साल में छह हजार करोड़ होंगे खर्च
जो ग्राम पंचायतें पानी के लिए बेहतरीन काम करेंगी, उन्हें और ज्यादी राशि दी जाएगी.
कौन देगा पैसा
इस परियोजना में 50 फीसदी हिस्सेदारी भारत सरकार की होगी. बाकी का आधा हिस्सा वर्ल्ड बैंक की ओर से दिया जाएगा.
योजना किसके तहत करेगी काम
योजना जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत काम करेगी.