नई दिल्ली : चीन के साथ तनावपूर्ण स्थिति के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 118 एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है. इन एप्स में सर्वाधिक लोकप्रिय ऑनलाइन मोबाइल गेम PUBG (प्लेयर अननोन्स बैटलग्राउंड) भी शामिल है. बेंगलुरु के मनोचिकित्सक डॉ ए जगदीश के अनुसार, पांच मिलियन से अधिक लोग, विशेष रूप से किशोर भारत में PUBG के आदी हैं. यह गेम मानसिक बीमारी को विकसित करने की क्षमता रखता है और सामाजिक जीवन को भी नुकसान पहुंचा सकता है.
डॉ ए जगदीश के अनुसार इसकी लत से छुटकारा पाने में माता-पिता को अपने बच्चों की मदद करनी चाहिए.
पबजी गेम को वैश्विक स्तर पर 600 मिलियन से भी ज्यादा डाउनलोड किया गया है और इसके 50 मिलियन एक्टिव प्लेयर्स हैं. वहीं भारत में इसके उपयोगकर्ता खासतौर पर युवावर्ग हैं.
PUBG मोबाइल एप ने इस साल के शुरुआती छह महीनों में 1.3 बिलियन डॉलर (लगभग 9,731 करोड़ रुपये) का वैश्विक राजस्व हासिल किया. भारत की अगर बात करें, तो यहां 175 मिलियन लोगों ने एप डाउनलोड किया. कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन के चलते एप यूजर्स की संख्या में बढ़ोतरी हुई.
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PUBG को पहले भारत में प्रतिबंधित नहीं किया गया था क्योंकि यह पूरी तरह से चीनी नहीं है. गेम को ब्लूहोल द्वारा बनाया और प्रबंधित किया गया है, जो एक दक्षिण कोरियाई संगठन है.
PUBG लोकप्रिय होने के बाद, Tencent (एक चीनी समूह) ने चीन में इसकी मार्केटिंग के लिए Bluehole के साथ हाथ मिलाया और इसके वितरण के एक बड़े हिस्से को संभालना शुरू कर दिया. खेल को Tencent होल्डिंग्स द्वारा भारत में वितरित किया गया है.
PUBG पर प्रतिबंध तब लगा, जब इसने अपने नए 1.0 संस्करण के साथ एक नए गेमिंग एरा की घोषणा की.