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मकर संक्रांति आज : स्नान के लिए गंगासागर में जुटे लाखों श्रद्धालु

देशभर में आज मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है. इस मौके पर देश के विभिन्न स्थानों पर कई मेले लगते हैं. लाखों की संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंचे हैं. इस दिन लोग स्नान करने के बाद कपिल मुनि के आश्रम में पूजा करते हैं. मकर संक्रांति मनाने के पीछे कई मान्यताएं हैं. पढ़ें विस्तार से

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Published : Jan 15, 2020, 11:03 AM IST

Updated : Jan 15, 2020, 11:46 AM IST

नई दिल्ली/कोलकाता : देशभर में आज मकर संक्रांति श्रद्धा, उल्लास और पंरपरा के अनुसार मनाया जा रहा है. देश के अलग-अलग हिस्सों में इस अलग-अलग नामों से जानते हैं. सूर्य भगवान को समर्पित इस त्योहार पर लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं. मकर संक्रांति को मनाने के लिए देश के विभिन्न स्थानों पर कई मेले लगते हैं.

नेपाल, फ्रांस, रूस और ऑस्ट्रेलिया सहित देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु मकर संक्रांति पर होने वाले स्नान के लिए पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में स्थित सागर द्वीप पहुंचे हैं. कुंभ मेला के बाद लोगों की संख्या के लिहाज से गंगासागर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मेला है.

मकर संक्रांति के अवसर पर हुगली नदी और बंगाल की खाड़ी के संगम में स्नान करने के लिए लाखों की संख्या में लोग कोलकाता से करीब 130 किलोमीटर दूर सागर द्वीप में प्रतिवर्ष जमा होते हैं. इस दिन लोग स्नान करने के बाद कपिल मुनी आश्रम में पूजा करते हैं.

पंरपराओं के अनुसार आज सूर्य उत्तरायण होता है और मकर राशि में प्रवेश करता है. इसी के साथ ही एक महीने से चला आ रहा खरमास का समाप्त होगा और शादी-विवाह समेत मांगलिक कार्य शुरू होंगे.

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मकर संक्रांति पर श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंचे

प्रयागराज
तीर्थराज प्रयाग का प्रमुख द्वितीय स्नान पर्व मकर संक्रांति का स्नान आज है. मेला प्रशासन द्वारा मकर संक्रांति स्नान पर्व पर लगभग 80 लाख लोगों के स्नान करने की संभावना जताई है. मंगलवार की शाम से ही लाखों श्रद्धालुओं और कल्पवासियों का जनसैलाब संगम की पवित्र रेती पर उमड़ पड़ा है.

दूर-दूर तक बिखरे हुए शिविरों के लघु भारत में एक अद्भुत दृश्य उपस्थित हो गया है. सुबह भोर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगमनगरी पहुंचकर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. मकर संक्रांति स्नान पर्व को लेकर मेला प्रशासन द्वारा पूरी तैयारी की गई है. घाटों के चारों ओर श्रद्धालुओं के सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जलपुलिस के साथ ही जिला पुलिस की भी तैनाती कर दी गई है.

ढाई हजार बीघे में बसे हुए इस माघ मेले में श्रद्धालु भक्तों का समूह अद्भुत दृश्य उपस्थित करने लगा है. इस बार 12 घाटों का निर्माण कराया गया है, जो लगभग 8 किलोमीटर में फैले हुए हैं. सुरक्षा की दृष्टि से पूरी तरह से प्रशासन ने व्यवस्था कर रखी है. श्रद्धालुओं के प्रमुख मार्गों पर स्थान-स्थान पर पुलिस की तैनाती की गई है.

प्रयागराज में स्नान करने पहुंचे श्रद्धालु

गोरखपुर
बाबा गोरखनाथ को मकर संक्रांति पर पहली खिचड़ी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ ने चढ़ाई. उसके बाद उन्होंने नेपाल नरेश की भी खिचड़ी चढ़ाई. योगी के खिचड़ी चढ़ाने के बाद मंदिर का दरवाजा आम भक्तों के लिए खोल दिया गया. इसी के साथ खिचड़ी मेला भी प्रारंभ हुआ.
युगों से चली आ रही इस परंपरा का निर्वहन करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर पहुंच गए हैं. लाखों की संख्या में श्रद्धालु खिचड़ी चढ़ाने के लिए कतार में खड़े होकर अपने नंबर का इंतजार कर रहे हैं.

योगी ने पूजा अर्चना व खिचड़ी चढ़ाने के बाद लोगों को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं भी दीं. उनके खिचड़ी चढ़ाने के बाद नेपाल राजवंश की ओर से आई खिचड़ी को चढ़ाया गया फिर आमजन के खिचड़ी चढ़ाए जाने का सिलसिला प्रारंभ हुआ. अब पूरे सवा महीने तक लोग आस्था की खिचड़ी बाबा गोरखनाथ को अर्पित कर सकेंगे. बुधवार को मंदिर में पूरे दिन खिचड़ी प्रसाद बंटेगी, भंडारा होगा.

कोलकाता
मेले के महत्व और आकार को ध्यान में रखते हुए सीसीटीवी कैमरों, होवरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टरों से लैस सुरक्षा बलों ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं.

जिलाधिकारी पी. उलगनाथन ने बताया कि पूरी दुनिया से लोग मकर संक्रांति के मेले में आए हैं. जिला प्रशासन इस साल मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का हिसाब कलाई पर बांधे जाने वाले क्यूआर कोड युक्त बैंड की मदद से रख रहा है.

उन्होंने कहा, 'कल तक मेले में 21 लाख लोग पहुंचे थे. हमें आशा है कि यह संख्या 40 लाख तक जाएगी. नेपाल, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और रूस सहित पूरी दुनिया से श्रद्धालु आए हैं.' उन्होंने बताया कि मेले पर करीब से नजर रखने के लिए कुल 20 ड्रोन तैनात किए गए हैं.

जिलाधिकारी ने कहा, 'मुरीगंगा नदी से गाद निकालने की परियोजना पूरी होने के कारण फेरी/नौका सेवा भी बेहतर हो गई है. श्रद्धालुओं को यह सेवा रोजाना 18 से 20 घंटे तक उपलब्ध है.'

तटरक्षक के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पांच गोताखोरों की टीम तैनात की गई है. उनके पास रबड़ ट्यूब से बनी हल्की नावें भी है, ताकि जरुरत पड़ने पर उनका इस्तेमाल किया जा सके.

पश्चिम बंगाल के तट रक्षक के कमांडर और उसके उप महानिरीक्षक एस. आर. दाश ने बताया, 'इसके अलावा दो होवरक्राफ्ट और छह जहाज समुद्र तट की ओर से सुरक्षा में लगाए गए हैं. त्रि-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है. हवाई निगरानी अभियान पर कोलकाता से नजर रखी जा रही है.'

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने बताया कि उसने गंगासागर मेले में तीन टीमों में कुल 120 कर्मियों को तैनात किया है. बल ने एक बयान में कहा, 'टीमें सागर द्वीप, केचुबेरिया और काकद्वीप में तैनात हैं. उनके पास मोटर बोट और गोताखोरी से जुड़े उपकरण भी हैं.'

नई दिल्ली/कोलकाता : देशभर में आज मकर संक्रांति श्रद्धा, उल्लास और पंरपरा के अनुसार मनाया जा रहा है. देश के अलग-अलग हिस्सों में इस अलग-अलग नामों से जानते हैं. सूर्य भगवान को समर्पित इस त्योहार पर लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं. मकर संक्रांति को मनाने के लिए देश के विभिन्न स्थानों पर कई मेले लगते हैं.

नेपाल, फ्रांस, रूस और ऑस्ट्रेलिया सहित देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु मकर संक्रांति पर होने वाले स्नान के लिए पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में स्थित सागर द्वीप पहुंचे हैं. कुंभ मेला के बाद लोगों की संख्या के लिहाज से गंगासागर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मेला है.

मकर संक्रांति के अवसर पर हुगली नदी और बंगाल की खाड़ी के संगम में स्नान करने के लिए लाखों की संख्या में लोग कोलकाता से करीब 130 किलोमीटर दूर सागर द्वीप में प्रतिवर्ष जमा होते हैं. इस दिन लोग स्नान करने के बाद कपिल मुनी आश्रम में पूजा करते हैं.

पंरपराओं के अनुसार आज सूर्य उत्तरायण होता है और मकर राशि में प्रवेश करता है. इसी के साथ ही एक महीने से चला आ रहा खरमास का समाप्त होगा और शादी-विवाह समेत मांगलिक कार्य शुरू होंगे.

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मकर संक्रांति पर श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंचे

प्रयागराज
तीर्थराज प्रयाग का प्रमुख द्वितीय स्नान पर्व मकर संक्रांति का स्नान आज है. मेला प्रशासन द्वारा मकर संक्रांति स्नान पर्व पर लगभग 80 लाख लोगों के स्नान करने की संभावना जताई है. मंगलवार की शाम से ही लाखों श्रद्धालुओं और कल्पवासियों का जनसैलाब संगम की पवित्र रेती पर उमड़ पड़ा है.

दूर-दूर तक बिखरे हुए शिविरों के लघु भारत में एक अद्भुत दृश्य उपस्थित हो गया है. सुबह भोर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगमनगरी पहुंचकर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. मकर संक्रांति स्नान पर्व को लेकर मेला प्रशासन द्वारा पूरी तैयारी की गई है. घाटों के चारों ओर श्रद्धालुओं के सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जलपुलिस के साथ ही जिला पुलिस की भी तैनाती कर दी गई है.

ढाई हजार बीघे में बसे हुए इस माघ मेले में श्रद्धालु भक्तों का समूह अद्भुत दृश्य उपस्थित करने लगा है. इस बार 12 घाटों का निर्माण कराया गया है, जो लगभग 8 किलोमीटर में फैले हुए हैं. सुरक्षा की दृष्टि से पूरी तरह से प्रशासन ने व्यवस्था कर रखी है. श्रद्धालुओं के प्रमुख मार्गों पर स्थान-स्थान पर पुलिस की तैनाती की गई है.

प्रयागराज में स्नान करने पहुंचे श्रद्धालु

गोरखपुर
बाबा गोरखनाथ को मकर संक्रांति पर पहली खिचड़ी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ ने चढ़ाई. उसके बाद उन्होंने नेपाल नरेश की भी खिचड़ी चढ़ाई. योगी के खिचड़ी चढ़ाने के बाद मंदिर का दरवाजा आम भक्तों के लिए खोल दिया गया. इसी के साथ खिचड़ी मेला भी प्रारंभ हुआ.
युगों से चली आ रही इस परंपरा का निर्वहन करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर पहुंच गए हैं. लाखों की संख्या में श्रद्धालु खिचड़ी चढ़ाने के लिए कतार में खड़े होकर अपने नंबर का इंतजार कर रहे हैं.

योगी ने पूजा अर्चना व खिचड़ी चढ़ाने के बाद लोगों को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं भी दीं. उनके खिचड़ी चढ़ाने के बाद नेपाल राजवंश की ओर से आई खिचड़ी को चढ़ाया गया फिर आमजन के खिचड़ी चढ़ाए जाने का सिलसिला प्रारंभ हुआ. अब पूरे सवा महीने तक लोग आस्था की खिचड़ी बाबा गोरखनाथ को अर्पित कर सकेंगे. बुधवार को मंदिर में पूरे दिन खिचड़ी प्रसाद बंटेगी, भंडारा होगा.

कोलकाता
मेले के महत्व और आकार को ध्यान में रखते हुए सीसीटीवी कैमरों, होवरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टरों से लैस सुरक्षा बलों ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं.

जिलाधिकारी पी. उलगनाथन ने बताया कि पूरी दुनिया से लोग मकर संक्रांति के मेले में आए हैं. जिला प्रशासन इस साल मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का हिसाब कलाई पर बांधे जाने वाले क्यूआर कोड युक्त बैंड की मदद से रख रहा है.

उन्होंने कहा, 'कल तक मेले में 21 लाख लोग पहुंचे थे. हमें आशा है कि यह संख्या 40 लाख तक जाएगी. नेपाल, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और रूस सहित पूरी दुनिया से श्रद्धालु आए हैं.' उन्होंने बताया कि मेले पर करीब से नजर रखने के लिए कुल 20 ड्रोन तैनात किए गए हैं.

जिलाधिकारी ने कहा, 'मुरीगंगा नदी से गाद निकालने की परियोजना पूरी होने के कारण फेरी/नौका सेवा भी बेहतर हो गई है. श्रद्धालुओं को यह सेवा रोजाना 18 से 20 घंटे तक उपलब्ध है.'

तटरक्षक के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पांच गोताखोरों की टीम तैनात की गई है. उनके पास रबड़ ट्यूब से बनी हल्की नावें भी है, ताकि जरुरत पड़ने पर उनका इस्तेमाल किया जा सके.

पश्चिम बंगाल के तट रक्षक के कमांडर और उसके उप महानिरीक्षक एस. आर. दाश ने बताया, 'इसके अलावा दो होवरक्राफ्ट और छह जहाज समुद्र तट की ओर से सुरक्षा में लगाए गए हैं. त्रि-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है. हवाई निगरानी अभियान पर कोलकाता से नजर रखी जा रही है.'

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने बताया कि उसने गंगासागर मेले में तीन टीमों में कुल 120 कर्मियों को तैनात किया है. बल ने एक बयान में कहा, 'टीमें सागर द्वीप, केचुबेरिया और काकद्वीप में तैनात हैं. उनके पास मोटर बोट और गोताखोरी से जुड़े उपकरण भी हैं.'

Intro:জয়দেব মেলায় কড়া নিরাপত্তা। পুন্যস্নানে মাতলেন পুন্যার্থীরা।


দুর্গাপুর,পশ্চিম বার্ধমান: মকর সংক্রান্তি তে শিবপুর ও কেন্দুলি তে অজয়ের দুই পাশে পুন্যার্থীদের পুন্যস্নান সেই সুর্যোদয়ের আগে থেকে আর তার সাথে সাথে শুরু হয়ে গেল কাঁকসার শিবপুরের অজয় নদীর উপর মানুষের মেলা বা জয়দেব মেলা।প্রত্যেক বছর মকর সংক্রান্তি উপলক্ষে উপচে পড়ে পূর্নাথীদের ভিড়।মকরের পূর্ণ স্নানের পর বীরভূমের রাধা বিনোদ মন্দিরে পূজা দিয়ে পূর্ণ অর্জনের লক্ষে লক্ষ লক্ষ মানুষের সমাগম হয়।দুর-দুরান্ত থেকে এসেছেন সাধকরা।এই মেলায় বাউল, কীর্তনের মেলা বলেও পরিচিত। এই মেলাতেই বাউল ও কীর্তনের শিল্পীদের বুকিং হয়।লক্ষ লক্ষ মানুষের সমাগমের কারনে দুই জেলার পুলিশ ততপর।দুর্গাপুরের কাঁকসার দিকে আসানসোল -দুর্গাপুর পুলিশ কমিশনারেটের কাঁকসা থানা ও ওইপারে বীরভুম জেলা পুলিশের কড়া নিরাপত্তা চোখে পড়ল।ড্রোন ক্যামেরা ও সিসিটিভি তেও নজরদারি চলছে।গোটা মেলায় প্রচর পুলিশ মোতায়েন রয়েছে নিরাপত্তার জন্য রয়েছে।প্রায় ৫০০ টি আখড়া বসে মেলায়।মেলা পরিষ্কার পরিচ্ছন্নতার জন্য রাখা হয়েছে প্রচুর সাফাই কর্মী,এম্বুলেন্স।মমঙ্গলবার মেলার আশপাশ ঘুরে দেখেন কাঁকসার বিডিও সুদীপ্ত ভট্টাচার্য ও পুলিশ প্রশাসন।নদীর চোরাস্রোতে যাতে স্নান করতে নেমে কোনও বিপত্তি না ঘটে তার জন্য সিভিল ডিফেন্সের কর্মীদের মোতায়েন করা হয়েছে।বেলা বাড়ার সাথে সাথে ভীড় বাড়ছে মেলায়।এই মেলার আরো একটি অভিনবত্ব যে গ্রামীন শিল্পীদের হাতে তৈরি লোহা,পাথর,মাদুর দিয়ে তৈরি সামগ্রী বিক্রি হয়।যে কারনে এই মেলার যে গ্রামীন রুপ তাও স্পষ্ট।Body:গConclusion:হ
Last Updated : Jan 15, 2020, 11:46 AM IST
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