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ऑटो सेक्टर की मदद को आगे आई सरकार, मांग बढ़ाने के लिए कई उपायों की घोषणा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अर्थव्यवस्था को लेकर प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि वाहन उद्योग को राहत देने के लिए सरकार ने कई उपायों की घोषणा की है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
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Published : Aug 23, 2019, 11:33 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 1:24 AM IST

नई दिल्ली: बिक्री कारोबार में आई सुस्ती से जूझ रहे वाहन उद्योग को राहत देने के लिए सरकार ने कई उपायों की घोषणा की. सरकार ने सरकारी विभागों द्वारा वाहनों की खरीद पर लगी रोक को हटा दिया है. साथ ही आज से लेकर मार्च, 2020 तक खरीदे गए वाहनों पर 15 प्रतिशत के अतिरिक्त मूल्यह्रास की अनुमति दी गई है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मार्च, 2020 तक खरीदे गए भारत चरण- चार वाहनों को उनकी पंजीकरण की पूरी अवधि तक चलाया जा सकेगा.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के विभागों द्वारा पुराने वाहनों के बदले नए वाहनों की खरीद पर लगी रोक हटाएगा. इसके अलावा मांग प्रोत्साहन के लिए पुराने वाहनों को कबाड़ करने की नीति भी लाई जाएगी.

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही बिजली चालित वाहनों के साथ साथ पेट्रोल, डीजल जैसे ईंधन (आईसीवी) से चलने वाले वाहनों का पंजीकरण जारी रहेगा.

पढ़ें-मंदी को थामने के लिए वित्त मंत्री ने किए कई ऐलान, अर्थव्यवस्था को मिलेगी राहत

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार सहायक उपकरणों-कलपुर्जों के लिए बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगी. इनमें निर्यात के लिए बैटरियां भी शामिल हैं.

साथ ही सरकार ने आज से लेकर मार्च, 2020 तक खरीदे गए सभी वाहनों पर 15 प्रतिशत अतिरिक्त मूल्यह्रास की अनुमति देने का फैसला किया है. इससे यह 30 प्रतिशत हो जाएगा. उन्होंने बताया कि एकबारगी पंजीकरण शुल्क में संशोधन को जून, 2020 तक टाल दिया गया है.

वाहन उद्योग लगातार सुस्ती से जूझ रहा है. उद्योग सरकार से प्रोत्साहन पैकेज की मांग करता रहा है. इसमें वाहनों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती भी शामिल हैं. अब करीब एक साल से वाहन उद्योग की बिक्री का आंकड़ा लगातार नीचे आ रहा है.

वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-जून में सभी श्रेणियों में वाहनों की कुल बिक्री 12.35 प्रतिशत घटकर 60,85,406 इकाई रह गई. इससे पिछले साल समान अवधि में यह 69,42,742 इकाई रही थी.

पढ़ें-आवासीय परियोजनाओं, बुनियादी ढांचा के लिए पूंजी प्रवाह बढ़ सकता है, वित्त मंत्री का प्रस्ताव

फेडरेशन आफ आटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) का दावा है कि पिछले तीन माह के दौरान सुस्ती की वजह से इस क्षेत्र में करीब दो लाख लोगों की छंटनी हुई है.

नई दिल्ली: बिक्री कारोबार में आई सुस्ती से जूझ रहे वाहन उद्योग को राहत देने के लिए सरकार ने कई उपायों की घोषणा की. सरकार ने सरकारी विभागों द्वारा वाहनों की खरीद पर लगी रोक को हटा दिया है. साथ ही आज से लेकर मार्च, 2020 तक खरीदे गए वाहनों पर 15 प्रतिशत के अतिरिक्त मूल्यह्रास की अनुमति दी गई है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मार्च, 2020 तक खरीदे गए भारत चरण- चार वाहनों को उनकी पंजीकरण की पूरी अवधि तक चलाया जा सकेगा.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के विभागों द्वारा पुराने वाहनों के बदले नए वाहनों की खरीद पर लगी रोक हटाएगा. इसके अलावा मांग प्रोत्साहन के लिए पुराने वाहनों को कबाड़ करने की नीति भी लाई जाएगी.

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही बिजली चालित वाहनों के साथ साथ पेट्रोल, डीजल जैसे ईंधन (आईसीवी) से चलने वाले वाहनों का पंजीकरण जारी रहेगा.

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वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार सहायक उपकरणों-कलपुर्जों के लिए बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगी. इनमें निर्यात के लिए बैटरियां भी शामिल हैं.

साथ ही सरकार ने आज से लेकर मार्च, 2020 तक खरीदे गए सभी वाहनों पर 15 प्रतिशत अतिरिक्त मूल्यह्रास की अनुमति देने का फैसला किया है. इससे यह 30 प्रतिशत हो जाएगा. उन्होंने बताया कि एकबारगी पंजीकरण शुल्क में संशोधन को जून, 2020 तक टाल दिया गया है.

वाहन उद्योग लगातार सुस्ती से जूझ रहा है. उद्योग सरकार से प्रोत्साहन पैकेज की मांग करता रहा है. इसमें वाहनों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती भी शामिल हैं. अब करीब एक साल से वाहन उद्योग की बिक्री का आंकड़ा लगातार नीचे आ रहा है.

वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-जून में सभी श्रेणियों में वाहनों की कुल बिक्री 12.35 प्रतिशत घटकर 60,85,406 इकाई रह गई. इससे पिछले साल समान अवधि में यह 69,42,742 इकाई रही थी.

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फेडरेशन आफ आटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) का दावा है कि पिछले तीन माह के दौरान सुस्ती की वजह से इस क्षेत्र में करीब दो लाख लोगों की छंटनी हुई है.

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Govt unveils measures to support auto sector, boost demand
          New Delhi, Aug 23 (PTI) Amid a deepening distress in the auto industry, the government on Friday announced several relief measures including deferring one-time registration fee, lifting ban on purchase of petrol/diesel vehicles by its departments and allowing higher depreciation, but it remained non-committal on the demand for a reduction in GST rates.
          In a bid to help clear rising inventory of BS-IV emission compliant vehicles, it said such vehicles purchased till March 31, 2020 will be allowed to ply till the validity of their registration. This is because the country is to leapfrog to selling only BS-VI emission compliant vehicles from April 1, 2020.
          Auto sales in the country have been declining for almost a year now with the passenger vehicles (PVs) segment being the worst hit. Industry estimates suggest that 2 lakh jobs have been cut in the last three months as auto companies and component makers grapple with slow demand.
          Finance Minister Nirmala Sitharaman said representatives from the automotive sector had held meetings - both as an industry and individually.
          "BS-IV vehicles was a big issue. There was a confusion because the government wanted to make an announcement to encourage electric vehicles and electric batteries (production)... BS-IV vehicles, which are purchased up to March 2020 will all remain operational for their entire period of registration," she told reporters while announcing measures to boost the sagging economic growth.
          She added that there was a "lot of heartburn" on registration fee being asked upfront and the government has decided to defer that till June 2020.
          "...because inventories are stocking up and piling up in car manufacturing companies. Today you get a 15 per cent depreciation on them ... all vehicles to increase it to 30 per cent on all vehicles acquired from now till March 2020," she said.
          Besides, the Centre will also lift the ban on purchase of new vehicles for replacing all old vehicles by government departments, and consider various measures including scrappage policy to boost demand, she said.
          Both electric vehicles (EVs) and Internal Combustion Vehicles (ICVs) will continue to be registered, and the government's focus will be on setting up of infrastructure for development of ancillaries/components, including batteries for exports.
          Also, the minister said the government will consider various measures including scrappage policy.
          Leaders from the Indian auto industry had asked the government for a stimulus package, including GST reduction on vehicles from 28 per cent to 18 per cent, for the sector which has been hit by an unprecedented slump in sales.
          As per SIAM figures, vehicle wholesale across all the categories declined by 12.35 per cent to 60,85,406 units in April-June against 69,42,742 units in same period of last year.
          The Federation of Automobile Dealers Associations (FADA) has stated that nearly two lakh jobs have been cut in the last three months due to the slowdown.
          The auto industry had presented factors such as issues regarding availability and affordability of financing, increasing cost of acquisition of vehicles and change in axle load capacity for commercial vehicles that have hurt demand.
          The industry had also asked the government to bring quickly an incentive-based scrappage policy to replace old and polluting vehicles which can help accelerate demand for new vehicles. PTI DP SR ANZ
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Last Updated : Sep 28, 2019, 1:24 AM IST
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