नई दिल्ली : देशभर में दलितों के मसीहा और भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर की आज पुण्यतिथि मनाई जा रही है. इस अवसर पर संसद भवन के परिसर में एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया और राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत अन्य नेताओं ने बाबा साहेब को श्रद्धांजिल अर्पित की.
उपराष्ट्रपित एम वेंकैया नायडू ने कहा कि संविधान के आदर्शों के प्रति निष्ठा रखना ही बाबासाहेब को सच्ची श्रद्धांजलि. नायडू ने ट्वीट किया, हमारे संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहेब भीमराव आम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें सादर नमन करता हूं. हमारा संविधान डॉ आम्बेडकर की बौद्धिक और दार्शनिक विरासत है. हमारा कर्तव्य है कि हम संवैधानिक आदर्शों के प्रति निष्ठावान रहें.'
नायडू ने कहा, 'उनका विश्वास था कि लोकतांत्रिक प्रशासन एक ऐसी व्यवस्था प्रदान करता है जिससे बिना किसी हिंसा और रक्तपात के सामाजिक जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाए जा सकते हैं. लोकतांत्रिक व्यवस्था के आदर्शों एवं उद्देश्यों को पूरा करना वर्तमान और भावी पीढ़ी का कर्तव्य है.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बाबा साहेब को श्रद्धांजलि अर्पित की है उन्होंने लिखा,' सामाजिक न्याय के लिए अपना जीवन समर्पित कर देने वाले पूज्य बाबासाहेब को उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर कोटि-कोटि नमन. उन्होंने संविधान के रूप में देश को अद्वितीय सौगात दी, जो हमारे लोकतंत्र का आधारस्तंभ है. कृतज्ञ राष्ट्र सदैव उनका ऋणी रहेगा.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट करके बाबासाहेब आम्बेडकर की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने लिखा, भारत रत्न बाबासाहेब आम्बेडकर जी एक ऐसे महान चिंतक और समाजसुधारक थे जिनका देश को नयी दिशा देने में अतुल्य योगदान रहा. उन्होंने हमें एक ऐसा प्रगतिशील संविधान दिया जो न सिर्फ सभी देशवासियों को जोड़कर रखे बल्कि जिससे हर वर्ग अपने जीवन को संवार कर देश की प्रगति में भागीदार बन सके.
गृह मंत्री ने आगे लिखा, 'बाबासाहेब का पूरा जीवन देश के गरीब और शोषित वर्ग के कल्याण के लिए समर्पित रहा. गत 5वर्षों में मोदी जी ने बाबासाहेब के सिद्धांतों को चरितार्थ करते हुए देश के गरीबों के सपनों को पूरा कर उन्हें नये भारत की यात्रा में सहभागी बनाया है. आज बाबासाहेब के महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें नमन.'
उल्लेखनीय है की बाबासाहेब आम्बेडकर का निधन छह दिसंबर 1956 को हुआ था. उनकी पुण्यतिथि महापरिनिर्वाण दिवस के रूप मे मनायी जाती है.