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गुजरात के मंदिर में घुसा मगरमच्छ, पूजा-पाठ में जुटे ग्रामीण, देखें वीडियो - crocodile-in-temple-of-gujarat

खोदियार माता के मंदिर में पूजा के दौरान अचानक मगरमच्छ घुस गया. जब वन विभाग की टीम पहुंची तो ग्रामीणों ने विरोध करते हुए मगरमच्छ के मंदिर में प्रवेश को शुभ बताया. जानें क्या है पूरा मामला....

गुजरात में मंदिर में मगरमच्छ घुसा
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Published : Jun 23, 2019, 11:25 PM IST

अहमदाबाद/वडोदराः गुजरात के महिसागर जिले में खोदियार माता के एक मंदिर में घुस आये मगरमच्छ को वन विभाग के अधिकारियों ने रविवार को सुरक्षित निकाल लिया. एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी.

बता दें खोदियार माता पटेल समुदाय की अधिष्ठात्री देवी हैं. उन्हें धार्मिक साहित्य में प्राय: मगरमच्छ पर सवार बताया जाता है.

इस कारण मंदिर में मगरमच्छ के आने को शुभ बताते हुए ग्रामीण पूजा-पाठ में जुट गये. इससे वन विभाग के अभियान में करीब दो घंटे का विलंब हुआ.

गुजरात के महिसागर जिले में मगरमच्छ घुसा, देखें वीडियो

लुनवाडा वन विभाग के प्रभारी आर.वी.पटेल ने कहा कि लुनवाडा तहसील के पल्ला गांव के जमा हुए लोग मंदिर में देवी की मूर्ति के पास बैठे मगरमच्छ की पूजा करने लगे तथा आरती उतारने लगे.

महिसागर के उप वन संरक्षक आर.एम.परमार ने कहा कि मंदिर में जमा हुए लोगों ने अभियान में करीब दो घंटे की देरी की.

पढ़ेंः गुुजरात में राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की याचिका पर SC ने दिया चुनाव आयोग को नोटिस

उन्होंने कहा कि क्षेत्र के जलाशयों में काफी संख्या में मगरमच्छ उपलब्ध हैं.

उन्होंने कहा कि कई बार भोजन की तलाश में ये चार-पांच किलोमीटर दूर निकल जाते हैं.

परमार ने कहा, 'यह मगरमच्छ करीब चार साल का था. यह संभवत: आराम करने के लिये मंदिर आ गया था. हम हर साल करीब 30-35 मगरमच्छों को बचाते हैं.'

अहमदाबाद/वडोदराः गुजरात के महिसागर जिले में खोदियार माता के एक मंदिर में घुस आये मगरमच्छ को वन विभाग के अधिकारियों ने रविवार को सुरक्षित निकाल लिया. एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी.

बता दें खोदियार माता पटेल समुदाय की अधिष्ठात्री देवी हैं. उन्हें धार्मिक साहित्य में प्राय: मगरमच्छ पर सवार बताया जाता है.

इस कारण मंदिर में मगरमच्छ के आने को शुभ बताते हुए ग्रामीण पूजा-पाठ में जुट गये. इससे वन विभाग के अभियान में करीब दो घंटे का विलंब हुआ.

गुजरात के महिसागर जिले में मगरमच्छ घुसा, देखें वीडियो

लुनवाडा वन विभाग के प्रभारी आर.वी.पटेल ने कहा कि लुनवाडा तहसील के पल्ला गांव के जमा हुए लोग मंदिर में देवी की मूर्ति के पास बैठे मगरमच्छ की पूजा करने लगे तथा आरती उतारने लगे.

महिसागर के उप वन संरक्षक आर.एम.परमार ने कहा कि मंदिर में जमा हुए लोगों ने अभियान में करीब दो घंटे की देरी की.

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उन्होंने कहा कि क्षेत्र के जलाशयों में काफी संख्या में मगरमच्छ उपलब्ध हैं.

उन्होंने कहा कि कई बार भोजन की तलाश में ये चार-पांच किलोमीटर दूर निकल जाते हैं.

परमार ने कहा, 'यह मगरमच्छ करीब चार साल का था. यह संभवत: आराम करने के लिये मंदिर आ गया था. हम हर साल करीब 30-35 मगरमच्छों को बचाते हैं.'

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.AHMEDABADVADODARA BES8
GJ-CROCODILE-TEMPLE
Croc enters Guj temple, villagers oppose Forest dept's rescue
efforts
         Ahmedabad/Vadodara, Jun 23 (PTI) A crocodile that
strayed into a Khodiyar Mata temple in Gujarat's Mahisagar
district was Sunday rescued even as villagers delayed the
forest department operation by claiming the reptile's presence
was an auspicious one, a senior official said.
         Khodiyar Mata, the family deity of the Patel community
in the state, is often depicted in religious literature as
riding on a crocodile.
         A large number of people who had assembled at the
Khodiyar Temple in Palla village in Lunwada tehsil offered
prayers, conducted aarti and showered vermillion on the 6-foot
reptile as it lay near the goddess' idol, said Lunwada forest
department in charge RV Patel.
         Mahisagar Deputy Conservator of Forests RM Parmar said
the people assembled at the temple delayed rescue operations
by around two hours.
         "When our personnel reached there to rescue the
crocodile, people opposed it. We waited for two hours as we
did not want to hurt religious sentiments. However, later, we
managed to get the reptile to a nearby pond," Parmar said.
         He said water bodies in the region, including the
Mahisagar River, have a sizable number of crocodiles, adding
that these reptiles can travel 4-5 kilometres in search of
food.
         "The crocodile, around four years old, may have
entered the temple late night to rest. We rescue around 30-35
crocodiles every year," Parmar added.
         Crocodiles are Schedule 1 animals (provided absolute
protection) as per theIndian Wildlife (Protection Act), 1972.
PTI COR KA
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06231749
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