बेंगलुरु : कर्नाटक के गडक जिले के लोग कोरोना महामारी के बाद खुद को बदलने की सोच रहे हैं. वे संकट की इस घड़ी में फिजूलखर्ची से बचना और सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने की दिशा में काम कर रहे हैं. भारत में शादी पर लोग ज्यादा खर्च करते हैं, जिसे लोग शान समझते हैं. साथ ही शादी में भीड़ और अधिक लोगों की मौजूदगी शादी की रौनक को बढ़ाते हैं.
गडक जिले के नारगुंडा तालुक के कोनेनुरा और आसपास के गांवों के परिवारों ने अब विवाह पर होने वाले फालतू खर्चों को अलविदा कह दिया है. साथ ही यहां के निवासी रात में साधारण तरीकों से शादियां कर रहे हैं. इससे वे लोग खुद को सुरक्षित रखने की कोशिश कर रहे हैं.
राज्य सरकार द्वारा तय किए गए लॉकडाउन मानदंडों के अनुसार विवाह में सामाजिक दूरी बनाए रखना अनिवार्य कर दिया गया है. पूर्व अनुमति भी अनिवार्य कर दी गई है. साथ ही शादी में कम से कम लोगों को आने की अनुमति होगी.
अब पहले वाला माहौल नहीं रहा, जहां शादी के मौकों पर लोग महीनों पहले से तैयारियों में जुटे रहते थे. लेकिन अब कोरोना के डर के कारण, परिवारों ने रात में शादी करने का फैसला किया.
भले ही शाम के समय में शादियां की जाती हैं, लेकिन सभी रीति-रिवाजों और परंपराओं का पालन किया जाता है. दिन और रात के विवाह में बहुत अंतर नहीं हैं. सगाई से लेकर हल्दी के पानी के स्नान, पवित्र जल स्नान तक सभी का पालन किया जाता है. विवाह ब्रह्म मुहूर्त में आयोजित किए जाते हैं, जो कि 2 से 4 बजे के बीच होते हैं.
यहां सरकार द्वारा निर्धारित सभी नियमों का पालन किया जाता है. विवाह में शामिल होने वाले सभी मेहमान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हैं. भोजन सुबह के समय में परोसा जाता है. ग्रामीणों ने कोरोना से बचने के इस तरह के कदम उठाए हैं.