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असम NRC : CM सोनोवाल ने की समीक्षा बैठक, कहा- घबराने की जरूरत नहीं

सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि 31 अगस्त को प्रकाशित होने जा रही अंतिम NRC में जिनके नाम नहीं हैं, उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है. पढ़ें पूरी खबर...

सर्बानंद सोनोवाल (फाइल फोटो)
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Published : Aug 24, 2019, 12:11 AM IST

Updated : Sep 28, 2019, 1:36 AM IST

गुवाहाटी : गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के अंतिम संस्करण के प्रकाशन से पहले राज्य में कानून-व्यवस्था की समीक्षा की है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी 33 जिलों के पुलिस अधीक्षकों (एसपी) और उपायुक्तों (डीसी) के साथ बैठक की.

सोनोवाल ने उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को जिलों का दौरा करने और लोकप्रतिनिधि तथा एनजीओ समेत समाज के प्रभावी लोगों के साथ संपर्क बनाए रखने के निर्देश दिया. उन्होंने उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि एनआरसी प्रक्रिया से संबंधित लोगों के बीच कोई गलतफहमी न रहे.

20वीं सदी की शुरुआत से बांग्लादेश से आने वाले लोगों के प्रवाह का सामना कर रहा असम एकमात्र राज्य है जहां एनआरसी है जो पहली बार 1951 में तैयार की गई थी.

इससे पहले गुरुवार को असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने राज्य के लोगों से अपील की. उन्होंने कहा कि 31 अगस्त को प्रकाशित की जा रही है अंतिम एनआरसी में जिनके नाम नहीं है वे लोग घबराए नहीं.

गृह मंत्रालय ने पहले ही उन कदमों और प्रक्रियाओं को स्पष्ट कर चुकी है. मंत्रालय ने कहा है कि एनआरसी से नामों को हटाने में प्रक्रियाओं का पालन किया जाना चाहिए.

सोनोवाल गुरुवार रात एक कार्यक्रम मे शिरकत के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि, राज्य तथा केंद्र सरकार हर मुमकिन कोशिश कर रही है, ताकि गलतियों के बिना NRC का प्रकाशन सुनिश्चित हो सके.

उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट का पूरा आदर करते हुए समूची प्रक्रिया में सहयोग कर रहे हैं.

सोनोवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट स्वयं वर्ष 2013 से NRC अपडेशन के काम की निगरानी कर रहा है.

उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि राज्य के लोग अंतिम NRC के प्रकाशन के बाद भी उसी तरह सहयोग देते रहेंगे, जिस तरह उन्होंने ड्राफ्ट NRC के प्रकाशन के बाद दिया था.

उन्होंने कहा कि 31 अगस्त को प्रकाशित होने जा रही अंतिम NRC में जिनके नाम नहीं हैं, उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है.

असम एक ऐस राज्य है जहां पर एनआरसी को अपडेट करने की कवायद चल रही है.

पढ़ेंः केविन की हत्या को कोर्ट ने माना हॉरर किलिंग, 10 लोगों को ठहराया दोषी

पिछले साल जुलाई में, 40,07,707 लोगों को NRC के ड्राफ्ट से बाहर रखा गया था, जिसमें कुल 3,29,91,384 आवेदकों में से 2,89,83,677 पात्र व्यक्तियों के नाम शामिल थे.

इस वर्ष जून में अपवर्जित व्यक्तियों की सूची में 1,02,462 नाम और जोड़े गए, जो कि पूर्ण मसौदे में अपात्रों की संख्या को 41,10,169 तक ले गए.

एनआरसी का आंशिक मसौदा 31 दिसंबर, 2017 की मध्यरात्रि को जारी किया गया था.

गुवाहाटी : गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के अंतिम संस्करण के प्रकाशन से पहले राज्य में कानून-व्यवस्था की समीक्षा की है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी 33 जिलों के पुलिस अधीक्षकों (एसपी) और उपायुक्तों (डीसी) के साथ बैठक की.

सोनोवाल ने उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को जिलों का दौरा करने और लोकप्रतिनिधि तथा एनजीओ समेत समाज के प्रभावी लोगों के साथ संपर्क बनाए रखने के निर्देश दिया. उन्होंने उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि एनआरसी प्रक्रिया से संबंधित लोगों के बीच कोई गलतफहमी न रहे.

20वीं सदी की शुरुआत से बांग्लादेश से आने वाले लोगों के प्रवाह का सामना कर रहा असम एकमात्र राज्य है जहां एनआरसी है जो पहली बार 1951 में तैयार की गई थी.

इससे पहले गुरुवार को असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने राज्य के लोगों से अपील की. उन्होंने कहा कि 31 अगस्त को प्रकाशित की जा रही है अंतिम एनआरसी में जिनके नाम नहीं है वे लोग घबराए नहीं.

गृह मंत्रालय ने पहले ही उन कदमों और प्रक्रियाओं को स्पष्ट कर चुकी है. मंत्रालय ने कहा है कि एनआरसी से नामों को हटाने में प्रक्रियाओं का पालन किया जाना चाहिए.

सोनोवाल गुरुवार रात एक कार्यक्रम मे शिरकत के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि, राज्य तथा केंद्र सरकार हर मुमकिन कोशिश कर रही है, ताकि गलतियों के बिना NRC का प्रकाशन सुनिश्चित हो सके.

उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट का पूरा आदर करते हुए समूची प्रक्रिया में सहयोग कर रहे हैं.

सोनोवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट स्वयं वर्ष 2013 से NRC अपडेशन के काम की निगरानी कर रहा है.

उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि राज्य के लोग अंतिम NRC के प्रकाशन के बाद भी उसी तरह सहयोग देते रहेंगे, जिस तरह उन्होंने ड्राफ्ट NRC के प्रकाशन के बाद दिया था.

उन्होंने कहा कि 31 अगस्त को प्रकाशित होने जा रही अंतिम NRC में जिनके नाम नहीं हैं, उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है.

असम एक ऐस राज्य है जहां पर एनआरसी को अपडेट करने की कवायद चल रही है.

पढ़ेंः केविन की हत्या को कोर्ट ने माना हॉरर किलिंग, 10 लोगों को ठहराया दोषी

पिछले साल जुलाई में, 40,07,707 लोगों को NRC के ड्राफ्ट से बाहर रखा गया था, जिसमें कुल 3,29,91,384 आवेदकों में से 2,89,83,677 पात्र व्यक्तियों के नाम शामिल थे.

इस वर्ष जून में अपवर्जित व्यक्तियों की सूची में 1,02,462 नाम और जोड़े गए, जो कि पूर्ण मसौदे में अपात्रों की संख्या को 41,10,169 तक ले गए.

एनआरसी का आंशिक मसौदा 31 दिसंबर, 2017 की मध्यरात्रि को जारी किया गया था.

Intro:Body:

Count down begins. Assam and NRC authority is all set to publish the final draft of NRC on 31st August. Meanwhile  today technically is the last day of including and removing names from the final Draft as CCP (Central Correction Portal) will  shut down on today's midnight.  After this no name can be include or remove from the list. 

  

What Is CCP?

CCP is system through which the district coordinators will send the final drafts from their districts. 



English PTC avaivale 

 

Conclusion:
Last Updated : Sep 28, 2019, 1:36 AM IST
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