देहरादून : पर्वतीय राज्य उत्तराखंड में कोरोना वायरेस का संकट गहराने लगा है. शुरुआती दौर में राज्य में मरीजों की संख्या बेहद कम थी, किंतु जमात से आए लोगों और प्रवासियों के कारण यहां के हालात बिगड़ने लगे हैं. अब हाल यह है कि राज्य के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान एम्स ऋषिकेश में कोरोना मरीजों के लिए अब जगह नहीं है. ऋषिकेश एम्स में कोरोना पॉजिटिव मरीजों से अस्पताल के बेड भर चुके हैं. आज एम्स से तीन मरीजों को देहरादून भेजा गया. इस पर त्रासदी यह कि हजारों की तादाद में प्रवासी श्रमिक भी अपने घर लौट रहे हैं. इस कारण प्रशासन तैयारी में जुट गया है कि यदि हालात और बिगड़ें तो कैसे संभाला जाएगा.
बता दें, ऋषिकेश एम्स के अस्पताल में बेड फुल हो जाने से दून मेडिकल कॉलेज पर मरीजों का दबाव बढ़ सकता है. देहरादून सीएमओ बीसी रमोला और दून मेडिकल कॉलेज के एसीएसएस ने इस बात की पुष्टि की है.
दरअसल, एम्स ऋषिकेश से तीन कोरोना संक्रमित मरीजों को दून मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया गया है. ईटीवी भारत ने जब इसकी वजह जाननी चाही तो दून मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने अस्पताल में एम्स से तीन मरीजों के आने की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि ऋषिकेश एम्स में कोरोना संक्रमितों के लिए तय किए गए बेड फुल हो गए हैं, जिसके कारण मरीजों को शिफ्ट किया गया है.
शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक की मानें तो प्रवासियों को घर लाना सरकार की जिम्मेदारी है और इस जिम्मेदारी को सरकार बखूबी निभा रही है, लेकिन जिस प्रकार से बाहर से लौट रहे प्रवासियों के आने से कोरोना संक्रमण बढ़ा है, उससे सरकार चिंतित है.
मदन कौशिक ने बताया कि सरकार को यह आभास पहले से ही था कि जैसे ही प्रवासियों को लाने का काम किया जाएगा, कोरोना मरीजों की संख्या बढ़नी शुरू हो जाएगी. इसलिए सरकार ने अपनी तैयारी पहले से ही पुख्ता कर रखी है.
सरकार के शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि सभी जिलाधिकारी को सूचित कर दिया गया है कि वह अपने जनपद में क्वारंटाइन सेंटरों को बढ़ाने के साथ-साथ अस्पतालों में भी इस बीमारी को लेकर पुख्ता इंतजाम करें, जिससे आने वाले समय में अगर यह बीमारी और बढ़ती है, तो फिर उस स्थिति से निपटा जा सके.
उन्होंने बताया कि लगातार बढ़ रहे मामलों की चुनौती को सरकार स्वीकार कर रही है, लेकिन राज्य सरकार जो भी निर्णय लेगी वह राज्य हित में लेगी.
बता दें कि देहरादून जिले में अब तक करीब 48 एक्टिव केस हैं. इसमें से 14 केस दून मेडिकल कॉलेज के पास थे. इसमें तीन और केस एम्स से भेजे गए हैं. कुल 17 केस मेडिकल कॉलेज अटेंड कर रहा है. यानी इस लिहाज से अभी करीब 31 केस ही एम्स के पास मौजूद हैं.
चिंता की बात यह है कि यदि वाकई बेड फुल हो चुके हैं, तो बढ़ रहे कोरोना आंकड़ों को अकेले दून मेडिकल कॉलेज कैसे संभाल पाएगा? दून मेडिकल कॉलेज में अब तक करीब 60 बेड कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व किए गए हैं.