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चमगादड़ मनुष्य में नहीं पहुंचा सकते कोरोना वायरस : आईसीएमआर

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वैज्ञानिक आर. गंगाखेडकर ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि परिषद ने चमगादड़ों का परीक्षण किया, जिसमें पाया गया कि वे मनुष्य में कोरोना वायरस नहीं पहुंचा सकते.

आर गंगाखेडकर
आर गंगाखेडकर
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Published : Apr 15, 2020, 5:19 PM IST

Updated : Apr 15, 2020, 6:17 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के वैज्ञानिक डॉक्टर आर. गंगाखेडकर ने चमगादड़ों के परीक्षण के बाद दावा किया है कि वे कोरोना वायरस को मनुष्यों तक पहुंचाने में सक्षम नहीं हैं.

गौरतलब है कि चीन में हुए शोध के अनुसार यह पाया गया कि चमगादड़ों में उत्परिवर्तन के कारण कोरोना वायरस की उत्पत्ति हो सकती है. चमगादड़ ने इसे पैंगोलिन तक पहुंचाया होगा, पैंगोलिन से इसे मनुष्यों तक पहुंचाया.

डॉ. गंगाखेडकर का बयान.

डॉक्टर आर. गंगाखेडकर ने बुधवार को एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में कहा, 'हमने भी परीक्षण किया, जिसमें हमने पाया कि चमगादड़ दो प्रकार के होते हैं और वे कोरोना वायरस को मनुष्यों तक पहुंचाने में सक्षम नहीं हैं.'

उन्होंने कहा कि यह दुर्लभ है, शायद 1000 वर्षों में एक बार यह वायरस चमगादड़ से मनुष्यों में स्थानांतरित हो जाता है.

नई दिल्ली : भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के वैज्ञानिक डॉक्टर आर. गंगाखेडकर ने चमगादड़ों के परीक्षण के बाद दावा किया है कि वे कोरोना वायरस को मनुष्यों तक पहुंचाने में सक्षम नहीं हैं.

गौरतलब है कि चीन में हुए शोध के अनुसार यह पाया गया कि चमगादड़ों में उत्परिवर्तन के कारण कोरोना वायरस की उत्पत्ति हो सकती है. चमगादड़ ने इसे पैंगोलिन तक पहुंचाया होगा, पैंगोलिन से इसे मनुष्यों तक पहुंचाया.

डॉ. गंगाखेडकर का बयान.

डॉक्टर आर. गंगाखेडकर ने बुधवार को एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में कहा, 'हमने भी परीक्षण किया, जिसमें हमने पाया कि चमगादड़ दो प्रकार के होते हैं और वे कोरोना वायरस को मनुष्यों तक पहुंचाने में सक्षम नहीं हैं.'

उन्होंने कहा कि यह दुर्लभ है, शायद 1000 वर्षों में एक बार यह वायरस चमगादड़ से मनुष्यों में स्थानांतरित हो जाता है.

Last Updated : Apr 15, 2020, 6:17 PM IST
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