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ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का सिविल कोड के खिलाफ आंदोलन का एलान

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने समान नागरिक आचार संहिता के विरोध में आंदोलन करने का एलान किया है. हालांकि, सरकार की तरफ से इस मुद्दे पर अभी कुछ नहीं कहा जा रहा है. राम मंदिर निर्माण और अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद यह बीजेपी का तीसरा एजेंडा माना जा रहा है. ऐसे में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पहले से ही इसके खिलाफ अभियान चलाने का एलान कर चुका है.

aimplb will run agitation against uniform civil code
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव और सीनियर एडवोकेट जफरयाब जिलानी ने दी जानकारी
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Published : Oct 18, 2020, 10:50 PM IST

लखनऊ : देश में मुसलमानों की बड़ी संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अब यूनिफॉर्म सिविल कोड के खिलाफ आंदोलन चलाएगी. यह बड़ा फैसला ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की 51 सदस्यीय एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक में लिया गया है. यूनिफॉर्म सिविल कोड के खिलाफ आंदोलन में पर्सनल लॉ बोर्ड सभी धर्मों के लोगों को जोड़ेगा, जिसके लिए पर्सनल ला बोर्ड ने एक विशेष कमेटी भी गठित की है.

समय-समय पर होती रही सिविल कोड की मांग

देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिकता का अधिकार जिसकी मांग देश में समय-समय पर होती रही है, लेकिन भारत में समान नागरिकता के अधिकार को लेकर विरोधाभास भी है. भारत एक ऐसा देश है जहां पर सभी धर्मों के लोग अपने अलग-अलग रीति-रिवाज के मुताबिक एक लंबे अरसे से रहते आए हैं. हालांकि, देश में अभी तक यूनिफॉर्म सिविल कोड जैसा कोई कानून नहीं है, लेकिन मुसलमानों की संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने यूनिफॉर्म सिविल कोड की खामियों को उजागर करने के लिए आंदोलन चलाने का फैसला किया है. इस आंदोलन का मकसद मुसलमानों के साथ-साथ सभी धर्मों के लोगों को यूनिफॉर्म सिविल कोड से होने वाले नुकसान के प्रति जागरुक करना है.

सिविल कोड के खिलाफ आंदोलन का एलान

बोर्ड के सचिव और सीनियर एडवोकेट जफरयाब जिलानी ने दी जानकारी

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव और सीनियर एडवोकेट जफरयाब जिलानी ने कहा कि, राम मंदिर और अनुच्छेद 370 के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड बीजेपी का तीसरा एजेंडा है. ऐसे में अंदेशा है कि बीजेपी सरकार इसे जल्द ला सकती है. जिलानी ने कहा कि हिंदुओं के बड़े वर्ग के साथ ईसाई, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध और ट्राइबल भी यूनिफॉर्म सिविल कोड के खिलाफ हैं, क्योंकि इन सब के अपने अलग-अलग धार्मिक कानून और मान्यताएं हैं और कोई यह नहीं कहता कि उसका धर्म यूनिफॉर्म सिविल कोड के आधार पर लाया जाए, लेकिन इन सब को जागरुक करने की जरूरत है. इसलिए मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की बैठक में यह तय किया गया है कि सभी धर्मों के लोगों से संपर्क किया जाए, ताकि जिस वक्त भी यूनिफॉर्म सिविल कोड लाया जाए इसका असरदार विरोध हो.

सभी धर्मों के साथ सियासी पार्टियों को जाएगा जोड़ा

इसके साथ ही जफरयाब जिलानी ने कहा कि सभी धर्मों के साथ सियासी पार्टियों को भी इस आंदोलन से जोड़ा जाएगा और मीडिया को भी यूनिफॉर्म सिविल कोड के नुकसान को बताया जाएगा. जफरयाब जिलानी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध करते हुए कहा की यूनिफॉर्म सिविल कोड के लागू होने से सभी धर्मों का नुकसान होगा, क्योंकि हिंदू, मुस्लिम, सिख और इसाई में अलग-अलग रीति रिवाज के मुताबिक धार्मिक कानून की मान्यताएं हैं, जो आहत हो सकती हैं.

लखनऊ : देश में मुसलमानों की बड़ी संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अब यूनिफॉर्म सिविल कोड के खिलाफ आंदोलन चलाएगी. यह बड़ा फैसला ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की 51 सदस्यीय एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक में लिया गया है. यूनिफॉर्म सिविल कोड के खिलाफ आंदोलन में पर्सनल लॉ बोर्ड सभी धर्मों के लोगों को जोड़ेगा, जिसके लिए पर्सनल ला बोर्ड ने एक विशेष कमेटी भी गठित की है.

समय-समय पर होती रही सिविल कोड की मांग

देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिकता का अधिकार जिसकी मांग देश में समय-समय पर होती रही है, लेकिन भारत में समान नागरिकता के अधिकार को लेकर विरोधाभास भी है. भारत एक ऐसा देश है जहां पर सभी धर्मों के लोग अपने अलग-अलग रीति-रिवाज के मुताबिक एक लंबे अरसे से रहते आए हैं. हालांकि, देश में अभी तक यूनिफॉर्म सिविल कोड जैसा कोई कानून नहीं है, लेकिन मुसलमानों की संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने यूनिफॉर्म सिविल कोड की खामियों को उजागर करने के लिए आंदोलन चलाने का फैसला किया है. इस आंदोलन का मकसद मुसलमानों के साथ-साथ सभी धर्मों के लोगों को यूनिफॉर्म सिविल कोड से होने वाले नुकसान के प्रति जागरुक करना है.

सिविल कोड के खिलाफ आंदोलन का एलान

बोर्ड के सचिव और सीनियर एडवोकेट जफरयाब जिलानी ने दी जानकारी

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव और सीनियर एडवोकेट जफरयाब जिलानी ने कहा कि, राम मंदिर और अनुच्छेद 370 के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड बीजेपी का तीसरा एजेंडा है. ऐसे में अंदेशा है कि बीजेपी सरकार इसे जल्द ला सकती है. जिलानी ने कहा कि हिंदुओं के बड़े वर्ग के साथ ईसाई, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध और ट्राइबल भी यूनिफॉर्म सिविल कोड के खिलाफ हैं, क्योंकि इन सब के अपने अलग-अलग धार्मिक कानून और मान्यताएं हैं और कोई यह नहीं कहता कि उसका धर्म यूनिफॉर्म सिविल कोड के आधार पर लाया जाए, लेकिन इन सब को जागरुक करने की जरूरत है. इसलिए मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की बैठक में यह तय किया गया है कि सभी धर्मों के लोगों से संपर्क किया जाए, ताकि जिस वक्त भी यूनिफॉर्म सिविल कोड लाया जाए इसका असरदार विरोध हो.

सभी धर्मों के साथ सियासी पार्टियों को जाएगा जोड़ा

इसके साथ ही जफरयाब जिलानी ने कहा कि सभी धर्मों के साथ सियासी पार्टियों को भी इस आंदोलन से जोड़ा जाएगा और मीडिया को भी यूनिफॉर्म सिविल कोड के नुकसान को बताया जाएगा. जफरयाब जिलानी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध करते हुए कहा की यूनिफॉर्म सिविल कोड के लागू होने से सभी धर्मों का नुकसान होगा, क्योंकि हिंदू, मुस्लिम, सिख और इसाई में अलग-अलग रीति रिवाज के मुताबिक धार्मिक कानून की मान्यताएं हैं, जो आहत हो सकती हैं.

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