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Ambedkar Jayanti 2022: संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर को पूरा देश कर रहा नमन

डॉ. भीमराव अंबेडकर को 1990 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. भारत सरकार ने 2015 में 14 अप्रैल को देशभर में आधिकारिक सार्वजनिक अवकाश के रूप में घोषित किया था.

ambedkar jayanti 2022
अंबेडकर जयंती 2022
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Published : Apr 14, 2022, 8:57 AM IST

Updated : Apr 14, 2022, 10:48 AM IST

नई दिल्ली : भारतीय संविधान के निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की आज 131वीं जयंती मनाई जा रही है. डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था. भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक कहा जाता है. आजाद भारत के वह पहले कानून एवं न्याय मंत्री थे. अंबेडकर जंयती को भारत में समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में जाना जाता है.

इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में संसद भवन लॉन में भारतीय संविधान के निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने डॉ. अंबेडकर के भाषण का एक वीडियो ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. उन्होंने ट्वीट किया, 'बाबा साहेब डॉ. बीआर अंबेडकर की 131वीं जयंती पर मेरी श्रद्धांजलि. जिन्होंने भारत को ताकत का सबसे मजबूत स्तंभ दिया - हमारा पवित्र संविधान.'

डॉ अंबेडकर एक प्रख्यात कानूनविद, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे. उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन के साथ-साथ महिलाओं और श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए कदम उठाए. भीमराव अंबेडकर भारत के संविधान के मुख्य वास्तुकार थे. डॉ. अंबेडकर वर्ण व्यवस्था तथा छुआछूत के खिलाफ थे. उन्होंने अपने जीवन काल में वर्ण व्यवस्था का पुरजोर विरोध किया था. बाबा साहेब अंबेडकर ने दलितों के उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए. उन्होंने समाज के वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए संघर्ष किया गया और मुहिम चलाई.

डॉ. भीमराव अंबेडकर को 1990 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. भारत सरकार ने 2015 में 14 अप्रैल को देशभर में आधिकारिक सार्वजनिक अवकाश के रूप में घोषित किया.

यह भी पढ़ें- जेएनयू कैंपस में रामनवमी के दिन हुई हिंसा दुखद: कुलपति

नई दिल्ली : भारतीय संविधान के निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की आज 131वीं जयंती मनाई जा रही है. डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था. भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक कहा जाता है. आजाद भारत के वह पहले कानून एवं न्याय मंत्री थे. अंबेडकर जंयती को भारत में समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में जाना जाता है.

इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में संसद भवन लॉन में भारतीय संविधान के निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने डॉ. अंबेडकर के भाषण का एक वीडियो ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. उन्होंने ट्वीट किया, 'बाबा साहेब डॉ. बीआर अंबेडकर की 131वीं जयंती पर मेरी श्रद्धांजलि. जिन्होंने भारत को ताकत का सबसे मजबूत स्तंभ दिया - हमारा पवित्र संविधान.'

डॉ अंबेडकर एक प्रख्यात कानूनविद, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे. उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन के साथ-साथ महिलाओं और श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए कदम उठाए. भीमराव अंबेडकर भारत के संविधान के मुख्य वास्तुकार थे. डॉ. अंबेडकर वर्ण व्यवस्था तथा छुआछूत के खिलाफ थे. उन्होंने अपने जीवन काल में वर्ण व्यवस्था का पुरजोर विरोध किया था. बाबा साहेब अंबेडकर ने दलितों के उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए. उन्होंने समाज के वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए संघर्ष किया गया और मुहिम चलाई.

डॉ. भीमराव अंबेडकर को 1990 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. भारत सरकार ने 2015 में 14 अप्रैल को देशभर में आधिकारिक सार्वजनिक अवकाश के रूप में घोषित किया.

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Last Updated : Apr 14, 2022, 10:48 AM IST
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