बेंगलुरु : तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा जमाने के बाद भारत के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे अफगान छात्र काफी चिंतित हैं. उन्हें तालिबान के शासन में अपने परिवार और मुल्क के भविष्य की चिंता सता रही है.
कुछ छात्रों ने कोविड-19 के कारण शिक्षण संस्थान बंद होने के चलते वापस अफगानिस्तान गए अपने साथियों की सहायता करने का अनुरोध भारत सरकार से किया है. साथ ही कुछ छात्र लंबे वक्त तक यहां रहने के लिए अपने वीजा की अवधि बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं.
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में पढ़ रहे अफगान छात्र भी अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं. अफगान छात्रों ने बेंगलुरु में ज्ञानभारती विश्वविद्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों के हाथ में पोस्टर थे, जिस पर लिखा था- अरेस्ट अशरफ गनी (अशरफ गनी को गिरफ्तार करो).
प्रदर्शन कर रहे अफगान छात्रों ने कहा कि उन्होंने अपने माता-पिता से बात की. फिलहाल स्थिति ठीक है. लेकिन सभी अपने-अपने घरों में कैद हैं. भारत सरकार को हमारी मदद करनी चाहिए. अन्यथा भविष्य में हमें बहुत परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
एक छात्र ने कहा, हम घर पर अपने परिवारों को लेकर बहुत फिक्रमंद हैं. हालात बहुत खराब हैं. मैं उन्हें फोन नहीं कर पाया हूं लेकिन जब मैंने इंटरनेट के जरिए बात की तो उन्होंने कहा कि वे सुरक्षित हैं.
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शहर में पढ़ रहे कुछ अन्य अफगान छात्रों ने बताया कि उन्हें अपने परिजनों की चिंता है. एक छात्रा ने कहा कि अमेरिका के समर्थन वाली सरकार में पिछले कुछ वर्षों में हालात सुधरे थे लेकिन अब भी फिर से तालिबान का शासन आ गया है, स्थिति खराब होगी.
छात्रा ने कहा, हम नहीं जानते कि तालिबान महिलाओं पर कौन से नियम लागू करने जा रहा है. यह हमारे लिए चिंता की बात है.