हुबली : कर्नाटक के धारवाड़ जिले का रहने वाला एक व्यक्ति 20 साल बाद अपने घर लौटा. दरअसल, केंचप्पा गोविंदप्पा वाडरा सेना के जवानों की मदद से जब घर लौटे तो घर में खुशी का माहौल छा गया. पिछले दो दशक से केंचप्पा का इंतजार कर रहे उनकी पत्नी और बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.
बताया जा रहा है कि अशिक्षित केंचप्पा काम की तलाश में घर से निकले थे और गलती से जम्मू-कश्मीर पहुंच गए. वह बिना टिकट के ट्रेन में सवार हो गए थे और रेलवे अधिकारियों ने जांच के दौरान जब उन्हें बिना टिकट के पाया तो उन्हें हरिद्वार (उत्तराखंड) में उतार दिया, जहां से उन्होंने दूसरी ट्रेन पकड़ी और जम्मू-कश्मीर पहुंच गए.
केंचप्पा पेट भरने के लिए जम्मू-कश्मीर में एक होटल में काम करने लगे. होटल मालिक ने मजबूरी का फायदा उठाकर कई सालों तक सिर्फ खाने पर केंचप्पा से काम करवाता रहा. केंचप्पा के मुताबिक, होटल मालिक रात में उसे एक कमरे में बंद कर देता था.
इस दौरान एक दिन केंचप्पा के लिए ईश्वर के स्वरूप सेना के जवान होटल पर पहुंचे, जो कर्नाटक के रहने वाले थे. जब केंचप्पा ने जवानों को कन्नड़ में बात करते हुए सुना तो जवानों को अपनी आपबीती बताई.
इसके बाद सैनिकों ने केंचप्पा को घर भेजने में मदद की. इस तरह दो दशक बाद केंचप्पा अपने परिवार से मिल पाए. उनके परिवार में पत्नी, चार बेटे और दो बेटियां हैं. केंचप्पा के घर लौटने से बच्चे काफी खुश है. बच्चों ने सैनिकों का तहेदिल से शुक्रिया अदा किया.
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केंचप्पा के गायब होने के बाद परिजनों ने कई बार पुलिस में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिला.
केंचप्पा के बेटे हनुमंत ने कहा कि जब हम बच्चे थे तो उनके पिता घर से गए थे. हमने उन्हें हुबली, धारवाड़ सहित कई शहरों में ढूंढा. हमने उन्हें ढूंढने के लिए बहुत कोशिश की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. हम अपने पिता को वापस देखकर काफी खुश हैं. सैनिकों ने हमें खुश किया है.