कोटा. राजस्थान के कोटा के कोचिंग संस्थानों के छात्र इंजीनियरिंग और मेडिकल फील्ड के साथ ही अब ओलंपियाड में भी झंडा गाड़ने जा रहे हैं. दरअसल, देश भर से 29 बच्चों का चयन इंटरनेशनल साइंस ओलंपियाड के लिए हुआ है, जिनमें से 19 बच्चे कोटा कोचिंग संस्थान से जुड़े हुए हैं.
एक ही संस्थान के 19 छात्र : कोटा के निजी कोचिंग संस्थान के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट पंकज बिरला ने बताया कि विश्व के 6 इंटरनेशनल ओलंपियाड के लिए भारत से चयनित बच्चों की सूची जारी की गई है. इसमें उनके कोचिंग संस्थान के 19 विद्यार्थी भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि इंटरनेशनल फिजिक्स ओलंपियाड में 5 में से 3, केमेस्ट्री ओलंपियाड में 4 में से 4, एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स ओलंपियाड में 5 में से 4, मैथमेटिक्स ओलंपियाड में 6 में से 1, एस्ट्रोनॉमी एस्ट्रोफिजिकल जूनियर ओलंपियाड में 3 में से 3 और जूनियर साइंस ओलंपियाड में 6 में से 4 स्टूडेंट्स उनके कोचिंग संस्थान के हैं.
इनका हुआ चयन : चयनित छात्रों में कृष श्रीवास्तव, रिदम केडिया, राजदीप मिश्रा, आरुष मिश्रा, सिद्धार्थ के गोपाल, महरूफ ए खान, दिव्य अग्रवाल, ध्रुव शाह, अदिति सिंह, आकाश राज सहाय, अतुल शतावर्त नागिद, अर्चित भलोदिया, राघव गोयल, अवनीश बंसल, मोहम्मद साहिल अख्तर, मलय केडिया, सेनावनीत मुकुंद, रूद्र पठानिया और सात्विक पटनायक शामिल हैं. इनमें से अवनीश बंसल ने 10वीं के साथ ही इंटरनेशनल केमिस्ट्री ओलंपियाड में शामिल होने का कीर्तिमान बनाया है, जबकि यह ओलंपियाड 11वीं और 12वीं के स्तर पर आयोजित हो रहा है. पंकज बिरला का कहना है कि विश्व स्तर पर आयोजित होने वाले इन ओलंपियाड में 50 में से 90 देशों के विद्यार्थी शामिल होते हैं.
कोर्स की इंडेप्थ नॉलेज जरूरी : कोचिंग के बायोलॉजी हेड आरके खंगार का कहना है कि स्टूडेंट्स को जेईई और नीट के एग्जाम की तैयारी के साथ ही यह तैयारी भी करनी होती है. इसमें भी फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथमेटिक्स, जूलॉजी और बॉटनी की ही पढ़ाई विद्यार्थियों को करनी होती है. हालांकि, जेईई और नीट में इतनी गहनता से अध्ययन की जरूरत नहीं होती है, जबकि ओलंपियाड में स्टूडेंट्स को इंडेप्थ नॉलेज की जरूरत होती है. विश्व स्तर पर विद्यार्थियों के बीच में कंपटीशन होता है.
स्पोर्ट्स ओलंपिक की तरह मिले दर्जा : बायोलॉजी हेड आरके खंगार ने बताया है कि जिस तरह से स्पोर्ट्स ओलंपिक के विजेताओं को सम्मान मिलता है, उसी तरह से एजुकेशन के इंटरनेशनल ओलंपिक में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को भी मिलना चाहिए. सरकार इन विद्यार्थियों को ट्रेनिंग से लेकर ओलंपिक में भाग लेने तक सब कुछ खर्चा उठाती है. जब यह पदक जीतकर आते हैं तब इन्हें उचित स्थान नहीं मिलता है. ऐसे में पदक जीतने वाले एजुकेशन ओलंपिक विद्यार्थियों को भी सरकार प्रोत्साहित करें.