एकाग्र गमक रंग श्रृंखला के अंतर्गत रंग संगीत की दी गई प्रस्तुति
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भोपाल। मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित एकाग्र गमक रंग मध्यप्रदेश श्रृंखला के अंतर्गत रंग संगीत की प्रस्तुति हुई. बहू विधि कला अनुशासनओं की गतिविधियों पर वैशाली गुप्ता के निर्देशन में ये प्रस्तुति दी गई. प्रस्तुति की शुरुआत महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की 'वर दे वीणावादिनी' से हुई. उसके बाद 'जब से एमए फेल हुआ हमारे कालेज का बचूहा', 'घूमर घूमर सावन आए', 'मैं अकेला देखता हूं', डॉक्टर देवेंद्र दीपक की कोलाज कविता 'मास्टर धर्मदास के अंश' मैथिली शरण गुप्त की बाल कविता 'सर्कस निराला की जागो फिर एक बार' माखनलाल चतुर्वेदी की बहुचर्चित रचना 'पुष्प की अभिलाषा' आदि कविताओं और गीतों को कहानी और रंग संगीत के माध्यम से प्रस्तुत किया गया.