उज्जैन: अंतरराष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद (IMPC) की महासंगम यात्रा उज्जैन पहुंची. यह परिषद 12 ज्योतिर्लिंग और चार धामों की यात्रा कर रही है. यह यात्रा 25 जनवरी को प्रयागराज से शुरू हुई थी और अब तक 9,374 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुकी है. यात्रा के दौरान 108 त्रिशूलों का जलाभिषेक किया गया. इन त्रिशूलों को उन मंदिरों में स्थापित किया जाएगा जहां पुनर्निर्माण की आवश्यकता है. इस पहल का उद्देश्य मंदिरों की भव्यता फिर से स्थापित करना और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना है.
'सरकारी नियंत्रण से मुक्त हों बड़े मंदिर'
अंतरराष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश यादव ने कहा कि "देशभर के 100 से अधिक बड़े मंदिर सरकारी नियंत्रण में हैं, जहां प्रशासनिक अधिकारी संचालन संभालते हैं. परिषद का लक्ष्य इन मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों, वैज्ञानिकों, डॉक्टरों और भारत रत्न पुरस्कार प्राप्त व्यक्तियों की समिति द्वारा प्रबंधित कराना है. इस संबंध में परिषद जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री से मुलाकात कर अपनी मांग रखेगी."
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डिजिटल युग में मंदिरों को जोड़ने की पहल
महासंगम यात्रा को भगवा ऐप से जोड़ा गया है. इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से देशभर के प्रमुख मंदिरों की जानकारी और लाइव दर्शन उपलब्ध कराए जा रहे हैं. इसके अलावा 1 लाख वॉलंटियर जोड़कर मंदिरों के सौंदर्यीकरण, सफाई और धार्मिक गतिविधियों को बढ़ावा देने की योजना है. महासंगम यात्रा उज्जैन के बाद ओंकारेश्वर, मथुरा-वृंदावन, हरिद्वार, ऋषिकेश, उखीमठ होते हुए 21 फरवरी 2025 को दिल्ली में संपन्न होगी.