कान्हा से चार बायसन की पहली खेप संजय टाइगर रिजर्व के लिए रवाना
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मंडला: कान्हा टाइगर रिजर्व से 1 जून को 4 गौर(बायसन) सीधी के संजय टाइगर रिजर्व के लिए भेजा गया है. कान्हा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर एसके सिंह ने बताया कि "अगले 1 सप्ताह के दौरान कान्हा से कुल 35 गौर (बायसन) का संजय टाइगर रिजर्व में पुनर्स्थापन किया जाना है." कान्हा टाइगर रिजर्व, मण्डला से संजय टाइगर रिजर्व, सीधी में गौर के प्रत्यास्थापन की योजना साल 2021 में भारत सरकार वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से स्वीकृत की गई थी. यह योजना एमपी शासन वन विभाग के पहल पर भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून द्वारा तैयार की गई, जिसके तहत कान्हा टाइगर रिजर्व से 35 एवं सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से 15 गौर वन्यप्राणियों का स्थानान्तरण प्रस्तावित हैं. कान्हा टाइगर रिजर्व दुनिया भर में अपने विशेष वन्य प्राणियों के लिए प्रसिद्ध है. चाहे यहां के बाघ हों, बारहसिंघा हों या फिर बायसन. बाघ को देखने पूरी दुनिया से सैलानी कान्हा नेशनल पार्क पहुंचते हैं. बारहसिंघा की पर्याप्त संख्या होने के कारण यहां से उन क्षेत्रों में पुनर्स्थापन किया गया. जहां बारहसिंघा विलुप्त हो चुके थे. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में विलुप्तप्राय बारहसिंघा प्रजातियों को पुनर्स्थापन किया जा चुका है. अब गौर का पुनर्स्थापन किया जा रहा है. पूर्व वर्ष 2011-12 में कान्हा टाइगर रिजर्व से 50 गौर (बायसन) का प्रत्यास्थापन बांधवगढ टाइगर रिजर्व, उमरिया में सफलतापूर्वक किया गया. वहां लगभग 150 गौर की संख्या है. वर्तमान प्रक्रिया पूर्णतः भारतीय विशेषज्ञों की देखरेख में संपन्न की जा रही है. इस प्रक्रिया के अध्ययन के लिये छत्तीसगढ़ एवं कर्नाटक राज्य के वन्यप्राणी प्रबंधन अधिकारी भी उपस्थित रहें. आगामी 1 सप्ताह में कान्हा टायगर रिजर्व से 35 गौर (बायसन) का विस्थापन किया जाना प्रस्तावित है.