44 लाख का सरपंच! लोकतंत्र की नीलामी को शिवराज के मंत्री ने बताया अलोकतांत्रिक
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अशोकनगर जिले के चंदेरी तहसील के भटौली ग्राम पंचायत में 44 लाख रुपए की बोली लगाने वाले प्रतिनिधि को प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री प्रदुम्न सिंह तोमर ने अनुचित (Democracy sold in Bhatoli village) ठहराया है. अशोकनगर जिला अस्पताल के दौरे पर गए मंत्री ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए पहले तो मामले की जानकारी नहीं होने की बात कही, जब उन्हें मामले से अवगत कराया गया तो उन्होंने साफ किया कि बोली लगाकर निर्विरोध सरपंच बनना उचित नहीं है. इस मौके पर कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक भी मौके पर मौजूद रहे. अब देखना होगा कि मजबूत लोकतंत्र के लिए प्रशासन क्या एक्शन लेता है. अभी तक कलेक्टर उमा माहेश्वरी इस मामले में कुछ भी कहने से बचती आ रही हैं. ग्राम भटौली में मंदिर में एक बैठक बुलाई गई. जिसमें 4 प्रतिभागियों ने सरपंच पद के लिए दावेदारी पेश की. ग्रामीणों के बीच रुपयों की बोली लगाई गई. यह बोली सरपंच पद के लिए 21 लाख रुपए से शुरू होकर 44 लाख तक पहुंची. अंतिम बोली गांव के ही सौभाग सिंह ने लगाई. ग्रामीणों की मानें तो सबसे ज्यादा बोली लगाने पर सौभाग सिंह को निर्विरोध सरपंच (Sarpanch elected through bidding Rs 44 lakh in Bhatoli village) चुन लिया. इसके बाद गांववालों ने तय कि सौभाग सिंह के खिलाफ कोई मैदान में नहीं उतरेगा, जबकि भटोली में मतदान तीसरे चरण में होना है.