अकरा : घाना स्वास्थ्य सेवा (GHS) ने देश में मारबर्ग वायरस रोग (MVD) के पहले दो मामलों की पुष्टि की है. जीएचएस ने एक बयान में कहा, डकार (IPD) में इंस्टीट्यूट पाश्चर को भेजे गए संदिग्ध संक्रमित व्यक्तियों के नमूने MVD के लिए सकारात्मक परीक्षण के बाद पुष्टि हुई. घाना के अशांति क्षेत्र में तीव्र रक्तस्रावी बुखार की परिभाषा को पूरा करने वाले दो व्यक्तियों की पहचान करने के बाद, GHS ने पहली बार 7 जुलाई को संदिग्ध (Marburg virus) संक्रमणों की घोषणा की. समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने जीएचएस के हवाले से बताया कि, नोगुची मेमोरियल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल रिसर्च में व्यक्तियों के नमूनों में MVD के लिए सकारात्मक परीक्षण किया.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सहायता से, नमूने आगे की पुष्टि के लिए IPD को भेजे गए थे. जीएचएस के बयान में कहा गया है, "अब तक 98 संपर्कों की पहचान की गई है, जिनमें सवाना (Savannah region) क्षेत्र के सावला-टूना-कलबा (Savala - Tuna - Kalba district) जिले के लोग भी शामिल हैं." "वे संगरोध से गुजर रहे हैं और जीएचएस के अशांति और सवाना क्षेत्रीय स्वास्थ्य निदेशालयों द्वारा निगरानी की जा रही है."
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बयान में कहा गया,"एमवीडी के किसी भी नए मामले की पहचान नहीं की गई है." MVD, एक दुर्लभ लेकिन गंभीर (Hemorrhagic fever) रक्तस्रावी बुखार, मारबर्ग वायरस के कारण होता है और इससे मृत्यु हो सकती है. WHO के अनुसार, यह बीमारी पहले अंगोला, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, दक्षिण अफ्रीका, युगांडा और केन्या (Marburg virus in Angola, Democratic Republic of the Congo, South Africa, Uganda and Kenya) में हुई थी.
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