विदिशा। शहर की सोटिया रोड वृंदावन कॉलोनी में रहने वाले मनीष कुशवाहा के घर में इंडियन रेड नामक सांप भटकते हुए कहीं से घुस आया था. सांप को देखकर रहवासियों में अफरा-तफरी मच गई. फिर लोगों ने सर्पमित्र से संपर्क कर सांप का न केवल रेस्क्यू किया, बल्कि सर्पमित्र ने उसका इलाज भी किया. सांप की लंबाई लगभग 8 फीट बताई जा रही है जोकि बहुत ज्यादा जहरीला नहीं है. यह सांप पहले से घायल था, इसका इलाज करके जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया गया.
8 फीट इंडियन रेड स्नेक का रेस्क्यू: विदिशा के रहने वाले सर्पमित्र हफीज कुरैशी ने बताया कि "हमने एक सांप पकड़ा था. 8 फीट का इंडियन रेड स्नेक जो घायल था. उसके घाव में चींटी लगी हुई थी और उसमें कीड़े पड़ गए थे. उसका ट्रीटमेंट करके हमने 2 दिन अपने घर पर रखा और फिर उसको सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया. हमने सांप के उपचार की ट्रेनिंग ली है. उसका इलाज नहीं होता तो दो-चार दिन में वह मर जाता. हमारा काम सांपों को बचाना और इंसानों को बचाना है. इसीलिए सांपों को कभी मारे नहीं."
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सांप पर्यावरण का हिस्सा: सर्पमित्र ने बताया कि "सांप भी पर्यावरण का हिस्सा हैं. सांपों के घरों में पानी भर जाता है इसीलिए वह इंसान के मकानों में आ जाते हैं. रास्ता भटक जाते हैं, इसलिए सांपों को मारे नहीं. हमने लगभग 10-15 सांपों का ट्रीटमेंट करके जंगल में सुरक्षित छोड़ा है. हम सांपों को बचाने का कार्य लगभग 15 साल से कर रहे हैं. कम से कम 12 से 15 फीट तक के सांप पकड़ चुके हैं, जिसमें इंडियन रेड स्नेक, कोबरा, रसैल वाइपर और करैत सांप जो रात में ही निकलता है. सबसे ज्यादा मौत इनके काटने से होती है."