विदिशा। एमपी के विदिशा में डोल ग्यारस का पर्व पर बड़ी धूमधाम के साथ रैली निकाली गई. दरअसल यहां पर संचालित वात्सल्य स्कूल का डोल ग्यारस के पर्व का लोगों को इंतजार होता है, जहां सैकड़ों की तादात में स्कूली बच्चे स्टाफ महाराष्ट्रीयन परिधान में एक साथ चलते हैं. फिलहाल इस डोल ग्यारस में लगभग 1 किलोमीटर से अधिक लंबी रैली निकली, इसके बाग सभी ने मिलकर बप्पा को विदाई दी. इस विदाई समारोह में बड़ी संख्या में छात्राएं मुंबई के पैटर्न पर ढोल बजाते हुए आगे-आगे चल रही थीं, तो वहीं इसरो से दुनिया को हैरान करने वाले भारत के इस कदम को विदिशा की सड़कों पर चरितार्थ करती हुई झांकी मुख्य आकर्षण का केंद्र रही.
इसरो की झांकी ने लूटी महफिल: इसरो की कामयाबी से दुनिया हैरान है और भारत की महानता सभी ने देखी है, लेकिन डोल ग्यारस पर विदिशा की सड़कों पर इसरो द्वारा भेजे गए चंद्रयान की छांकी बप्पा के ढोल ग्यारस की प्रमुख झांकियों में से एक थी. जब सैकड़ों की तादाद में स्कूल के बच्चे उनका स्टाफ महाराष्ट्रीयन परिधान में ढोल बजाते हुए सड़कों पर गुजर रहे थे, तो शहर के व्यापार जगत से जुड़े कई लोगों ने बप्पा के इस विशाल रैली का स्वागत जोरदार तरीके से किया. हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी विद्यालय द्वारा निकाले जाने वाले डोल ग्यारस पर निकाली जाने वाली रैली के लिए लोगों में खासा देखने को मिला.
गणेश जी के इसरो को समर्पित दिन: डोल ग्यारस के इस पर्व पर स्कूली बच्चों का उत्साह देखते बन रहा था, नाचते गाते स्कूली बच्चे, स्टाफ और संचालक पूरी तरीके से बप्पा के रंग में रंगे हुए थे. स्कूल संचालिका के मुताबिक "गणपति बप्पा के सारे दिन ही विशेष रहते हैं, लेकिन आज के दिन बच्चों का उत्साह था कि हम चंद्रयान को लेकर जाएंगे और देश की शान सबको दिखाएंगे. हमारे स्कूल में लगभग 12 वर्ष से गणेश उत्सव बड़ी धूमधाम से और उत्साह से मनाया जाता है, मुझे लगता है हमारा स्कूल जिले का या कहें कि मध्य प्रदेश का पहला स्कूल हैं जहां इतनी धूमधाम से गणेश उत्सव मनाया जाता है. गणपति बच्चों को सद्बुद्धि देने वाले देवता हैं, इसलिए आज का दिन गणपति जी के साथ इसरो को समर्पित था."