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फसल बीमा योजना को लेकर बैंक की लापरवाही, हजारों किसानों को नहीं मिली राशि

विदिशा जिले में फसल बीमा योजना को लेकर बैंक की लापरवाही देखने को मिली है, जिले के हजारों किसानों को बीमा की राशि नहीं मिली है, जिसके बाद से ही किसानों में आक्रोश देखा जा रहा है.

Thousands of farmers of the district left in crop insurance due to bank's negligence
बैंक की लापरवाही से फसल बीमे में छूटे जिले के हजारों किसान
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Published : Oct 7, 2020, 8:01 PM IST

विदिशा। जिले में फसल बीमा योजना को लेकर बैंक की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिसके चलते जिले के हजारों किसानों को बीमा राशि नहीं मिल पाई है. पिछले साल के करीब पांच हजार किसान शामिल हैं, जिन्हें बैंक की गलती के कारण इस बार क्षतिपूर्ति राशि नहीं मिल पाई है, इस साल कराए गए फसल बीमा के पंजीयन में भी 389 किसानों का बीमा नहीं हो पाया है.

बीमा कंपनियों ने इन किसानों के दस्तावेज में कमी बताते हुए जमा कराई गई प्रीमियम राशि 11 बैंकों को वापस लौटा दी. जिसके बाद अब कृषि विभाग के अधिकारी दोबारा पोर्टल शुरू करा रहे हैं, और छूटे हुए किसानों के नाम पोर्टल पर दर्ज कराने का प्रयास कर रहे हैं.

जिला प्रशासन के मुताबिक यदि किसानों की फसल का बीमा नहीं हुआ तो बैंकों को जिम्मेदार माना जाएगा और फसल नुकसान होने पर बैंकों से क्षतिपूर्ति राशि पीड़ित किसानों को दिलवाई जाएगी, वहीं बीमा कंपनी ने खरीफ सीजन 2019 के नुकसान के बदले बीमा राशि जारी की है, जिनमें जिले के 171 राजस्व हलके छूट गए थे. 389 किसानों के नाम पोर्टल पर दर्ज करने में असमर्थ था जिसके बाद राशि बैंकों को वापस लौटा दी, इधर किसानों का कहना है कि पोर्टल की खामियों के कारण उनके दस्तावेज दर्ज नहीं हुए हैं.

जिसके बाद जिले भर में बीमा राशि को लेकर किसानों में आक्रोश है, किसान पहले ही गांव से लेकर तहसील जिले तक चक्का जाम कर अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं.

विदिशा। जिले में फसल बीमा योजना को लेकर बैंक की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिसके चलते जिले के हजारों किसानों को बीमा राशि नहीं मिल पाई है. पिछले साल के करीब पांच हजार किसान शामिल हैं, जिन्हें बैंक की गलती के कारण इस बार क्षतिपूर्ति राशि नहीं मिल पाई है, इस साल कराए गए फसल बीमा के पंजीयन में भी 389 किसानों का बीमा नहीं हो पाया है.

बीमा कंपनियों ने इन किसानों के दस्तावेज में कमी बताते हुए जमा कराई गई प्रीमियम राशि 11 बैंकों को वापस लौटा दी. जिसके बाद अब कृषि विभाग के अधिकारी दोबारा पोर्टल शुरू करा रहे हैं, और छूटे हुए किसानों के नाम पोर्टल पर दर्ज कराने का प्रयास कर रहे हैं.

जिला प्रशासन के मुताबिक यदि किसानों की फसल का बीमा नहीं हुआ तो बैंकों को जिम्मेदार माना जाएगा और फसल नुकसान होने पर बैंकों से क्षतिपूर्ति राशि पीड़ित किसानों को दिलवाई जाएगी, वहीं बीमा कंपनी ने खरीफ सीजन 2019 के नुकसान के बदले बीमा राशि जारी की है, जिनमें जिले के 171 राजस्व हलके छूट गए थे. 389 किसानों के नाम पोर्टल पर दर्ज करने में असमर्थ था जिसके बाद राशि बैंकों को वापस लौटा दी, इधर किसानों का कहना है कि पोर्टल की खामियों के कारण उनके दस्तावेज दर्ज नहीं हुए हैं.

जिसके बाद जिले भर में बीमा राशि को लेकर किसानों में आक्रोश है, किसान पहले ही गांव से लेकर तहसील जिले तक चक्का जाम कर अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं.

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