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विदिशा: 70 फीसदी फसल का हुआ नुकसान, सर्वे में सामने आई रिपोर्ट

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Published : Sep 10, 2020, 4:50 PM IST

बारिश की चपेट में आने से विदिशा जिले में सोयाबीन और उड़द की फसल को 70 फीसदी नुकसान हुआ है, तीन सर्वे करने के बाद इस रिपोर्ट को तैयार किया गया है.

soybean and urad crops damaged
सोयाबीन और उड़द फसलों का नुकसान

विदिशा। बारिश और कीट प्रकोप की वजह से सोयाबीन और उड़द की फसलों में 70 फीसदी तक का नुकसान हुआ है. यह रिपोर्ट प्रशासन के तीन दिवसीय सर्वे में निकलकर सामने आई है. कलेक्टर डॉक्टर पंकज जैन ने भी नुकसान के आंकड़े के साथ अधिसूचना जारी की है, जिसमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कंपनी को वास्तविक आकलन करने को कहा गया है.

अधिसूचना में कहा गया है कि फसल बीमा योजना में मौसम की प्रतिकूलता और कीट प्रकोप के चलते फसलों की पैदावार प्रभावित होने पर बीमा कंपनी द्वारा दावा भुगतान का प्रावधान है. बीमा कंपनी द्वारा अधिसूचित फसलों से सोयाबीन और उड़द की फसलों को 70 प्रतिशत तक का नुकसान हुआ है. इसके वास्तविक आकलन के लिए राजस्व और कृषि विभाग संयुक्त रूप से पटवारी हल्कों में सर्वे करेगा. फसल बीमा कंपनी के प्रतिनिधि तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में मौजूद रहेंगे.

कलेक्टर डॉक्टर पंकज जैन के मुताबिक इस आकलन के बाद फसल बीमा कराने वाले किसानों को कंपनी द्वारा क्षतिपूर्ति की राशि दी जाएगी. कृषि विभाग के अनुसार खरीफ सीजन के दौरान 4 लाख 83 हजार हेक्टेयर से सोयाबीन और उड़द की फसल बोई गई थी, जिसमें 3 लाख 75 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन और 1 लाख 8 हजार हेक्टेयर में उड़द बोया गया था. सितंबर महीने के पहले सप्ताह में 3 दिनों से लगातार बारिश हुई है, जिसकी वजह से सोयाबीन पर सफेद मक्खी और येलो मोजेक से ढाई लाख हेक्टेयर से अधिक की फसल का नुकसान हुआ है.

विदिशा। बारिश और कीट प्रकोप की वजह से सोयाबीन और उड़द की फसलों में 70 फीसदी तक का नुकसान हुआ है. यह रिपोर्ट प्रशासन के तीन दिवसीय सर्वे में निकलकर सामने आई है. कलेक्टर डॉक्टर पंकज जैन ने भी नुकसान के आंकड़े के साथ अधिसूचना जारी की है, जिसमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कंपनी को वास्तविक आकलन करने को कहा गया है.

अधिसूचना में कहा गया है कि फसल बीमा योजना में मौसम की प्रतिकूलता और कीट प्रकोप के चलते फसलों की पैदावार प्रभावित होने पर बीमा कंपनी द्वारा दावा भुगतान का प्रावधान है. बीमा कंपनी द्वारा अधिसूचित फसलों से सोयाबीन और उड़द की फसलों को 70 प्रतिशत तक का नुकसान हुआ है. इसके वास्तविक आकलन के लिए राजस्व और कृषि विभाग संयुक्त रूप से पटवारी हल्कों में सर्वे करेगा. फसल बीमा कंपनी के प्रतिनिधि तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में मौजूद रहेंगे.

कलेक्टर डॉक्टर पंकज जैन के मुताबिक इस आकलन के बाद फसल बीमा कराने वाले किसानों को कंपनी द्वारा क्षतिपूर्ति की राशि दी जाएगी. कृषि विभाग के अनुसार खरीफ सीजन के दौरान 4 लाख 83 हजार हेक्टेयर से सोयाबीन और उड़द की फसल बोई गई थी, जिसमें 3 लाख 75 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन और 1 लाख 8 हजार हेक्टेयर में उड़द बोया गया था. सितंबर महीने के पहले सप्ताह में 3 दिनों से लगातार बारिश हुई है, जिसकी वजह से सोयाबीन पर सफेद मक्खी और येलो मोजेक से ढाई लाख हेक्टेयर से अधिक की फसल का नुकसान हुआ है.

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