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गोरक्षा के लिए सात दिनों के उपवास पर बैठे कल्याण दास महाराज, देखें खबर

प्रशासन से कई बार मांग करने के बावजूद प्रशासन ने गोरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया है. जिसके चलते महंत कल्याण दास महाराज पिछले 7 दिनों से उपवास पर बैठे हैं.

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Published : Aug 18, 2019, 12:27 AM IST

महंत कल्याण दास महाराज

विदिशा। गौमाता के नाम पर कई राजनैतिक और सामाजिक संगठन आगे आते है लेकिन असल में गौमाता की रक्षा कोई नहीं करता. आज भी गाय के नाम पर सिर्फ राजनीति ही होती है. लेकिन फिर भी चौराहों पर गाय देखने मिल जाएगी इन्ही मुद्दों से छुटकारा दिलाने के लिए महंत कल्याण दास महाराज पिछले 7 दिनों से उपवास पर बैठे हैं.

उपवास पर बैठे कल्याण दास महाराज

महंत कल्याण दास महाराज का कहना है कि जो गौ-शालाओं की जमीन है उन पर पूरी तरह से कब्जा हो चुका है. यह गायों पर तरह-तरह के सितम किये जा रहे है. गाय आवारा मवेशियों की तरह सड़कों पर घूमने को मजबूर है. वहीं गौ सत्याग्रह समर्थक असीम शर्मा बताते है कि गौ सत्याग्रह के पहले संत कल्याण दास महाराज के अनुयायी प्रशासनिक अमले से गाय के संरक्षण को लेकर मांग कर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि मांगों में प्रमुख रूप से गायों के लिए आरक्षित चरणों की भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने की मांग दोहराई गई थी. उसके बावजूद भी कोई काम नहीं हुआ और जिसके बाद यह गौ सत्याग्रह रविवार से क्रमिक भूख हड़ताल शुरू की जा रही है.

विदिशा। गौमाता के नाम पर कई राजनैतिक और सामाजिक संगठन आगे आते है लेकिन असल में गौमाता की रक्षा कोई नहीं करता. आज भी गाय के नाम पर सिर्फ राजनीति ही होती है. लेकिन फिर भी चौराहों पर गाय देखने मिल जाएगी इन्ही मुद्दों से छुटकारा दिलाने के लिए महंत कल्याण दास महाराज पिछले 7 दिनों से उपवास पर बैठे हैं.

उपवास पर बैठे कल्याण दास महाराज

महंत कल्याण दास महाराज का कहना है कि जो गौ-शालाओं की जमीन है उन पर पूरी तरह से कब्जा हो चुका है. यह गायों पर तरह-तरह के सितम किये जा रहे है. गाय आवारा मवेशियों की तरह सड़कों पर घूमने को मजबूर है. वहीं गौ सत्याग्रह समर्थक असीम शर्मा बताते है कि गौ सत्याग्रह के पहले संत कल्याण दास महाराज के अनुयायी प्रशासनिक अमले से गाय के संरक्षण को लेकर मांग कर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि मांगों में प्रमुख रूप से गायों के लिए आरक्षित चरणों की भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने की मांग दोहराई गई थी. उसके बावजूद भी कोई काम नहीं हुआ और जिसके बाद यह गौ सत्याग्रह रविवार से क्रमिक भूख हड़ताल शुरू की जा रही है.

Intro:विदिशा :- गाय एक ऐसा नाम जो चुनाव आते ही जिंदा होता है चुनाव जाते ही यह नाम को तरह तरह से बदला जाने लगता है चुनाव के पहले कोई पार्टी इसी गाय के सहारे अपना वोट बैंक बढ़ा रही थी तो कोई गाय को अपनी माता बताकर इसका सबसे बड़ा हिमायती साबित करने की कोशिश कर रही थी चुनाव के बाद इस गाय का नाम इन दिनों आवारा मवेशी में तब्दील हो गया वर्तमान सरकार की ना आज तक गौशाला खोल सकी ना ही विपक्ष के रक्षक इन गांव इन गायों के लिए कोई खास इंतजाम कर सके आज हर चौक चौराहे पर यह गाय देखने मिल जाएगी हर दिन गाड़ियों का शिकार इंसानों की धुतकार का सामना राजनीति गौ माता को करना पड़ रहा है इन्हीं मुद्दों से छुटकारा दिलाने गाय को इंसाफ दिलाने के लिए कल्याण दास महाराज पिछले 7 दिनों से उपवास पर बैठे हैं,Body: महंत कल्याण दास महाराज बताते है जो गो शालाओं की जमीन है उन पर पूरी तरह से कब्जा हो चुका है यह गाँयो पर तरह तरह के सितम किये जा रहे है गाय आवारा मवेशियों की तरह सड़को पर घूमने को मजबूर है

Conclusion:असीम शर्मा, गौ सत्याग्रह समर्थक बताते हसि गौ सत्याग्रह के पहले संत कल्याण दास जी महाराज के अनुयायियों ने प्रशासनिक अमले से गाय के संरक्षण को लेकर मांग कर रहे हैं जिसमें प्रमुख रूप से गायों के लिए आरक्षित चरणों की भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने की मांग दोहराई गई थी उसके बाद भी कोई कार्य और ना होने के बाद यह गौ सत्याग्रह रविवार से क्रमिक भूख हड़ताल शुरू की जा रही है
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