विदिशा। किसी ने सच ही कहा है इंसान चाहे कहीं किसी ओहदे पर हो पर उसे अपने गांव की मिट्टी पुकार ही लेती है. ऐसा ही मामला विदिशा जिले में देखने मिला जब विदिशा में जन्में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो को पता लगा उनके शहर के डॉक्टर और पुलिसकर्मी कोराना महामारी की जंग बगैर पीपीई किट के लड़ रहे हैं. तो उन्होंने दिल्ली की कई निजी संस्थान से बात कर विदिशा के लिए एक हजार पीपीई किट पहुंचाई है.
प्रियंक कानूनगो ने भरोसा दिलाया इसके बाद भी अगर कोई कमी पड़ती है तो वह अपने शहर विदिशा की मदद करने के लिए हमेशा तैयार है. राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा जब मुझे पता चला मेरे जिले में पीपीई किट की कमी देखी जा रही है. विदिशा में पुलिस कर्मी डॉक्टर कोराना मरीजों को बगैर किट के लाए जा रहे हैं. इस परेशानी की वजह से दिल्ली की निजी संस्थाओं से इस बीमारी की जंग में मदद देने को कहा मेरी बात को गंभीरता से लेते हुए निजी संस्थान आगे आकर और उन्होंने विदिशा के लिए एक हजार पीपीई किट भेजी है.
राष्ट्रीय बाल संरक्षण के आयोग प्रियंक कानूनगो ने कहा कि इस महामारी से लड़ने में सबको सहयोग की जरुरत है. हम विदिशा के लिए तत्पर खड़े हैं. अभी हम अधिकारियों से भी लगतार बात कर रहे हैं. शहर के लोगों को किसी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े इसकी जरूरत है. हम सभी को यह लड़ाई मिलकर लड़नी है.