विदिशा। गंजबासौदा थाना क्षेत्र के लाल पठार गांव में 13 साल के उस रवि का अभी तक कोई सुराग नहीं लग सका है, जिसकी वजह से कई घरों के चिराग बुझ गए हैं. अब तक 20 लोगों को बचाया जा चुका है, जबकि मौत के कुएं से चार शव बरामद किया जा चुका है. अभी मलबे में कितने लोग दबे हैं, इसके कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं. हां, प्रशासन का कहना है कि 11 लोग अब भी लापता हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है.
मौत के कुएं में जिंदगी बचाने की जंग! मृतकों के परिजनों को पांच लाख का मुआवजा, घायलों को 50000 की मदद
13 साल का रवि बीती रात करीब 9 बजे के आसपास कुएं पर पानी भरने गया था, इस दौरान वह कुएं में गिर गया, जिसके बाद उसे बचाने के लिए आसपास के लोग जमा हो गए, तभी भीड़ का दबाव अधिक होने से कुआं धंस गया और करीब 40 लोग मलबे में दब गए. आनन फानन में रेस्क्यू शुरू किया गया, पर अभ तक रवि का पता नहीं चल सका है, कुएं में करीब 15 फीट से अधिक ऊंचाई तक पानी भरा है, ऐसे में पानी खाली करके खुदाई करने में भी मुश्किल आ रही है.
हादसे के बाद से रवि के परिजनों का बुरा हाल है, पूरे इलाके में मातम पसरा है क्योंकि जितने भी लोग लापता हैं, सब आसपास के ही हैं. सरकार ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए सहायता राशि देने के साथ ही घायलों को 50-50 हजार रुपए मदद देने का एलान किया है, जबकि सरकारी खर्च पर सभी घायलों का इलाज भी कराया जाएगा. ये सब तो ठीक है, पर जिसकी लापरवाही की वजह से इतना बड़ा हादसा हुआ है, उन पर अब तक किसी तरह की कार्रवाई करने का निर्देश किसी ने नहीं दिया है. हर हादसे के बाद मुआवजे का मरहम लगाकर जांच के नाम पर सिसकियों को सरकारी फाइलों में दफन करने का चलन बदस्तूर जारी है, यही वजह है कि किसी भी हादसे से सबक लेकर भविष्य की घटनाओं को रोकने का अब तक कोई इंतजाम नहीं हो सका है.