विदिशा। देश प्रदेश में भले ही मासूम नाबालिगों को नशे की लत से मुक्त करने के लिए अनेकों जतन किये जा रहे हों लेकिन विदिशा जिला मुख्यालय से दूरदराज के ग्रामीण अंचलों में खुले आम शराब की दुकानों पर मासूम बच्चों को शराब बेची जा रही है, जबकि नाबालिगों को शराब बेचना कानूनी अपराध है.
ऐसा ही मामला विदिशा के पुरनपुरा इलाके में स्थित एक देशी शराब की दुकान पर देखने को मिला जहां दुकान पर नाबालिग शराब खरीदते और बिना किसी रोक टोक के दुकान दार शराब बेचते नजर आया है. 15 साल के नाबालिग से शराब खरीदने के बारे में जब पूछा गया तो उसका जवाब चौंकाने वाला था, नाबालिग ने बिना झिझक बताया कि 'हम कभी भी कहीं से खुले आम शराब खरीद सकते हैं, हमें कोई मना नहीं है.' देशी शराब की दुकान पर नाबालिक देशी शराब खरीद कर उसका सेवन भी करता है. नाबालिक बताता है, 'हम अकेले नहीं बल्कि हमारे कई दोस्त शराब का सेवन करते हैं, अगर कोई हमसे शराब मंगवाता है तो हम उसे लाकर भी दे देते हैं, उसके बदले कुछ कमीशन भी मिल जाता है, यह हम आज से नहीं बल्कि कई सालों से कर रहे हैं.'
प्रदेश में भले ही मासूमों को शराब और अन्य मादक पदार्थों की लत से बचाने के लिए करोड़ों की योजनाएं चलाई जा रही हों लेकिन ये योजनाएं आज भी जमीन पर सार्थक साबित नहीं हो सकीं. नतीजतन ये देश का आने वाला भविष्य पूरी तरह नशे की गिरफ्त में आता जा रहा है. जितने दोषी नशे का सेवन करने वाले मासूम हैं, उतने ही दोषी नशा बेचने वाले व्यापारी भी हैं, जो इन्हें बिना रोक टोक खुले आम नशीले पदार्थ बेचते हैं और इन पर कोई कार्रवाई नहीं होती.