विदिशा/होशंगाबाद/राजगढ़/रीवा| बेमौसम हुई बारिश से भले ही तापमान में गिरावट आई है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में इस बारिश ने किसानों पर कहर बरपाया है. किसानों की हजारों क्विंटल फसल खुले में रखे होने के कारण खराब हो गई है.
बुधवार रात विदिशा जिले में तेज आंधी के साथ हुई बारिश से गंजबासौदा, कुरवाई और पठारी में खुले में पड़ा किसानों का गेहूं भीग गया है. वहीं तुलाई केंद्रों पर खुले में रखा गेहूं भी खराब हो गया है. किसान का कहना है कि तुलाई के पहले अनाज में नमी देखी जाती है अगर नमी होती है तो फसल रिजेक्ट कर दी जाती है. अब किसानों को अपनी फसल की चिंता सताने लगी है.
होशंगाबाद में बारिश ने खोली प्रशासन की पोल
होशंगाबाद में हुई जमकर बारिश में गेहूं खरीदी केंद्रों पर समर्थन मूल्य में खरीदा जा रहा गेहूं बारिश में भीग गया है. जिसके कारण किसानों एवं सरकार को नुकसान झेलना पड़ा है. प्रशासन की ओर से फसल को बरसात से बचाने के कई दावों की पोल भी खुल गई है. होशंगाबाद में गेहूं खरीदी केंद्रों पर तुलाई का गेहूं खुले में ही रखा था. जिसे ट्रांसपोर्ट कर गोदामों में रखा जाना था, लेकिन मंगलवार रात आंधी तूफान के साथ आई तेज बारिश से खुले में रखा हजारों क्विंटल गेहूं पानी में भीग गया. सरकार की गाइडलाइन के अनुसार फसल में 12% से अधिक नमी वाली फसल की तलाई नहीं की जा सकती जिसके कारण किसानों को फसल सूखने तक का इंतजार करना होगा.
राजगढ़ में बारिश में भीगा सरकारी गेहूं
राजगढ़ जिले में अचानक हुई बारिश और ओलावृष्टि से जिले का हजारों मेट्रिक टन सरकारी गेंहू बरसात के पानी में भीग गया. जिससे सड़ने की आशंका बढ़ गई है. वहीं राजगढ़ जिले के हाइवे 52 पर स्थित सुंदरपूरा कैम्प में खुले में रखे 18 हजार मेट्रिक टन गेहूं को ढ़कने के लिए किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई. जिससे बरसात के पानी में गेहूं भीगता रहा. वहीं खिलचीपुर कृषि उपज मंडी में भी समर्थन मूल्य पर अनाज बेचने आए किसानों का गेहूं भी पानी मे भीग कर पानी मे तैरता नजर आया. नरसिंहगढ़ के लंका पूरी इलाके में तेज आंधी तूफान से 50 से अधिक पेड़ गिर गए, जिससे नगर के कई रास्ते बंद हो गए. राजगढ़ के साथ तलेन, संडावता, कुरावर, नरसिंहगढ़, खिलचीपुर और खुजनेर, के आसपास भी तेज बारिश हुई है.
रीवा में खेतों में रखी फसल भीगी
रीवा में पिछले 2 दिनों से हो रही लगातार बारिश अब किसानों की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है. तेज आंधी-तूफान से रुक-रुक कर हो रही बारिश से किसानों की फसल कहीं ना कहीं खराब होने की नौबत आ रही है. अप्रैल और मई के महीने में किसान अपनी पक्की हुई फसलों को काटते हैं लेकिन अचानक हुई बारिश से किसानों के खेतों में रखी कटी हुई फसल भीग गई है. किसानों का कहना है कि ऐसे समय में जब धान को अलग करने का समय आ गया था तब अचानक पानी गिर जाने से हमारे लिए बड़ी समस्या है.