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आंधी-बारिश ने प्रदेश में मचाई तबाही, गेहूं खरीदी केंद्रों पर भीगा हजारों क्विंटल गेहूं

तेज आंधी के साथ हुई बारिश ग्रामीण इलाकों में किसानों पर कहर बन कर आई है. विदिशा, राजगढ़, होशंगाबाद और रीवा में हुई तेज बारिश से किसानों का हजारों क्विंटल गेहूं खराब हो गया है.

गेहूं खरीदी केंद्रों पर भीगा हजारों क्विंटल गेहूं
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Published : Apr 17, 2019, 4:41 PM IST

विदिशा/होशंगाबाद/राजगढ़/रीवा| बेमौसम हुई बारिश से भले ही तापमान में गिरावट आई है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में इस बारिश ने किसानों पर कहर बरपाया है. किसानों की हजारों क्विंटल फसल खुले में रखे होने के कारण खराब हो गई है.

बुधवार रात विदिशा जिले में तेज आंधी के साथ हुई बारिश से गंजबासौदा, कुरवाई और पठारी में खुले में पड़ा किसानों का गेहूं भीग गया है. वहीं तुलाई केंद्रों पर खुले में रखा गेहूं भी खराब हो गया है. किसान का कहना है कि तुलाई के पहले अनाज में नमी देखी जाती है अगर नमी होती है तो फसल रिजेक्ट कर दी जाती है. अब किसानों को अपनी फसल की चिंता सताने लगी है.

गेहूं खरीदी केंद्रों पर भीगा हजारों क्विंटल गेहूं

होशंगाबाद में बारिश ने खोली प्रशासन की पोल

होशंगाबाद में हुई जमकर बारिश में गेहूं खरीदी केंद्रों पर समर्थन मूल्य में खरीदा जा रहा गेहूं बारिश में भीग गया है. जिसके कारण किसानों एवं सरकार को नुकसान झेलना पड़ा है. प्रशासन की ओर से फसल को बरसात से बचाने के कई दावों की पोल भी खुल गई है. होशंगाबाद में गेहूं खरीदी केंद्रों पर तुलाई का गेहूं खुले में ही रखा था. जिसे ट्रांसपोर्ट कर गोदामों में रखा जाना था, लेकिन मंगलवार रात आंधी तूफान के साथ आई तेज बारिश से खुले में रखा हजारों क्विंटल गेहूं पानी में भीग गया. सरकार की गाइडलाइन के अनुसार फसल में 12% से अधिक नमी वाली फसल की तलाई नहीं की जा सकती जिसके कारण किसानों को फसल सूखने तक का इंतजार करना होगा.

राजगढ़ में बारिश में भीगा सरकारी गेहूं

राजगढ़ जिले में अचानक हुई बारिश और ओलावृष्टि से जिले का हजारों मेट्रिक टन सरकारी गेंहू बरसात के पानी में भीग गया. जिससे सड़ने की आशंका बढ़ गई है. वहीं राजगढ़ जिले के हाइवे 52 पर स्थित सुंदरपूरा कैम्प में खुले में रखे 18 हजार मेट्रिक टन गेहूं को ढ़कने के लिए किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई. जिससे बरसात के पानी में गेहूं भीगता रहा. वहीं खिलचीपुर कृषि उपज मंडी में भी समर्थन मूल्य पर अनाज बेचने आए किसानों का गेहूं भी पानी मे भीग कर पानी मे तैरता नजर आया. नरसिंहगढ़ के लंका पूरी इलाके में तेज आंधी तूफान से 50 से अधिक पेड़ गिर गए, जिससे नगर के कई रास्ते बंद हो गए. राजगढ़ के साथ तलेन, संडावता, कुरावर, नरसिंहगढ़, खिलचीपुर और खुजनेर, के आसपास भी तेज बारिश हुई है.

रीवा में खेतों में रखी फसल भीगी

रीवा में पिछले 2 दिनों से हो रही लगातार बारिश अब किसानों की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है. तेज आंधी-तूफान से रुक-रुक कर हो रही बारिश से किसानों की फसल कहीं ना कहीं खराब होने की नौबत आ रही है. अप्रैल और मई के महीने में किसान अपनी पक्की हुई फसलों को काटते हैं लेकिन अचानक हुई बारिश से किसानों के खेतों में रखी कटी हुई फसल भीग गई है. किसानों का कहना है कि ऐसे समय में जब धान को अलग करने का समय आ गया था तब अचानक पानी गिर जाने से हमारे लिए बड़ी समस्या है.

विदिशा/होशंगाबाद/राजगढ़/रीवा| बेमौसम हुई बारिश से भले ही तापमान में गिरावट आई है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में इस बारिश ने किसानों पर कहर बरपाया है. किसानों की हजारों क्विंटल फसल खुले में रखे होने के कारण खराब हो गई है.

बुधवार रात विदिशा जिले में तेज आंधी के साथ हुई बारिश से गंजबासौदा, कुरवाई और पठारी में खुले में पड़ा किसानों का गेहूं भीग गया है. वहीं तुलाई केंद्रों पर खुले में रखा गेहूं भी खराब हो गया है. किसान का कहना है कि तुलाई के पहले अनाज में नमी देखी जाती है अगर नमी होती है तो फसल रिजेक्ट कर दी जाती है. अब किसानों को अपनी फसल की चिंता सताने लगी है.

गेहूं खरीदी केंद्रों पर भीगा हजारों क्विंटल गेहूं

होशंगाबाद में बारिश ने खोली प्रशासन की पोल

होशंगाबाद में हुई जमकर बारिश में गेहूं खरीदी केंद्रों पर समर्थन मूल्य में खरीदा जा रहा गेहूं बारिश में भीग गया है. जिसके कारण किसानों एवं सरकार को नुकसान झेलना पड़ा है. प्रशासन की ओर से फसल को बरसात से बचाने के कई दावों की पोल भी खुल गई है. होशंगाबाद में गेहूं खरीदी केंद्रों पर तुलाई का गेहूं खुले में ही रखा था. जिसे ट्रांसपोर्ट कर गोदामों में रखा जाना था, लेकिन मंगलवार रात आंधी तूफान के साथ आई तेज बारिश से खुले में रखा हजारों क्विंटल गेहूं पानी में भीग गया. सरकार की गाइडलाइन के अनुसार फसल में 12% से अधिक नमी वाली फसल की तलाई नहीं की जा सकती जिसके कारण किसानों को फसल सूखने तक का इंतजार करना होगा.

राजगढ़ में बारिश में भीगा सरकारी गेहूं

राजगढ़ जिले में अचानक हुई बारिश और ओलावृष्टि से जिले का हजारों मेट्रिक टन सरकारी गेंहू बरसात के पानी में भीग गया. जिससे सड़ने की आशंका बढ़ गई है. वहीं राजगढ़ जिले के हाइवे 52 पर स्थित सुंदरपूरा कैम्प में खुले में रखे 18 हजार मेट्रिक टन गेहूं को ढ़कने के लिए किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई. जिससे बरसात के पानी में गेहूं भीगता रहा. वहीं खिलचीपुर कृषि उपज मंडी में भी समर्थन मूल्य पर अनाज बेचने आए किसानों का गेहूं भी पानी मे भीग कर पानी मे तैरता नजर आया. नरसिंहगढ़ के लंका पूरी इलाके में तेज आंधी तूफान से 50 से अधिक पेड़ गिर गए, जिससे नगर के कई रास्ते बंद हो गए. राजगढ़ के साथ तलेन, संडावता, कुरावर, नरसिंहगढ़, खिलचीपुर और खुजनेर, के आसपास भी तेज बारिश हुई है.

रीवा में खेतों में रखी फसल भीगी

रीवा में पिछले 2 दिनों से हो रही लगातार बारिश अब किसानों की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है. तेज आंधी-तूफान से रुक-रुक कर हो रही बारिश से किसानों की फसल कहीं ना कहीं खराब होने की नौबत आ रही है. अप्रैल और मई के महीने में किसान अपनी पक्की हुई फसलों को काटते हैं लेकिन अचानक हुई बारिश से किसानों के खेतों में रखी कटी हुई फसल भीग गई है. किसानों का कहना है कि ऐसे समय में जब धान को अलग करने का समय आ गया था तब अचानक पानी गिर जाने से हमारे लिए बड़ी समस्या है.

Intro:भले ही बे मौषम बारिश से तापमान में गिरावट आई हो पर जिला मुख्यालय से दूर ग्रामीण अंचलों में यह बारिश अन्नदाता के लिए कहर बन कर आई जिले के हजारों क्विंटल खुले में पड़ा अनाज पानी मे भीग जाने से बेकार हो गया विदिशा , गंजबासौदा ,कुरवाई ,मेहलुआ चौराहे, पठारी में खुले में पड़ा गेहूं सबसे अधिक मात्रा में भीगा ।


Body:बीती रात तेज आंधी के साँथ हुई बारिश ने अन्नदाताओं की कई महीनों की मेहनत पर पानी फेर दिया कुछ किसानों के खेत मे गेहूं पड़ा था तो कहीं तुलाई केंद्रों पर खुले में गेहूं रखा हुआ था किसान को जरा भी आस नही थी उस पर प्रकर्ति अपना कहर बरसा देगी बादल देख कर किसानों ने काफी जतन किये पर एक भी प्रयास सफल नही हो सके ।

अब गेंहूँ भीग जाने से तुलाई में देरी का डर सताने लगा ,

किसान की माने तो तुलाई के पहले अनाज में नमी देखी जाती है अगर नमी होती है तो तुलाई टाल दी जाती है जिले भर के किसानों को तुलाई टलने का डर सताने लगा केंद्रों पर सूखा अनाज ही लिया जाता है वहीं अपने नंबर के इन्तेजार में अनाज रखकर कई किसान खुले में गेहूं रखकर बैठे नजर भी आते हैं ।मंडियों में भी कई दिन अपने नंबर का इंतजार किसानों को करना होता है प्रशासन की तरफ से मंडी में किसानों के लिए कोई खास इन्तेजाम नही किये गए है पिछली फसल में एक किसान ने अपना नंबर का इन्तेजार में अपनी जान तक गवा दी इन सबके बाबजूद प्रशासन किसानों के लिए कोई खास कदम नही उठा सका।




Conclusion:विदिशा मंडी के साँथ तहसील कुरवाई के मेहलुया चौराहे ,पठारी गंजबासौदा के तुलाई केंद्रों पर हुआ भारी नुकसान ,
विदिशा तहसील कुरवाई , मेहलुया चौराहे पर तुलाई केंद्र बनाये गए थे वहीं विदिशा मिर्जापुर मंडी में भी खुले में गेहूं रखा हुआ था अचानक बारिश से हजारों क्विंटल गल्ला पानी मे भीग गया कई कोशिशों के बाद भी किसान गेहूं को नही बचा सके बारिश के सांथ तेज आंधी में गेंहूँ पर ढकी पॉलिथीन भी काम न आ सकी । ग्रामीण अंचलों में खेतों में ही तुलाई केंद्र बनाए गए है ।

कमिश्नर श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव समर्थन मूल्य खरीदी केंद्रों की मॉनिटरिंग के दे चुकी हैं कलेक्टर को आदेश ,
श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव भौपाल संभाग जिले में सभी खरीदी मूल्य केंद्रों की मॉनिटरिंग के आदेश कलेक्टर को दिए हैं किसानों को शीघ्र भुगतान किया जाए समय पर परिवहन करना केंद्रों पर सुनिश्चित व्यवस्था करवाना किसानों की शिकायतों को गंभीरता से लेने इन सबके बाबजूद भी प्रशासन बेखबर से नजर आए आये दिन कलेक्ट्रेट परिसर में किसान अपनी समस्या लेकर खड़े दिखाई दे रहे है बे मौषम बारिस से निपटने के लिए भी कोई खास कदम प्रशासन नही उठा सका है ।

विदिशा जिले भर में दर्ज की गई वर्षा ,
विदिशा दिनांकित वर्षा मि.मी. 12.0
गंजबासौदा 13.0
कुरवाई 40.6
सिरोंज 11.0
लटेरी। 6.0
ग्यारसपुर। 0.0
गुलाबगंज। 0.0
नटेरन। 0.0
जिले भर में कुल औसत वर्षा 10.325दर्ज की गई ।

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