विदिशा। विदिशा नगर पालिका में लंबे समय से फर्जी बीपीएल कार्ड बनाने का काला धंधा जारी है. बीपीएल यानी गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीने वालों को शासन की हर योजना का लाभ मिलता है. मामूली मूल्य पर गेहूं चावल, बाजरा आदि एक-दो रुपये किलो मिलता है. इलाज आदि की सुविधा तो है ही. मृत्यु होने पर परिजनों को 25000 रुपये मिलते हैं. गरीबों के कल्याण की योजना का नाजायज लाभ लेने के लिए संपन्न लोग लंबे समय से 6-6 हज़ार रुपए खर्च कर फ़र्ज़ी बीपीएल कार्ड बनवा रहे थे. सीएमओ ने इस मामले में कार्रवाई की. 900 फर्जी राशन कार्डों का मामला उजागर हुआ है. इसमें 54 लाख रुपये का भ्रष्टाचार सामने आया है.
2000 फर्जी राशन कार्ड की मिली जानकारी : नपा अधिकारियों की प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई कि करीब 2000 फर्जी बीपीएल राशन कार्ड बनाए गए. इनमें से करीब 900 राशन कार्डों को अपात्र लोगों को बेच दिया गया. एक राशन कार्ड 6000 रुपए में बेचने की जानकारी मिली है. इस प्रकार देखा जाए तो 900 राशन कार्डों को करीब 54 लाख रुपए में बेचा गया. 1000 अन्य फर्जी बीपीएल राशन कार्डों को जब्त कर लिया गया है. अन्य राशन कार्डों की तलाश की जा रही है.
नपा के ही कर्मचारी ने पकड़वाया मामला : नगरपालिका सीएमओ सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि करीब 10 दिन पहले नपा की सामाजिक सुरक्षा विस्तार अधिकारी ने उन्हें 3 फर्जी राशन कार्ड दिखाए थे. जांच में इन कार्डों में एसडीएम और जिला आपूर्ति अधिकारी के साइन और सील भी फर्जी पाए गए. इससे आशंका होने पर सीएमओ ने सबसे पहले राशन कार्ड शाखा पहुंचकर उसे सील करवा दिया. इसके बाद कुछ कर्मचारियों की मौजूदगी में पंचनामा भी बनाया गया. (Fake of Rs 54 lakh in Vidisha) (900 fake BPL cards caught)