विदिशा। नवरात्रि शुरू होते ही जिले के दुर्गा नगर में स्थित दुर्गा मंदिर पर भक्तों का तांता लग जाता है. यह प्राचीन मंदिर ज्वालादेवी दुर्गा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. मंदिर में केवल विदिशा से ही नहीं बल्कि देश-विदेश से भी यहां भक्त मां के दर्शन करने आते हैं और ज्योति जलवाते हैं.
800 ज्योति प्रज्ज्वलित कर दुर्गा मंदिर में होती है ज्वाला देवी की विशेष आराधना - Durga Temple
विदिशा जिले में स्थित दुर्गा मंदिर में नवरात्रि के समय हर साल विशेष पूजा अर्चना का आयोजन किया जाता है, मंदिर में 800 ज्योति प्रज्वलित की जाती हैं और विशेष तौर पर ज्वाला माई की आराधना की जाती है.
यहां होती है ज्वाला देवी की विशेष आराधना
विदिशा। नवरात्रि शुरू होते ही जिले के दुर्गा नगर में स्थित दुर्गा मंदिर पर भक्तों का तांता लग जाता है. यह प्राचीन मंदिर ज्वालादेवी दुर्गा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. मंदिर में केवल विदिशा से ही नहीं बल्कि देश-विदेश से भी यहां भक्त मां के दर्शन करने आते हैं और ज्योति जलवाते हैं.
Intro:विदिशा दुर्गा नगर क्षेत्र में स्थित दुर्गा मंदिर पर नवरात्रि शुरू होते ही भक्तों का तांता लग गया यह प्राचीन ज्वालादेवी दुर्गा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है इस मंदिर में लोगो की बहुत आस्था है मंदिर में केवल विदिशा से ही नही बल्कि देश विदेश से भी यहाँ भक्त माँ के दर्शन करने आते है यूँ तो मंदिर में 12 महीने पूजा अर्चना की जाती है पर नवरात्र के दिनों में इस मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की जाती हैं खास बात तो यह है मंदिर में कोई एक ज्योति नही बल्कि 800 ज्योति मंदिर में नवरात्रि में प्रजल्लित होती हैं Body:मंदिर के महंत पं. रामेश्वरदयाल चतुर्वेदी ने बताते हैं दुर्गा मंदिर के तट नवरात्री में भक्तों के लिए सुबह चार बजे से खुल जाते हैं मंदिर में सुबह ,शाम दो बार आरती होती है महा आरती का आयोजन भी क्या जाता है जिसमे बड़ी संख्या में लोग यहाँ जुटते हैं
Conclusion:नवरात्रि शुरू होते ही प्रेम बाई भौपाल से विदिशा मां के दर्शन के लिए आईं हैं प्रेम बाई आज से नही बल्कि कई सालों से हर नवरात्रि पर आ रही है प्रेमबाई की विदिशा दुर्गामंदिर में बड़ी आस्था है इस बार वो अपनी बेटी के लिए पुत्र प्राप्ती की मनोकामना लेकर मां के दरबार मे आईं है प्रेम बाई कहती है वो आज तक मां के दरबार से खाली हाथ नही लोटी
प्रेमबाई की तरह इंजीनियर कालेज में प्रोफेसर राजेश आर्य सालों से हर नवरात्रि में सेंकडो दीप जलाते आ रहे है राजेश आर्य बताते है इस मंदिर में हमारे ही नही बल्कि विदेश में रहने वालों के कई दीप जल रहे हैं
Conclusion:नवरात्रि शुरू होते ही प्रेम बाई भौपाल से विदिशा मां के दर्शन के लिए आईं हैं प्रेम बाई आज से नही बल्कि कई सालों से हर नवरात्रि पर आ रही है प्रेमबाई की विदिशा दुर्गामंदिर में बड़ी आस्था है इस बार वो अपनी बेटी के लिए पुत्र प्राप्ती की मनोकामना लेकर मां के दरबार मे आईं है प्रेम बाई कहती है वो आज तक मां के दरबार से खाली हाथ नही लोटी
प्रेमबाई की तरह इंजीनियर कालेज में प्रोफेसर राजेश आर्य सालों से हर नवरात्रि में सेंकडो दीप जलाते आ रहे है राजेश आर्य बताते है इस मंदिर में हमारे ही नही बल्कि विदेश में रहने वालों के कई दीप जल रहे हैं