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Smoking करने वाले सावधान! सिगरेट पीने वालों पर कोरोना वायरस घातक - MP Government

डॉक्टर एम के जैन शिशु रोग विशेषज्ञ के अनुसार धूम्रपान से मुंह से लेकर फेफड़ों की आंतरिक संरचना (Internal Structure) में विकृति आ जाने से कोरोना (Corona) को पनपने का अवसर मिल जाता है.

Dr. MK Jain
डॉक्टर एम के जैन
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Published : May 31, 2021, 9:51 AM IST

विदिशा। धूम्रपान करने वाले लोगों के लिए कोविड-19 (Covid-19) अधिक घातक होने की बड़ी वजह यही है, कि उनका शरीर वायरस के हमले का प्रतिरोध नहीं कर पाता. डॉक्टर एम के जैन शिशु रोग विशेषज्ञ के अनुसार धूम्रपान से मुंह से लेकर फेफड़ों की आंतरिक संरचना (Internal Structure) में विकृति आजाने से कोरोना (Corona) को पनपने का अवसर मिल जाता है. इसके बाद उनमें ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी होने लगती है, जिसकी वजह से उनकी मौत भी हो सकती है.

धूम्रपान करने वालों में कोरोना और घातक

डॉक्टर एम के जैन ने आगे बताया कि हमारे देश में धूम्रपान सस्ता, सरल और मनोरंजन का साधन हो गया है. करीब 30 करोड़ की आबादी बीड़ी, सिगरेट, सिगार, हुक्का, गुल, गुड़ाकू और जर्दा का सेवन करती है. इसके दुष्परिणाम स्वरूप मुंह का कैंसर, गला, पेट, दांत, फेफड़ों के कैंसर की समस्या होने लगती है. साथ ही
धूम्रपान से हाई बीपी, हृदय रोग, सांस लेने में तकलीफ और सांस फूलने जैसी समस्या होने लगती है. धूम्रपान से दुनिया भर में प्रति चार सेकेंड में एक और साल भर में 60 लाख मृत्यु हो रही है. भारत में करीब 12.6 लाख मृत्यु हो रही है.

धूम्रपान करने से कई बीमारियां देती हैं दस्तक

धूम्रपान से 7 हजार केमिकल उत्पन्न होते हैं, जिसमें से 250 से कैंसर होने का खतरा रहता है. शौध के परिणामों के अनुसार धूम्रपान छोड़ने से दिल की धड़कन और बीपी सामान्य होने लगता है. 12 घंटो में खुन की शुद्धि होने लगती है. दो दिन में मुंह का स्वाद और सूंघने की शक्ति में सुधार होने लगता है. करीब दो-तीन महीने में दिल और फेफड़े स्वस्थ होने लगते हैं. 9 महीने में सांस फूलना कम होने लगता है और एक साल में हृदय की धमनिया सामान्य होना शुरू हो जाता है.

बिना मास्क और धू्म्रपान करने वालों के काटे गए चालान

वैसे तो सरकार धूम्रपान नियंत्रण के लिए प्रयास कर ही रही है. उसके लिए नियम- कानून भी लागू किया गया है. डॉक्टर ने लोगों से अपील की है कि धुम्रपान और तंबाकू का सेवन ज्यादा न करें.

विदिशा। धूम्रपान करने वाले लोगों के लिए कोविड-19 (Covid-19) अधिक घातक होने की बड़ी वजह यही है, कि उनका शरीर वायरस के हमले का प्रतिरोध नहीं कर पाता. डॉक्टर एम के जैन शिशु रोग विशेषज्ञ के अनुसार धूम्रपान से मुंह से लेकर फेफड़ों की आंतरिक संरचना (Internal Structure) में विकृति आजाने से कोरोना (Corona) को पनपने का अवसर मिल जाता है. इसके बाद उनमें ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी होने लगती है, जिसकी वजह से उनकी मौत भी हो सकती है.

धूम्रपान करने वालों में कोरोना और घातक

डॉक्टर एम के जैन ने आगे बताया कि हमारे देश में धूम्रपान सस्ता, सरल और मनोरंजन का साधन हो गया है. करीब 30 करोड़ की आबादी बीड़ी, सिगरेट, सिगार, हुक्का, गुल, गुड़ाकू और जर्दा का सेवन करती है. इसके दुष्परिणाम स्वरूप मुंह का कैंसर, गला, पेट, दांत, फेफड़ों के कैंसर की समस्या होने लगती है. साथ ही
धूम्रपान से हाई बीपी, हृदय रोग, सांस लेने में तकलीफ और सांस फूलने जैसी समस्या होने लगती है. धूम्रपान से दुनिया भर में प्रति चार सेकेंड में एक और साल भर में 60 लाख मृत्यु हो रही है. भारत में करीब 12.6 लाख मृत्यु हो रही है.

धूम्रपान करने से कई बीमारियां देती हैं दस्तक

धूम्रपान से 7 हजार केमिकल उत्पन्न होते हैं, जिसमें से 250 से कैंसर होने का खतरा रहता है. शौध के परिणामों के अनुसार धूम्रपान छोड़ने से दिल की धड़कन और बीपी सामान्य होने लगता है. 12 घंटो में खुन की शुद्धि होने लगती है. दो दिन में मुंह का स्वाद और सूंघने की शक्ति में सुधार होने लगता है. करीब दो-तीन महीने में दिल और फेफड़े स्वस्थ होने लगते हैं. 9 महीने में सांस फूलना कम होने लगता है और एक साल में हृदय की धमनिया सामान्य होना शुरू हो जाता है.

बिना मास्क और धू्म्रपान करने वालों के काटे गए चालान

वैसे तो सरकार धूम्रपान नियंत्रण के लिए प्रयास कर ही रही है. उसके लिए नियम- कानून भी लागू किया गया है. डॉक्टर ने लोगों से अपील की है कि धुम्रपान और तंबाकू का सेवन ज्यादा न करें.

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