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विदिशा में black fungus के मिले 4 केस, जिला अस्पताल पर लग रहे लापरवाही के आरोप - भोपाल एम्स बदहाल

जिले में ब्लैक फंगस (black fungus) के बढ़ते मामलों पर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन संजय खरे का कहना है कि मध्य प्रदेश शासन इसे काफी गंभीरता से ले रहा है. उनके अस्पताल में भी एक पोस्ट कोविड ओपीडी (post covid opd) खोली गई है. उसमें रजिस्ट्रेशन होता है. ऑक्सीजन सैचुरेशन और मरीज को कोरोना से उभरे कितने दिन हो गए हैं उनको देखकर ईएनटी विशेषज्ञ मरीजों को देखते हैं.

District Hospital
जिला अस्पताल
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Published : May 23, 2021, 10:29 PM IST

विदिशा। कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में गिरावट के बाद विदिशा में ब्लैक फंगस (black fungus) डर सताने लगा है. विदिशा में एक हफ्ते पहले तक कोरोना संक्रमण के 400 से ऊपर मरीज सामने आ रहे थे जिनका आंकड़ा अब घटकर 44-45 मरीज रोजाना हो गया है. विदिशा में अब तक ब्लैक फंगस के 4 मरीज पाए गए हैं जबकि इसमें से 2 मरीजों की मौत भी हो चुकी है और एक मरीज की हालत नाजुक बनी हुई है.

जिला अस्पताल
  • ब्लैक फंगस पर क्या है विदिशा के जिला अस्पताल की तैयारी

जिले में ब्लैक फंगस (black fungus) के बढ़ते मामलों पर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन संजय खरे का कहना है कि मध्य प्रदेश शासन इसे काफी गंभीरता से ले रहा है. उनके अस्पताल में भी एक पोस्ट कोविड ओपीडी (post covid opd) खोली गई है. उसमें रजिस्ट्रेशन होता है. ऑक्सीजन सैचुरेशन और मरीज को कोरोना से उभरे कितने दिन हो गए हैं उनको देखकर ईएनटी विशेषज्ञ मरीजों को देखते हैं. उन्होंने कहा कि आवश्यकता के अनुसार मरीजों का रेफर किया जाता है और उनके पास ब्लैक फंगस के 4 मरीज आए हैं. उनमें से 3 मरीज डायबिटीज के शिकार थे और उनका शुगर लेवल 600-700 से ज्यादा था. अभी इसका एक मरीज भोपाल भेजा गया है.

  • अस्पताल पर मरीजों के आरोप

विदिशा में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट है, लेकिन जिले के कई लोगों का आरोप है कि अब यहां कोरोना टेस्ट होना बंद हो गया हैं. कोरोना टेस्ट को लेकर जिले के नरेंद्र साहू ने बताया कि वह 1 मई को जिला अस्पताल कोरोना टेस्ट के लिए थे, लेकिन उन्हें टेस्ट के लिए अस्पताल द्वारा मना कर दिया और कहकर कि उन्हें बस बुखार है. बकौल नरेंद्र साहू, जिसके बाद उन्होंने भोपाल एम्स में अपना टेस्ट करवाया तो वह कोरोना पॉजिटिव थे. उनका आरोप है कि कोरोना मरीजों और उनके साथ अस्पताल के ही कर्मचारियों द्वारा अभद्रता की जा रही है. लिहाजा विदिशा के माधवराव सिंधिया जिला चिकित्सालय में आए और भी मरीजों को इस प्रकार की कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

जासूसी मामले में गिरफ्तार युवतियों से देर रात तक पूछताछ, होंगे बड़े खुलासे

  • अस्पताल के कर्मचारी का मत

अस्पताल पर इस प्रकार के आरोपों के बाद अस्पताल के एक कर्मचारी पुनीत सक्सेना ने बताया कि पोस्ट कोविड वार्ड का यह मतलब है उनको कोरोना हो चुका है. उसने दवाइयां ली या नहीं ली है जो भी बात है वह वहां जाकर वह चेक करते हैं. मरीजों को ब्लैक फंगस की दिक्कत है या नहीं इन सभी बातों को पोस्ट कोविड ओपीडी में देखा जाता है. पोस्ट कोविड वार्ड बनाने का सिर्फ यह मतलब है अगर ब्लैक फंगस हो तो वह ठीक हो सके.

  • एक और परेशान मरीज

जिला अस्पताल में मरीज के साथ आए परिजन राकेश कुशवाहा का कहना है कि वह सुबह से यहां बैठे हैं. उन्होंने कहा कि अस्पताल स्टॉफ 5 मिनट का समय देकर जाते हैं और घटों समय लगा देते हैं. दोपहर क 3 बज चुके हैं, अभी तक कोई नहीं आया. विदिशा में कोरोना के बाद ब्लैक फंगस के आने से जिला अस्पताल के हालात ज्यादा नाजुक बने हुए हैं. अस्पताल में आने वाले मरीजों द्वारा अस्पताल पर लगाए गए इन आरोपों के बाद प्रशासन सवालों के घेरे में हैं.

विदिशा। कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में गिरावट के बाद विदिशा में ब्लैक फंगस (black fungus) डर सताने लगा है. विदिशा में एक हफ्ते पहले तक कोरोना संक्रमण के 400 से ऊपर मरीज सामने आ रहे थे जिनका आंकड़ा अब घटकर 44-45 मरीज रोजाना हो गया है. विदिशा में अब तक ब्लैक फंगस के 4 मरीज पाए गए हैं जबकि इसमें से 2 मरीजों की मौत भी हो चुकी है और एक मरीज की हालत नाजुक बनी हुई है.

जिला अस्पताल
  • ब्लैक फंगस पर क्या है विदिशा के जिला अस्पताल की तैयारी

जिले में ब्लैक फंगस (black fungus) के बढ़ते मामलों पर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन संजय खरे का कहना है कि मध्य प्रदेश शासन इसे काफी गंभीरता से ले रहा है. उनके अस्पताल में भी एक पोस्ट कोविड ओपीडी (post covid opd) खोली गई है. उसमें रजिस्ट्रेशन होता है. ऑक्सीजन सैचुरेशन और मरीज को कोरोना से उभरे कितने दिन हो गए हैं उनको देखकर ईएनटी विशेषज्ञ मरीजों को देखते हैं. उन्होंने कहा कि आवश्यकता के अनुसार मरीजों का रेफर किया जाता है और उनके पास ब्लैक फंगस के 4 मरीज आए हैं. उनमें से 3 मरीज डायबिटीज के शिकार थे और उनका शुगर लेवल 600-700 से ज्यादा था. अभी इसका एक मरीज भोपाल भेजा गया है.

  • अस्पताल पर मरीजों के आरोप

विदिशा में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट है, लेकिन जिले के कई लोगों का आरोप है कि अब यहां कोरोना टेस्ट होना बंद हो गया हैं. कोरोना टेस्ट को लेकर जिले के नरेंद्र साहू ने बताया कि वह 1 मई को जिला अस्पताल कोरोना टेस्ट के लिए थे, लेकिन उन्हें टेस्ट के लिए अस्पताल द्वारा मना कर दिया और कहकर कि उन्हें बस बुखार है. बकौल नरेंद्र साहू, जिसके बाद उन्होंने भोपाल एम्स में अपना टेस्ट करवाया तो वह कोरोना पॉजिटिव थे. उनका आरोप है कि कोरोना मरीजों और उनके साथ अस्पताल के ही कर्मचारियों द्वारा अभद्रता की जा रही है. लिहाजा विदिशा के माधवराव सिंधिया जिला चिकित्सालय में आए और भी मरीजों को इस प्रकार की कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

जासूसी मामले में गिरफ्तार युवतियों से देर रात तक पूछताछ, होंगे बड़े खुलासे

  • अस्पताल के कर्मचारी का मत

अस्पताल पर इस प्रकार के आरोपों के बाद अस्पताल के एक कर्मचारी पुनीत सक्सेना ने बताया कि पोस्ट कोविड वार्ड का यह मतलब है उनको कोरोना हो चुका है. उसने दवाइयां ली या नहीं ली है जो भी बात है वह वहां जाकर वह चेक करते हैं. मरीजों को ब्लैक फंगस की दिक्कत है या नहीं इन सभी बातों को पोस्ट कोविड ओपीडी में देखा जाता है. पोस्ट कोविड वार्ड बनाने का सिर्फ यह मतलब है अगर ब्लैक फंगस हो तो वह ठीक हो सके.

  • एक और परेशान मरीज

जिला अस्पताल में मरीज के साथ आए परिजन राकेश कुशवाहा का कहना है कि वह सुबह से यहां बैठे हैं. उन्होंने कहा कि अस्पताल स्टॉफ 5 मिनट का समय देकर जाते हैं और घटों समय लगा देते हैं. दोपहर क 3 बज चुके हैं, अभी तक कोई नहीं आया. विदिशा में कोरोना के बाद ब्लैक फंगस के आने से जिला अस्पताल के हालात ज्यादा नाजुक बने हुए हैं. अस्पताल में आने वाले मरीजों द्वारा अस्पताल पर लगाए गए इन आरोपों के बाद प्रशासन सवालों के घेरे में हैं.

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