उमरिया। जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में इन दिनों हाथियों की सेवा सत्कार का ये नजारा हाथी महोत्सव का है. गणेशचतुर्थी-पंचमी का पड़ना इस महोत्सव को और भी खास कर दिया. सभी हाथियों की इतनी खातिरदारी की जा रही है कि वे भी इस महोत्सव का आनंद ले रहे हैं. बांधवगढ़ में गजराजों की सेवा सत्कार से गणेशोत्सव में चार चांद लग गए हैं.
अच्छे से होती है हाथियों की खुशामदी
बता दे कि महोत्सव के दौरान हाथियों की खुशामदी का सिलसिला अलसुबह से शुरू होकर तमाम दिन चलता है. शुरुआत महावतों द्वारा सभी हाथियों को एकत्रित करने से होती है. जिसके बाद उन्हें नदी में घंटों नहलाना,नाखून काटना फिर नीम के तेल से शरीर की मालिश मानों हाथियों के पूरे ठाठ हो. इसके बाद विशेषज्ञ चिकित्सक हाथियों का स्वास्थ परीक्षण करते हैं. जिसके बाद हाथियों को उनका प्रिय भोजन और फल खिलाया जाता है. जिसमे मक्के और बाजरे की रोटियां,नारियल,केला,गन्ना और वो तमाम चीजें शामिल होती है, जो गजराज को पसंद है.
हाथियों के लिए जश्न मनाने का अवसर
बांधवगढ़ में पूरी तरह से प्रशिक्षित तकरीबन 14 हाथी मौजूद है. जिनमें से सबसे बुजुर्ग हाथी गौतम लगभग अपने अंतिम महोत्सव में शरीक है. तो गणेश नामक युवा गजराज पहली बार महोत्सव की मौज मस्ती में शरीक हुआ है. इसके साथ सूर्या,अनारकली,जैसी युवा हथिनी भी इस खास मौके का पूरा आनंद लेते देखे गये. खास बात यह है सालभर पार्क की सुरक्षा में जी तोड़ मेहनत करने वाले हाथियों को जब महोत्सव में लाया जाता है, तो प्रबंधन भी उनकी खुशामदगी में कोई कसर नही छोड़ता. मतलब साफ है कि यह हाथियों के लिए न सिर्फ एक खास पार्टी होती है बल्कि जश्न मनाने का भरपूर अवसर भी कहा जा सकता है.
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बता दें कि हाथी महोत्सव मनाने की सबसे बड़ी वजह साल भर उनसे ली जाने वाली कड़ी मेहनत के बदले में उपहार है. जिससे वो तरोताजा होकर फिर नये सिरे से पहरेदारी को तैयार हो. यह अलग बात है कि गजराजों की खातिरदारी के पीछे पार्क प्रबंधन की अपनी मंशा है, लेकिन गणेशोत्सव के समय गजराजों की असल सेवा की ये बेहतरीन तस्वीरे गणेशोत्सव में चार चांद लगाती है.