उमरिया। दुनियाभर में आसानी से बाघ दर्शन के लिए मशहूर उमरिया जिले के बांधवगढ टाईगर रिजर्व मे एक ऐसा अदभुत नजारा देखने को मिला जो संभवतः प्रदेश का पहला मामला होगा. बांधवगढ टाईगर रिजर्व के पनपथा बफर जोन के जमुनिया बीट के कक्ष क्रमांक 182 में एक जंगली हाथी बेहोशी की हालत में मिला. गश्ती दल ने हाथी को बेहोश हालत में देखकर इसकी खबर प्रबंधन को दी. फिर क्या था कुछ ही देर में पार्क का अमला सक्रिय हो गया और रेस्क्यू टीम के साथ डॉक्टरों की टीम मौके पर पहुंच गई.
दर्जनों इंजेक्शन और 40 से ज्यादा बॉटल ड्रिप चढ़ाई: सबसे पहले डॉक्टर ने बेहोश पड़े हाथी की नब्ज टटोली फिर दर्जनों इंजेक्शन और 40 से ज्यादा बॉटल ड्रिप चढ़ा दी. जिसका असर हुआ कि धीरे-धीरे हाथी होश में आने लगा. कुछ देर में हाथी पूरी तरह होश में आ गया, लेकिन ठीक से खड़ा नहीं हो पा रहा था. लिहाजा रेस्क्यू टीम ने जेसीबी मशीन बुलाई और उसकी मदद से हाथी को धीरे धीरे खड़ा करके जंगल की तरफ विचरण के लिए छोड़ दिया. एक टीम को हाथी पर नजर रखने के लिए तैनात कर दिया गया.
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जंगल में किसने उगाई नशीली फसल: हाथी के बेहोश होने की वजह नशीली फसल का अत्यधिक सेवन माना जा रहा है. जानकर बताते है कि ''हाथी ने फसल को ज्यादा मात्रा में खाया होगा, जिससे उसे नशा लगा और वह चक्कर खाकर बेहोश हो गया. बहरहाल हाथी स्वस्थ है और पार्क प्रबंधन उस पर बराबर नजर बनाये हुए हैं''. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जंगल में नशीली फसल को किसने उगाया होगा. बता दें कि बांधवगढ में पिछले 5 साल से 50 से ज्यादा जंगली हाथियों का झुंड सक्रिय है, जो उड़ीसा से छत्तीसगढ़ के रास्ते यहां पंहुचे थे और अब यही के हो गए.