नरसारावपेट: आंध्र प्रदेश के गुरजाला इलाके में फिल्मी अंदाज में डकैती के वारदात को अंजाम दिया गया. अंतरराज्यीय गिरोह ने मात्र तीन घंटे में कई गांवों में 17 अलग-अलग डकैतियों को अंजाम देकर कहर बरपा दिया. डकैती की इन घटनाओं के बाद इलाके के लोगों को भयभीत कर दिया है. अपराधियों के दुस्साहस से स्थानीय पुलिस के काम करने के तरीके पर सवाल उठ रहे हैं.
क्या है वारदातः मंगलवार देर रात से बुधवार तड़के तक चोरों ने गुरजाला, पुलिपाडु, श्रीनिवासपुरम और नादिकुडी गांवों में 17 अलग-अलग स्थानों पर लूटपाट की. जिन इलाकों में लूटापाट की घटना को अंजाम दिया गया वो फैले हुए हैं. गुरजाला से पुलिपाडु 7 किलोमीटर, गुरजाला से श्रीनिवासपुरम 12 किलोमीटर और गुरजाला से नादिकुडी भी 12 किलोमीटर दूर है. खास बात यह है कि ये गांव एक-दूसरे से सटे भी नहीं हैं.
किन-किन घटनाओं को दिया अंजामः घरों में सेंध लगाना, नकदी, गहने और अन्य कीमती सामान चुराना शामिल था. गुरजाला में एक वकील के घर से एक हैंडबैग की चोरी, जो बाद में नादिकुडी के एक घर में मिली. इन घटनाओं को एक साथ जोड़ती है, जो एक ही गिरोह के समन्वय में काम करने की ओर इशारा करती है. इस घटना के बाद से घर के मालिक सदमे में हैं. इलाके में भय और असुरक्षा का माहौल है.
संगठित गिरोह का कामः जांच से पता चलता है कि गिरोह अत्यधिक संगठित है. करीब दर्जनों अपराधियों के इसमें शामिल होने की आशंका है. आशंका जतायी जा रही है कि घटना को अंजाम देने से पहले रैकी किया गया है. यह संदेह है कि गिरोह तेलंगाना सीमा से भारी वाहनों का उपयोग करके आया था और बाद में अपने अपराधों को अंजाम देने के लिए दोपहिया वाहनों पर गांवों से होकर गुजरा. चार समूहों में उनका जानबूझकर विभाजन, अलग-अलग गांवों को निशाना बनाया.
पुलिस की विफलताः नियमित पुलिस कर्मियों और विशेष शाखा दोनों की इन चोरियों का पता लगाने और उन्हें रोकने में विफलता उजागर हुई है. संक्रांति समारोह के दौरान कई पुलिस कर्मी छुट्टी पर थे. इस अनुपस्थिति से सुरक्षा में कमी रही. चोरी होने के बावजूद, कोई सक्रिय गश्त या निगरानी नहीं बढ़ाई गई. इसके अलावा, सुराग टीम और अन्य जांच इकाइयां तुरंत अपराध स्थलों पर नहीं पहुंचीं.