हैदराबाद: प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ 2025 में बीती रात बहुत ही दुखद घटना घटी. मौनी अमावस्या के मौके पर पवित्र स्नान के लिए पहुंचे भक्तों के बीच भगदड़ मची. यह घटना संगम नोज जैसे पवित्र जगह पर हुई. इस हादसे में कई भक्तों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए. कहा जा रहा है कि संगम नोज पर भक्तों की भारी भीड़ के कारण यह हादसा हुआ. आखिर ऐसा क्या है जो अधिकांश भक्त संगम नोज पर पवित्र स्नान करना चाहते हैं. आइए विस्तार से जानते हैं.
संगम नोज पवित्र स्नान के लिए उत्तम जगह
प्रयागराज में महाकुंभ में पवित्र स्नान के लिए सबसे उत्तम जगह संगम नोज को बताया जाता है. धार्मिक दृष्टि से इस जगह की महत्ता बहुत अधिक है. किंवदंती है कि संगम नोज पर यमुना और मिथकीय नदी सरस्वती गंगा से मिलती है. सभी बड़े पंडित, विभिन्न अखाड़ों के संतों और आध्यात्मिक नेताओं ने भी इसी जगह पर डुबकी लगाकर अमृत स्नान करते हैं. यहां विभिन्न अनुष्ठान संबंधी स्नान किए जाते हैं.
भौगोलिक हिसाब से भी यह जगह अद्भुत
संगम नोज जगह पर नदी के किनारे मिट्टी और रेत का टीला है जो घाट की तरह बन गया है. इसी टीले से होकर लोग नदी में स्नान करते हैं. इस क्षेत्र को भक्तों की भीड़ के मद्देनजर इस बार बढ़ाया भी गया. कहा जा रहा है कि संगम नोज के बीच 26 हेक्टेयर जमीन का विस्तार किया, जिसमें से दो हेक्टेयर जमीन सिर्फ संगम नोज पर ही जोड़ी गई. इससे संतों और भक्तों को अमृत स्नान करना और आसान हो गया.
श्रद्धालु संगम नोज पर स्नान को दे रहे प्राथमिकता
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के पहले स्नान पर्व पर और 14 जनवरी को महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान पर तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगाई. अधिकांश श्रद्धालुओं ने संगम नोज पर स्नान को प्राथमिकता दी, जहां देर रात से ही भीड़ जुटने लगी. अनुमान है कि पीक टाइम के दौरान हर घंटे तीन लाख से अधिक लोगों ने संगम नोज पर स्नान किया.