उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व के वन परिक्षेत्र पतौर में बीते दो दिन पहले बाघ ने गौशाला में बंधे मवेशी सहित ग्रामीण पर हमला किया था. गुरुवार रात फिर ग्राम बमेरा में घटनास्थल पर किए गए शिकार को ढूढ़ने बाघ पहुंचा. बाघ की मौजूदगी की खबर लगते ही टाइगर रिजर्व प्रबंधन मौके पर पहुंचा. वन परिक्षेत्र अधिकारी अर्पित मृणाल के नेतृत्व के रातभर बाघ के इर्द-गिर्द वाहनों का घेरा डालकर इंतजार किया गया. बाघ के भोजन के लिए एक बकरे का भी इंतजाम किया गया. भूखा बाघ अपने शिकार को खाने के लिए ही पुनः घटनास्थल पर पहुंचा था.
बाघ को खदेड़ने का प्रयास : बता दें कि उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अंतर्गत ग्राम बमेरा में दो दिन पहले कम्मा यादव उम्र लगभग 55 वर्ष पर हमला कर मौत के घाट उतारने वाला बाघ फिर से कम्मा यादव के घर के बाहर खलिहान के पास बैठा मिला. घटना की सूचना के बाद परिक्षेत्र अधिकारी पतौर सहित पार्क अमला मौके पर पहुंचा थे और बाघ को खदेड़ने का प्रयास करता रहा. लेकिन बाघ वहां से उठने का नाम नहीं ले रहा था. वहीं वन विभाग द्वारा ग्रामीणों से अपने अपने घर मे ही सुरक्षित रहने की अपील की जाती रही.
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ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू किया : रात होने के कारण बाघ को खदेड़ने में भी दिक्कतें हो रही थीं. हालांकि जानकारों की मानें तो ऐसा लग रहा है कि बाघ या तो बूढ़ा है या फिर बीमार है. इस बारे में परिक्षेत्र अधिकारी अर्पित मैराल ने बताया कि वन विभाग की टीम बाघ पर लगातार नजर बनाए हुए थी. सुबह तक बाघ जंगल की तरफ नहीं गया तो वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति लेने के बाद शुक्रवार सुबह ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू किया और जंगल मे छोड़ा. तीन हाथियों सुंदरगज,अष्टम और लक्ष्मण की मदद से बाघ का रेस्क्यू किया गया. उधर, बालाघाट के कान्हा नेशनल पार्क में बाघ ने युवक पर हमला कर दिया. इससे युवक की मौत हो गई.