उमरिया। कोरोना महामारी के दौरान जमाखोरी और कालाबाजारी के खिलाफ उमरिया के एक युवा कारोबारी की मुहिम रंग ला रही है. हेमंत सचदेव उर्फ मोनू ने कोरोना पीड़ितों के लिए आवश्यक मेडिकल इक्विपमेंट्स जिनके लिए खुले बाजार में 2 से 4 गुना तक कीमत वसूली जा रही है वहीं उपकरण होलसेल रेट में उपलब्ध कराने का अभियान चला रखा है. उनका यह अभियान न सिर्फ उमरिया में चलाया जा रहा है. बल्कि बिरसिंहपुर पाली, शहडोल, बुढार और कोतमा जैसी जगहों पर भी उनकी इस मुहिम से पीड़ितों को बड़ी राहत मिल रही है. मोनू अन्य जगहों के अपने युवा कारोबारियों के साथ मिलकर लगभग 1000 पीड़ितों तक यह सुविधा पहुंचा चुके हैं.
- आपदा में सेवा का अवसर खोजा
हेमंत सचदेव जिन्हें उमरिया नगर में मोनू के नाम से जानते हैं, उन्होंने बताया कि मीडिया द्वारा प्रचलित किया गया शब्द आपदा में अवसर दिमाग में बार-बार चोट करता था. कोरोना की भयावहता और लोगों की आवश्यकता के बीच मची सरेआम लूट से मन बेहद खिन्न था. तभी मोनू ने अपने पिता से सारी बातें बताई, जमाखोरी और कालाबाजारी करने वालों ने आपदा में अवसर खोज लिया है, तो सेवा करने वाले पीछे क्यों रहें ? उन्हें भी तो सेवा का अवसर खोजना चाहिए.
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जैसे ही यह बात उनके पिता के दिमाग में क्लिक हुई, वो सोचने लगे की आखिर ऐसा क्या करें कि कोरोना पीड़ित परिवारों को कुछ फौरी राहत मिल सके, चर्चा के बाद परिवार ने तय किया कि वो जरूरतमंदों को खरीद रेट पर मेडिकल इक्विपमेंट उपलब्ध कराएंगे, इक्विपमेंट्स मंगाने और जरूरतमंदों तक पहुंचाने का जो ट्रांसपोर्टेशन खर्च आएगा, उसे वह खुद वहन करेंगे. पहले चरण में हमने ऑक्सीमीटर, फ्लोमीटर और विपोराइजर ( भाप लेने की मशीन ) उपलब्ध कराना शुरू किया.
मोनू ने बताया कि आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि उमरिया जैसी छोटी जगह पर जो ऑक्सीमीटर हम 875 रुपए में लोगों को उपलब्ध करा रहे हैं व्यापारियों ने उसके लिए 1500 से 4500 तक वसूले हैं. हर उपकरण पर मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं.
- अस्पताल के सामने लगा स्टाल
उन्होंने बताया कि अब उन्होंने जिला चिकित्सालय उमरिया के सामने सेवा भारती द्वारा बनाए गए सहायता पंडाल में इन उपकरणों का स्टाल लगवा दिया है, ताकि ये चीजें जरूरतमंदों तक सहजता से पहुंच सकें, कुछ लोग फोन करके भी जानकारी मांगते हैं और बताए गए स्थान से ले जाते हैं, या हम उनके पास पहुंचवा देते हैं. वहीं शहडोल संभाग के कमिश्नर राजीव शर्मा का कहना है कि उमरिया में स्वप्रेरणा से कुछ कारोबारियों ने आपदा के समय लोगों से अनाप-शनाप राशि ऐंठने की बजाय चिकित्सीय उपकरणों को वास्तविक मूल्य से भी कम दाम पर उपलब्ध कराने का जो भागीरथी प्रयास शुरू किया है, मैं उसकी सराहना करता हूं मुझे उम्मीद है इस तरह के उदाहरणों से समाज में सकारात्मक भावना का विकास होगा और दूसरे लोग भी अच्छा करने के लिए प्रेरित-प्रोत्साहित होंगे, ऐसे नागरिक प्रयास आशा जगाते हैं.