उमरिया। जिले के राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ में जंगली हाथी के हमले में घायल हथिनी लक्ष्मी की मौत हो गई है. शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद लक्ष्मी के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया. गौरतलब है कि उद्यान के कल्लवाह कोर परिक्षेत्र अंतर्गत जनाड़ कैम्प में बीती रात जंगली हाथी ने हथिनी पर हमला कर उसे बुरी तरह घायल कर दिया था. जिसके बाद से घायल हथिनी का इलाज किया जा रहा था, परंतु चिकित्सकीय टीम के अथक प्रयासों के बाद भी उसे नहीं बचाया जा सका.
हाथी ने कैंप पर किया हमला: हाथी लक्ष्मी की मौत के संदर्भ में जानकारी देते हुए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के एसडीओ सुधीर मिश्रा ने बताया कि ''जंगली हाथी ने कैंप में भी हमला किया है. हाथी के हमले में जनाड़ कैंप में काफी नुकसान हुआ है. कैंप में कर्मचारियों के रहने के लिए बनाए गए कैबिन जंगली हाथी ने तोड़ दिए हैं.'' अनुमान लगाया जा रहा है कि जंगली हाथी ने कैंप में प्रवेश किया और उसके बाद उसने यहां तोड़फोड़ मचा दी और इसी दौरान उसने लक्ष्मी को भी घायल कर दिया होगा.
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बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन पर उठे सवाल: बता दें कि जनवरी 23 से अगस्त तक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 8 बाघों की मौत हो चुकी है. 31 अगस्त को तेंदुए की मौत भी यहां संघर्ष में हो गई थी. इन घटनाओं के बीच अब एक हथिनी की मौत ने एक बार फिर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व जैव विविधता के लिए जाना जाता है लेकिन सभी तरह के जानवरों की मौत लगातार हो रही है जिससे कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगने लगा है.