उमरिया। शारदीय नवरात्रि की अष्टमी पर सोमवार को मां का विशेष श्रृंगार सोने के आभूषणों से किया गया. माता बिरासनी के दरबार में संध्या आरती के दौरान विशेष आरती का आयोजन किया जायेगा. इसमें नगर के अलावा प्रदेश के कोने -कोने से श्रद्धालु शामिल होकर पुण्य लाभ की प्राप्ति करेंगे. जिले के प्रसिद्ध शक्ति केन्द्र मां बिरासिनी देवी मंदिर में मां का स्वर्ण आभूषणों से भव्य श्रंगार किया गया है.
सप्तमी को चांदी के आभूषणों से श्रंगार : नवमी के आते ही पंडालों में बिराजी मातेश्वरी का तेज भी निखरता जा रहा है. जगह-जगह धार्मिक आयोजन हो रहे हैं. शाम होते ही श्रद्धालु माता की छवि को निहारने निकल पड़ते हैं. उनके दर्शनो के लिए शहर और कस्बे में काफी भीड़ उमड़ती है और हलचल रहती है. पाली के बिरासिनी धाम मे रविवार को सप्तमी के दिन माता महाकाली का चांदी के आभूषणो से श्रंगार किया गया. उल्लेखनीय है कि नवरात्रि की सप्तमी तिथि को मां कालरात्रि की आराधना की जाती है.
नवमी पर जवारे का विसर्जन : पौराणिक ग्रंथों के मुताबिक असुरों का वध करने के लिए मां पार्वती ने कालरात्रि का रूप धारण किया था. मान्यता है कि मां कालरात्रि की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने वाले साधकों को भूत, प्रेत या बुरी शक्ति का डर नहीं सताता. कल नवमीं तिथि पर ऐतिहासिक जवारा जुलूस निकलेगा. शारदीय नवरात्रि पर मां बिरासिनी दरबार मे 4 हजार 623 कलश स्थापित किये गये. इनमे ज्योति घी कलश, ज्योति तेल कलश, आजीवन ज्योति घी कलश, आजीवन ज्योति तेल व साधारण कलश शामिल हैं. जिनका विसर्जन नवमी तिथि पर 4 अक्टूबर को किया जायेगा. जवारा चल जुलूस मंदिर प्रांगण से निकल कर नगर का भ्रमण करता हुआ स्थानीय सगरा तालाब पहुंचेगा, जहां जवारे विसर्जित किये जायेंगे.
(MP Umaria Mata Birasani) (Birasani adorned gold ornaments) (Grand aarti in evening)