उमरिया। कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के बीच एक कपल ने जिले में शादी की. इस शादी की अनुमति प्रशासन ने पहले ही दे दी थी. जिसके बाद सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दोनों शादी के बंधन में बंध गए, दुल्हन मायके से तो विदा हो गई. लेकिन ससुराल नहीं पहुंच पाई. वहीं दूल्हा भी शादी के बाद अपने घर नहीं पहुंच सका.
दरअसल इन दोनों की शादी जिले के नौरोजाबाद में हुई, शादी के बाद जब विवाहित जोड़ा छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ पहुंचा तो शहर की सीमा में तैनात टीम ने इन्हें घर जाने की अनुमति नहीं दी और इन्हें प्रशासन द्वारा बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर भेज दिया गया. जहां इन नवविवाहित जोड़े को 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन कर दिया गया, गुरुवार को शादी कर जब दूल्हा-दुल्हन कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़ पहुंचे तो दूल्हे सुशील गुप्ता और उसकी मां लक्ष्मीना गुप्ता को क्या मालूम था कि वह शादी के बाद घर लौटकर बाकी बची रस्म नहीं कर पाएंगे.
शादी का कार्ड बांटने उत्तरप्रदेश गए दूल्हे के पिता लॉकडाउन हो जाने के कारण वहीं फंसे हुए हैं. जिसके चलते वह अपने बेटे की शादी में शरीक नहीं हो पाए. मनेन्द्रगढ़ के बदन सिंह मोहल्ला में रहने वाले सुशील गुप्ता की शादी 6 मई को सुमन से नौरोजाबाद में हुई. इस अनोखी शादी में दोनों पक्षों को मिलाकर केवल 9 लोग शामिल हुए, दूल्हा एक गाड़ी में अपनी मां और छोटे भाई के साथ बारात लेकर पहुंचा था. वहीं दुल्हन की तरफ से भी कुछ ही लोग शामिल हुए थे.
वहीं शादी के बाद अगले दिन दूल्हा बाकि रीति-रिवाजों को पूरा करने के लिए घर नहीं पहुंच पाया. दोनों को क्वॉरेंटाइन कर दिया गया. वहीं दूल्हे की मां बीपी की मरीज है. ऐसे में वह चाहता है कि उसे उसके घर में ही बाहर से ताला लगाकर क्वॉरेंटाइन कर दिया जाए.